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    RR vs GT: 'मुझे किसी का डर नहीं', 14 साल के 'बच्चे' वैभव सूर्यवंशी ने दे दी गेंदबाजों को खुलेआम चेतावनी

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 11:30 PM (IST)

    राजस्थान रॉयल्स के 14 साल के बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ तूफानी पारी खेली और 101 रन बनाए। इस पारी के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। मैच के बाद वैभव ने जो कहा है उसने बता दिया है कि वह किसी से डरते नहीं है।

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    वैभव सूर्यवंशी ने खेली दमदार पारी और बरसा दिए रिकॉर्ड

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। वैभव सूर्यवंशी ने सोमवार को गुजरात टाइटंस के खिलाफ जो पारी खेली उससे अपना नाम अमर कर दिया। कोई भी अब उनकी इस पारी को नहीं भूल सकता है। इस पारी में उन्होंने न सिर्फ रन बरसाए बल्कि रिकॉर्ड भी। अपनी पारी से 14 साल के इस खिलाड़ी ने राजस्थान रॉयल्स को आठ विकेट से जीत दिलाई। वैभव ने कहा कि उन्हें किसी गेंदबाज से डर नहीं लगता।

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    गुजरात ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में चार विकेट खोकर 209 बनाए। राजस्थान ने ये टारगेट 15.5 ओवरों में दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। वैभव ने 38 गेंदों पर सात चौके और 11 छक्कों की मदद से 101 रन बनाए। उनके अलावा यशस्वी जायसवाल ने 40 गेंदों पर नाबाद 70 रनों की पारी खेली जिसमें नौ चौके और दो छक्के मारे।

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    'मुझे डर नहीं लगता'

    वैभव को इस पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। ट्रॉफी लेने आए वैभव से जब मुरली कार्तिक ने पूछा कि क्या उन्हें डर नहीं लगता तो उन्होंने कहा कि उन्हें किसी से डर नहीं लगता क्योंकि वह गेंदबाज को नहीं गेंद के देखते हैं। वैभव ने कहा, "काफी अच्छी फीलिंग है। मेरा पहला आईपीएल शतक था तो अच्छा लग रहा है। मैं काफी दिनों से मेहनत कर रहा था तो वो मेहनत रंग लाई। मैं मैदान पर खिलाड़ी को नहीं गेंद को देखता है। मैदान पर मैं ज्यादा सोचता नहीं हूं। आईपीएल में 100 बनाना मेरा सपना था तो वो पूरा किया। मुझे किसी तरह का डर नहीं। मैं इतना नहीं सोचता हूं सिर्फ गेंद पर ध्यान देता हूं।"

    बच्चे नहीं है सूर्यवंशी

    वैभव ने जिस तरह की पारी खेली उसने साबित किया है कि उनकी उम्र बेशक बच्चों वाली है लेकिन उनका खेल बड़ों वाला है। अपनी पारी के दौरान वैभव ने मैच्योरिटी दिखाई। शतक लगाने के बाद वैभव ने आराम से जश्न मनाया। पूरी पारी के दौरान उनके चेहरे पर धीरज दिखाई दिया। उनके हावभाव में स्थिरता थी न की कोई आक्रामकता जो आमतौर पर 14 साल के बच्चे में इतने बड़े मंच पर शतक लगाने के बाद देखी जा सकती है।

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