BCCI को मिली चेतावनी, Vaibhav Suryavanshi को सचिन जैसा संभालो; पृथ्वी-कांबली जैसा ना हो जाए हाल
IPL 2025 में राजस्थान रॉयल्स के युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। गुजरात के खिलाफ खेले गए मैच में सिर्फ 35 गेंदों में वैभव ने शानदार शतक जड़ा। वह आईपीएल में सबसे तेज शतक जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज बने। इस बीच वैभव को लेकर भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने बीसीसीआई को चेतावनी दी। उन्होंने बीसीसीआई से वैभव का समर्थन करने का आग्रह किया।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Greg Chappell on Vaibhav Suryavanshi: राजस्थान रॉयल्स के युवा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी आईपीएल 2025 में धूम मचा रहे हैं। 14 साल के वैभव ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच में सिर्फ 35 गेंदों पर शतक जड़ा था। इस शतक के साथ वैभव आईपीएल में सबसे तेज शतक जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज बने थे।
बेहद ही छोटी उम्र में वैभव ने जो अपनी पहचान बना ली है, उसकी हर कोई तारीफ कर रहा हैं। इस बीच भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने बीसीसीआई को वैभव को सचिन की तरह संभालकर रखने की सलाह दी है और पृथ्वी-विनोद कांबली जैसा हाल ना हो जाए इसको लेकर उन्हें चेतावनी दी।
Greg Chappell ने BCCI को दी वॉर्निंग
दरअसल,भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल (Greg Chappell) ने बीसीसीआई (BCCI) को चेतावनी दी है कि वह वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) को संभालकर रखें। उन्होंने सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली और पृथ्वी शॉ का उदाहरण देते हुए कहा है कि वैभव को सही तरीके से संभालना होगा। नहीं तो, उनका करियर भी बर्बाद हो सकता है।
ईएसपीएनक्रिकइन्फो के लिए अपने कॉलम में ग्रेग ने लिखा,
"सचिन तेंदुलकर ने सिर्फ प्रतिभा के कारण ही सफलता नहीं पाई, बल्कि एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम की वजह से भी सफलता पाई। एक शांत स्वभाव, एक बुद्धिमान कोच, एक परिवार ने उन्हें दुनियाभर से बचाया। दूसरी ओर, विनोद कांबली, जो उतने ही प्रतिभाशाली और शायद ज्यादा तेजतर्रार थे, लेकिन वे शोहरत और अनुशासन के बीच संतुलन नहीं बना पाए। उनका पतन भी उतनी ही तेजी से हुआ, जितनी तेजी से वे ऊपर उठे थे। पृथ्वी शॉ भी एक ऐसे ही खिलाड़ी हैं। जो अभी गिर गए हैं। लेकिन, शायद वे फिर से उठ खड़े हों।"
चैपल ने कहा कि प्रतिभा का सही मार्गदर्शन और सुरक्षा वैभव को मिलनी चाहिए। उसे सिर्फ मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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बता दें कि विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर ने एक साथ ही अपने करियर की शुरुआत की थी। जहां तेंदुलकर खेल खेलने वाले अब तक के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक बन गए, जबकि बाएं हाथ के विनोद कांबली गुमशुदा जिंदगी जीने लगे।
मास्टर ब्लास्टर ने अपने शानदार करियर के दौरान सभी प्रारूपों (टेस्ट, वनडे और टी20) में कुल 34,357 रन बनाकर क्रिकेट में महत्वपूर्ण पारियां खेली। उन्होंने टेस्ट में 15,921 रन और वनडे में 18,426 रन बनाए, उन्होंने एक टी20 मैच भी खेला, जिसमें 10 रन बनाए।
वहीं, विनोद कांबली ने टेस्ट में 17 मैच खेलते हुए 1084 रन, 104 वनडे में 2477 रन और फर्स्ट क्लास में 9965 और लिस्ट-ए में 221 मैच में 6476 रन बनाए।
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