Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    क्‍या होती है टेरिटोरियल आर्मी? MS Dhoni समेत ये क्रिकेटर हैं हिस्‍सा, युद्ध और आपदा में करती है मदद

    Updated: Sat, 10 May 2025 05:11 PM (IST)

    भारत-पाकिस्‍तान के बीच इन दिनों तनाव जारी है। इसके चलते इंडियन प्रीमियर लीग 2025 को स्‍थगित कर दिया गया है। इस बीच रक्षा मंत्रालय ने रेगुलर आर्मी की सहायता के लिए एक अधिसूचना जारी की। इसके तहत रेगुलर आर्मी अपनी सहायता के लिए टेरिटोरियल आर्मी को बुला सकती है। टेरिटोरियल आर्मी को सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस भी कहा जाता है।

    Hero Image
    संकट में देश की मदद करती है यह आर्मी।

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत-पाकिस्‍तान के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी तनाव अब थम सकता है। दोनों ही देश युद्ध विराम के लिए राजी हो गए हैं। तनाव के चलते आईपीएल 2025 को स्‍थगित कर दिया गया था। रक्षा मंत्रालय ने रेगुलर आर्मी की सहायता के लिए एक अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत रेगुलर आर्मी अपनी सहायता के लिए टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) को बुला सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    टेरिटोरियल आर्मी को सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस भी कहा जाता है और यह एक अर्द्धसैनिक बल है। देश में हुए कई बड़े ऑपरेशनों में प्रादेशिक सेना काम कर चुकी है। इस आर्मी में अभी 50 हजार सदस्‍य हैं। पूर्व भारतीय कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी और कपिल देव भी इस आर्मी का हिस्‍सा हैं। दोनों कप्‍तान प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। इतना ही नहीं शूटर अभिनव बिंद्रा भी प्रादेशिक सेना का हिस्‍सा हैं।

    क्‍या होती है टेरिटोरियल आर्मी

    टेरिटोरियल आर्मी या एक प्रादेशिक सेना एक पार्ट-टाइम रिजर्व बल है। यह अर्द्धसैनिक बल होती है, जिसे सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस भी कहते हैं। आमतौर में इसमें ऐसे लोग शामिल होते हैं जो नौकरी या व्यवसाय के साथ-साथ सेना में भी अपनी सेवा देते हैं। इस आर्मी में शामिल लोग सिर्फ कुछ महीनों की ट्रेनिंग लेते हैं और इन्हें आपात स्थिति या युद्धकाल जैसे हालातों में भी एक्टिव ड्यूटी पर बुलाया जाता है। इनका इस्तेमाल ज्यादातर इंटरनल सिक्योरिटी, आपदा प्रबंधन और सहायक कार्यों के लिए किया जाता है।

    ये भी पढ़ें: Operation Sindoor: MS Dhoni लेफ्टिनेंट कर्नल तो सचिन तेंदुलकर हैं ग्रुप कैप्टन, जानें भारतीय सेना में शामिल 5 क्रिकेटर

    कई जंग में दे चुकी है योगदान

    यह आर्मी 1962, 1965, 1971, 1999 की जंग में अहम भूमिका निभा चुकी है। प्रादेशिक सेना को उनकी वीरता के लिए सम्‍मानित भी किया जाता है। देश की आजादी के बाद से अब तक इस आर्मी को 402 मेडल मिल चुके हैं। बता दें कि प्रादेशिक सेना की शुरुआत 18 अगस्त 1948 को 11 यूनिट्स के साथ हुई। 9 अक्टूबर को टेरिटोरियल आर्मी डे मनाया जाता है, इसी दिन 1949 में भारत के पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने इसका मुख्‍यायल शुरू किया था।

    टेरिटोरियल आर्मी में पैदल सेना, इंजीनियरिंग, सिग्‍नल्‍स और रसद जैसे कई विभाग शामिल हैं। इसमें इकाइयां जैसे इन्‍फैंट्री, बटालियन, इकोलॉजिकल टास्‍क फोर्स और रेलवे इंजीनियर रेजिमेंट शामिल हैं। 18 से 42 साल की आयु के ऐसे नागरिक जो शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हों, प्रादेशिक सेना में भर्ती हो सकते हैं। इसमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं।

    ये भी पढ़ें: बॉर्डर पर जाएंगे लेफ्टिनेंट कर्नल एमएस धोनी? टेरिटोरियल आर्मी को लेकर रक्षा मंत्रालय का नोटिफिकेशन जारी