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    सुनील गावस्कर कॉलम: रोहित का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना क्रिकेट जगत के लिए क्षति

    भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने को भारी क्षति बताई है। साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की कार्रवाई से खुश होकर तारीफ की है। उन्होंंने भारतीय सैनिकों को शुभकामनाएं और सफलता की प्रार्थना की है। सुनील गावस्कर ने वीर सैनिकों को अपना सलाम भेजा है।

    By Digital Desk Edited By: Umesh Kumar Updated: Sun, 11 May 2025 05:00 AM (IST)
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    सुनील गावस्कर ने रोहित की तारीफ की। फाइल फोटो

     सुनील गावस्कर कॉलम। शाबाश बीसीसीआई। जब देश को जरूरत हो तब आईपीएल को निलंबित करने का निर्णय बिल्कुल सही है। जब हमारे वीर और साहसी सैनिक देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हों, तब कोई खेल कैसे हो सकता है। हमारी प्रार्थनाएं और शुभकामनाएं उनके और उनके परिवारों के साथ हैं। मैंने वर्षों से खासकर अमेरिका की यात्राओं के दौरान यह देखा है कि वहां की जनता अपने सशस्त्र बलों के प्रति अत्यंत सम्मान प्रकट करती है। जब उड़ान में चढ़ने की घोषणा की जाती है तो पहले सेना के जवानों और व्हीलचेयर पर निर्भर असहाय यात्रियों को प्राथमिकता दी जाती है।

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    यहां तक कि सेवानिवृत्त और भूतपूर्व सैनिकों को भी प्रथम श्रेणी और व्यवसायिक श्रेणी के यात्रियों से पहले चढ़ने की अनुमति दी जाती है। आशा है कि हमारे सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रदाता भी ऐसा ही कुछ करेंगे, जिससे हम अपने सैनिकों के साहस और बलिदान के प्रति सम्मान प्रकट कर सकें, जिनकी वजह से हम अपने घरों में चैन से सो पाते हैं। हमें उन अन्य सुरक्षाबलों को भी नहीं भूलना चाहिए जो हमारे सीमाओं की रक्षा करते हैं जैसे कि कस्टम, इमिग्रेशन अधिकारी और देश की पुलिस जो इस राष्ट्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सराहनीय कार्य करते हैं।

    उनकी हिम्मत को सलाम, जो इस बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से खत्म करने में लगे हुए हैं, जो यह समझने को तैयार नहीं कि भारत उनके दुर्भावनापूर्ण इरादों के आगे कभी नहीं झुकेगा। अब बात क्रिकेट की। रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि क्रिकेट जगत के लिए भी एक बड़ी क्षति है। वह वनडे प्रारूप के लिए अभी भी चयन के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन अब हम दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों के खिलाफ उनकी सहजता, शैली और गरिमा से खेले गए पुल शाट का आनंद नहीं ले पाएंगे।

    मैंने जितना क्रिकेट देखा है, उसमें सिर्फ विव रिच‌र्ड्स ही रोहित के समान पुल शॉट खेलते थे। जहां रिच‌र्ड्स आमतौर पर स्क्वायर लेग से मिड आन तक खेलते थे। वहीं रोहित गेंद को बाउंस से नीचे आकर मिडविकेट से लेकर डीप फाइन लेग तक दर्शकों के बीच भेजते थे। तेज गेंदबाज के लिए यह बहुत ही हतोत्साहित करने वाला होता है जब उसकी सबसे तेज गेंद दर्शकों के बीच चली जाती है। रोहित के पास और भी कई बेहतरीन शाट थे, लेकिन उनके पुल शाट तो सांसें रोक देते थे।

    उनके पास इतना समय होता था कि 2021 के गाबा टेस्ट के दौरान मैंने मजाक में कहा था कि वह गेंद फेंके जाने के बाद हेलमेट उतार सकते हैं, बालों में कंघी कर सकते हैं, हेलमेट वापस पहन सकते हैं और फिर भी आराम से गेंद को दर्शकों में भेज सकते हैं। उस मैच में स्टार्क, कमिंस और हेजलवुड जैसे गेंदबाज पूरी रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे, लेकिन रोहित मानो स्पिनरों के सामने खेल रहे हों।

    अगर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मैदानों की सीमाओं का थोड़ा बेहतर आकलन किया होता और बाउंड्री के पास कैच न दिए होते, तो वहां भी शतक जरूर बनाते। उस दौर में जब भारतीय बल्लेबाजों को तेज गेंदबाजी के सामने असहज माना जाता था, रोहित को इस तरह से विपक्षी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते देखना गर्व का क्षण होता था। बतौर कप्तान भी उनका शांत स्वभाव दृढ़ संकल्प की झलक देता था।

    उनकी बंबइया हिंदी मजाकिया होते हुए भी युवा खिलाड़ियों को सख्त संदेश देती थी। सिर्फ क्रिकेट प्रेमी ही नहीं, मीडिया भी उनके खेल के बाद दिए जाने वाले इंटरव्यू को मिस करेगा। आज जब बल्लेबाजी सिर्फ ताकत का खेल बनती जा रही है, रोहित की कलात्मक शैली एक सुकून देने वाला दृश्य थी। यहां तक की जब गेंद स्टेडियम के सबसे दूर कोने तक जाती थी। वे लोग जो सफेद गेंद के खेल से अधिक टेस्ट क्रिकेट को पसंद करते हैं, उन्हें निश्चित रूप से आंकड़ों के जानकारों की तुलना में उनकी अधिक कमी खलेगी, क्योंकि उन्होंने सफेद गेंद के खेल की तुलना में टेस्ट क्रिकेट के लिए अधिक खेला है।

    रोहित की कप्तानी में भारत का तिरंगा द्विपक्षीय सीरीजों और विश्व मंचों पर गर्व से लहराया। भारत तीन बार आइसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा और दो बार विजेता बना इसलिए, जब वह टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं, तो उनके लिए खड़े होकर जोरदार तालियां बजाना बनता है। हमारे वीर सैनिकों को भी सलाम, जो देश की रक्षा अद्भुत ढंग से कर रहे हैं। जय हिंद।

    डिस्क्लेमर- ये सुनील गावस्कर के निजी विचार हैं। सुनील गावस्कर समय-समय पर अपना कॉलम लिखते रहते हैं। बता दें कि गावस्कर भारतीय क्रिकेट टीम के महान खिलाड़ियों में से एक हैं।