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    43 साल के MS Dhoni बोले- मैं मैदान पर बेकार हूं..., अपनी विकेटकीपिंग पर भी किए कई खुलासे

    Updated: Wed, 26 Mar 2025 08:26 PM (IST)

    चेन्नई सुपर किंग्स के अनुभवी बल्‍लेबाज महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल 2025 में खेलते नजर आ रहे हैं। 43 साल के धोनी अपने करियर के अंतिम दौर में हैं। धोनी के साथ खेलने वाले प्‍लेयर अब कोचिंग करते नजर आते हैं। धोनी भी 5 साल पहले इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके थे। इस बीच धोनी ने अपनी विकेटकीपिंग पर बात की है।

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    धोनी की मैदान पर वापसी से खुश हैं फैंस। इमेज- सीएसके

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल 2025 में खेलते नजर आ रहे हैं। धोनी की एक झलक पाने के लिए मैदान पर फैंस का हुजूम उमड़ पड़ता है। 43 साल के धोनी अपने करियर के अंतिम दौर में हैं। धोनी के साथ प्‍लेयर अब कोचिंग करते नजर आते हैं। धोनी भी 5 साल पहले इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके थे। इस सीजन वह चेन्‍नई के अनकैप्‍ड प्‍लेयर हैं। मुंबई के खिलाफ धोनी ने बेहतरीन विकेटकीपिंग की थी। उन्‍होंने .12 सेकेंड में स्टंपिंग की थी।

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    दो हाथों से कैच लेने की कोशिश करता

    JioHotstar पर बातचीत के दौरान धोनी को IPL 2024 का एक क्लिप दिखाया गया, जिसमें CSK के महान खिलाड़ी को गुजरात टाइटंस के खिलाफ डाइविंग कैच लेते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, धोनी ने कैच को ज़्यादा महत्व नहीं दिया। उन्‍होंने कहा, "यह एक संयोग है। अगर आप इसे बारीकी से देखें तो ऐसा लगता है कि ट्रक के पीछे से चावल की एक बोरी गिर रही है। पूरी बात यह है कि अगर हम दो हाथों से पहुंच सकते हैं तो मैं हमेशा दो हाथों से कैच लेने की कोशिश करने का फैन रहा हूं, और इससे मदद मिलती है।"

    बहुत ज्‍यादा डाइव नहीं लगाता

    धोनी ने कहा, "इसलिए, अगर आप इस तरह से योगदान दे पाते हैं तो हमेशा अच्छा लगता है। मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जिसे आप बहुत ज्‍यादा डाइव लगाते या शानदार कैच लेते हुए देखते हों। मैं काफी सुरक्षित कीपर हूं। मुझे इसे ऐसे ही रखना पसंद है।" धोनी ने यह भी बताया कि विकेटकीपिंग ने उनके खेल में किस तरह से मदद की है।

    उन्‍होंने कहा, "यह एक चुनौती है और यही बात इसे दिलचस्प बनाती है। यह भी फैक्‍ट है कि अगर मैं विकेटकीपिंग नहीं कर रहा हूं, तो मुझे लगता है कि मैं मैदान पर बेकार हूं। क्योंकि यहीं पर मैं खेल को सबसे अच्छे तरीके से पढ़ पाता हूं। मुझे खेल के बहुत करीब रहना पड़ता है। गेंदबाज किस एंगल से बॉलिंग कर रहा है, विकेट किस तरह का व्‍यवहार कर रहा है, यह देखना होता है।"

    उन्होंने कहा, "जब मैं स्टंप के ठीक पीछे होता हूं, तो मैं यह आकलन करने में बेहतर स्थिति में होता हूं कि वास्तव में क्या हो रहा है और फिर कप्तान को बता सकता हूं कि क्या हो रहा है, क्या यह एक खराब गेंद है जो 6 रन के लिए चली गई या यह एक अच्छी गेंद है जिस पर बल्लेबाज ने 6 रन मारा। जब मैं स्टंप के पीछे होता हूं, तो मैं दोनों के बीच अंतर कर सकता हूं।"

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