IPL 2023 Bhojpuri Commentary: कौन हैं शिवम सिंह? IPL 2023 में भोजपुरी कमेंट्री के लिए इस तरह हुआ चयन
Shivam Singh doing Bhojpuri commentary आईपीएल में कमेंट्री से भोजपुरी भाषा की मिठास घोल रहे कैमूर के शिवम। 16 फरवरी को हुआ था साक्षात्कार 20 फरवरी को ...और पढ़ें

रवींद्र वाजपेयी, भभुआ। ई गेंद गईल मैदान के पार मारदेहलन चौका, बढ़िया खेल रहल बाल, बढ़िया साझेदारी भईल .......... यह बात भोजपुरी में क्रिकेट खेलने के दौरान सभी ने कही और सुनी होगी। लेकिन अब यह आवाज गांव व छोटे शहर के खेल मैदान तक ही सीमति नहीं रही बल्कि आईपीएल मैच में हो रही भोजपुरी भाषा में कमेंट्री में भी सुनने को मिल रही है।
भोजपुरी भाषा में कमेंट्री शुरू होने से पूर्वांचल क्षेत्र के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। खास कर कैमूरवासियों में खुशी का कोई ठिकाना नहीं है, क्योंकि भोजपुरी भाषा में कमेंट्री करने वालों में कैमूर के शिवम भी शामिल हैं। अब तक भोजपुरी भाषा को एक अच्छी पहचान दिलाने में कैमूर के अतरवलियां गांव निवासी वर्तमान में सांसद मनोज तिवारी का नाम लिया जाता था। लेकिन अब इसके लिए कैमूर के मूलत: चांद प्रखंड के चांद गांव निवासी दिलीप सिंह के पुत्र शिवम सिंह का भी नाम लिया जाएगा।
पिता के नक्शेकदम पर चल कर पुत्र ने पाई सफलता
शिवम के पिता दिलीप सिंह अधिवक्ता हैं और भभुआ सिविल कोर्ट में वकालत करते हैं। वे एक प्रगतिशील किसान भी हैं। लेकिन शुरू से ही उनकी क्रिकेट में काफी रुचि है। वे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के तीसरी बार व लगातार दूसरी बार उपाध्यक्ष बने हैं। उनके सानिध्य में ही शिवम लगातार क्रिकेट का अभ्यास करते रहे और आज उनकी मेहनत की बदौलत सफलता मिल ही गई।
प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी से पूरा करने के बाद इलाहाबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के दौरान भी वे क्रिकेट खेलते रहे। लगातार अभ्यास व मेहनत से उन्हें रणजी ट्राफी खेलने का मौका मिला। शिवम पढ़ने में काफी मेधावी हैं। उन्हें मैथ ए जीनियस का अवार्ड भी मिला है।
रणजी ट्राफी में 47 वर्ष बाद बिहार को शिवम ने दिलाई जीत
शिवम सिंह ने यह मुकाम काफी संघर्ष व अपनी प्रतिभा की बदौलत प्राप्त किया है। अपने खेल का बेहतर प्रदर्शन कर क्रिकेट में अच्छी पहचान बनाई। बीते वर्ष रणजी ट्राफी में शिवम ने अपने बल्ला से 45 रन बना कर और 119 रन की सचिन कुमार के साथ साझेदारी कर बिहार को 47 वर्ष बाद जीत दिलाई। यह मैच मोइनुलहक स्टेडियम पटना में हुआ था।
इसके बाद रणजी ट्राफी में ही मिजोरम के खिलाफ गुजरात में हुए मैच में शिवम ने 110 रन बना कर जीत दिलाई। इस मैच में शिवम ने बाबुल कुमार के साथ 225 रन की साझेदारी पारी खेली थी।
बिहार को रणजी ट्राफी में दिलाई जीत तो सभी की नजर में हो गए बेहतर
रणजी ट्राफी में 47 वर्ष बाद बिहार को जीत दिलाने पर संघ के बड़े पदाधिकारियों व भोजपुरी भाषा के लिए कमेंट्री का चयन करने वाले बोर्ड के अधिकारियों की नजर में शिवम आ गए। इसी दौरान आइपीएफ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य और इंडियन क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा के प्रयास के चलते बिहार और यूपी के रणजी ट्राफी के खेले खिलाड़ियों का 16 फरवरी को साक्षात्कार लिया गया। 20 फरवरी को उसका परिणाम आया। साक्षात्कार में शिवम ने भी हिस्सा लिया। परिणाम जब आया तो उसमें शिवम सिंह का चयन एक्स्पर्ट कमेंट्रेटर के रूप में हुआ।
पांच भाई बहनों में शिवम हैं सबसे छोटे
अधिवक्ता दिलीप सिंह की तीन पुत्री व दो पुत्र हैं। वे वर्तमान में नगर के वार्ड नंबर 11 में रहते हैं। सभी परिवार काफी शिक्षित है। तीन पुत्रियों में दो मेडिकल क्षेत्र में तो एक पुत्री शिक्षा के क्षेत्र में आज कार्य कर रही हैं। जबकि बड़े पुत्र संकल्प सिंह प्रतापगढ़ में चिकित्सक हैं। जबकि सबसे छोटे शिवम आज क्रिकेट में भोजपुरी भाषा में कमेंट्री कर रहे हैं। अधिवक्ता दिलीप सिंह भी क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने शबा करीम, रमेश सक्सेना आदि कई खिलाड़ियों के साथ क्रिकेट खेला है। उनके पिता व दादा भी अधिवक्ता थे।

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