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    फिलहाल नहीं हटेगा स्टैंड से मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम, तेलंगाना हाईकोर्ट ने लगाई रोक

    Updated: Wed, 30 Apr 2025 05:18 PM (IST)

    अजहरुद्दीन ने 20 अप्रैल को इस फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए उत्तरी स्टैंड से उनका नाम हटाने के लोकपाल के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। अजहरुद्दीन ने इस आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोकपाल का कार्यकाल 18 फरवरी 2025 को समाप्त हो गया था और उनके द्वारा लिया गया कोई भी आदेश अमान्य माना जाना चाहिए।

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    केस सुनवाई के दौरान मोहम्मद अजहरुद्दीन। फोटो- PTI

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। तेलंगाना हाईकोर्ट ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) को निर्देश दिया कि वह उप्पल स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के उत्तरी स्टैंड से पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम न हटाये। अदालत का यह आदेश एचसीए लोकपाल न्यायमूर्ति ईश्वरैया द्वारा हाल ही में जारी निर्देश के जवाब में आया है, जिन्होंने पिछले सप्ताह अजहरुद्दीन का नाम स्टैंड से हटाने का आदेश दिया था।

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    एचसीए के नैतिक अधिकारी के रूप में कार्यरत न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी ईश्वरैया ने एचसीए की सदस्य इकाई लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब द्वारा प्रस्तुत याचिका के बाद इस महीने की शुरुआत में यह निर्णय लिया था। याचिका में अजहरुद्दीन पर पूर्व एचसीए अध्यक्ष के रूप में अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके मनमाने फैसले लेने का आरोप लगाया गया था।

    लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब ने दाखिल की थी याचिका

    लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब की याचिका में दावा किया गया है कि पूर्व भारतीय कप्तान ने दिसंबर 2019 में एक प्रस्ताव को सुरक्षित करने के लिए पूर्व अध्यक्ष के रूप में शीर्ष परिषद की बैठक में भाग लेकर एचसीए के नियमों का उल्लंघन किया, जबकि एसोसिएशन प्रमुख की भूमिका संभालने के एक महीने बाद ही उन्होंने उत्तरी स्टैंड का नाम अपने नाम पर रख लिया था।

    फैसले को दी थी चुनौती

    अजहरुद्दीन ने 20 अप्रैल को इस फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए उत्तरी स्टैंड से उनका नाम हटाने के लोकपाल के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। अजहरुद्दीन ने इस आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोकपाल का कार्यकाल 18 फरवरी 2025 को समाप्त हो गया था और उनके द्वारा लिया गया कोई भी आदेश अमान्य माना जाना चाहिए।

    अजहरुद्दीन ने कानूनी सहारा लेने की कही बात

    अजहरुद्दीन ने पीटीआई से कहा, मैं निश्चित रूप से कानूनी सहारा लूंगा और इस आदेश पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में अपील करूंगा। यह शर्म की बात है कि एक भारतीय कप्तान का नाम हटाने के लिए कहा जा रहा है।

    गौरतलब हो कि अजहरुद्दीन ने 1985 से 2000 तक 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेले और 29 शतकों और 79 अर्द्धशतकों के साथ 15,593 रन बनाए। उनकी गिनती सफल कप्तानों में होती है।

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