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    कर्मियों की भारी कमी से जूझ रहा दिल्ली अग्निशमन विभाग, 2008 के बाद से कई पदों पर नहीं हुई भर्ती

    Updated: Sun, 22 Jun 2025 08:57 AM (IST)

    दिल्ली अग्निशमन विभाग पिछले कई सालों से कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है। राजधानी में नए फायर स्टेशन खुलने के बावजूद कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई, जिससे मौजूदा स्टाफ को ही नए केंद्रों में तैनात करना पड़ा। स्वीकृत पदों में से भी सैकड़ों पद खाली पड़े हैं। इस कमी के कारण विभाग आग लगने की घटनाओं पर समय पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाता।  

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    अग्निशमन विभाग कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है।

    राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। राजधानी की आबादी तेजी से बढ़ती जा रही है, फैक्ट्रियां खुल रही हैं, बाजारों व आवासीय सोसाइटियों के विस्तार होने के साथ नए-नए प्रतिष्ठान खुल रहे हैं। उस हिसाब से हाल के वर्षों में कुछ नए फायर स्टेशन खोले तो गए, लेकिन उक्त केंद्रों में काम करने के लिए कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है। जिससे अग्निशमन विभाग पिछले 13 सालों से कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है।

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    इस मामले को लेकर समय समय पर संबंधित अधिकारियों को पत्र भेज कर्मचारियों की भर्ती करने की गुहार लगाई गई, लेकिन कहीं कोई सुनने वाला नहीं है। ऐसे में राजधानी में आग लगने की घटनाएं होने पर अग्निशमन विभाग न तो समय पर मौके पर आवश्यकता अनुसार कर्मचारियों को भेज पा रहा है और न ही आग बुझाने की त्वरित कार्रवाई कर पा रहा है।

    दिल्ली में गर्मी के मौसम में एसी के कारण घरों, दुकानों, फैक्ट्रियों आदि में आग लगने की घटनाएं कई बार इतनी अधिक हो जाती हैं कि सीमित संसाधन के कारण विभाग को समय रहते त्वरित कार्रवाई करने में काफी परेशानी आती है। लोगों को जानमाल का नुकसान हो जाता है।

    वर्तमान में अग्निशमन विभाग में कर्मचारियों की संख्या करीब 2500 है। राजधानी में पहले से 53 अग्निशमन केंद्र थे, हाल के वर्षों में 12 और नए केंद्र खोले गए, लेकिन इन केंद्रों के लिए कर्मचारियों के नए पद स्वीकृत नहीं किए गए। 53 केंद्रो में तैनात कर्मचारियों में से ही कई कर्मचारियों को उक्त नए केंद्रों में तैनात कर दिया गया।

    53 स्टेशनों के लिए कई दशक पहले स्टेशन अधिकारी, उप अधिकारी, लिडिंग फायरमैन व फायर फायटिंग के जितने पद स्वीकृत किए गए थे उनमें भी करीब 500 पद 13 वर्षों से खाली पड़े हैं। खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरने व कई नए केंद्र खोले जाने पर उनके लिए भी और नए पद स्वीकृत करने की मांग कई बार की गई हैं।

    विभाग में स्टेशन अधिकारी के 90 पद स्वीकृत हैं। इनमें 50 प्रतिशत सीधी भर्ती द्वारा और 50 प्रतिशत प्रमोशन के द्वारा भरे जाने हैं लेकिन 13 वर्षों से इसपर कोई अमल नहीं हो रहा है। इसी तरह उप अधिकारी के 172 पद स्वीकृत हैं। उनमें 57 पद सीधी भर्ती से भरे जाने हैं, लेकिन 2014 के बाद से सीधी भर्ती नहीं हुई है।

    सब ऑफिसर के भी 57 पद खाली पड़े हैं। लिडिंग फायरमैन के कुल 422 पद स्वीकृत हैं। यह पद पदोन्नति के द्वारा भरे जाते हैं। 2019 के बाद इसमें एक भी पद नहीं भरा गया है। कई फायर स्टेशन ऐसे हैं जहां एक भी लिडिंग फायरमैन नहीं है। उनकी भूमिका स्टेशन इंचार्ज संभाल रहे हैं।

    द्वारका सेक्टर 13 की एक सोसाइटी में आग लगने से तीन लोगों की मौत हो जाने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि आखिर राजधानी में अग्निशमन विभाग के करीब एक दर्जन और नए केंद्र (द्वारका सेक्टर तीन, सेक्टर 20, नरेला, गाजीपुर, महिपालपुर, यमुना विहार, गीता कॉलोनी, आनंद पर्वत आदि) खोले जाने का प्रस्ताव वर्षों से अधर में क्यों लटका है? अग्निशमन विभाग में कर्मचारियों की कमी को दूर क्यों नहीं किया जा रहा है?