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    IPL Final 2019: CSK और MI के बीच महामुकाबला आज, ये है इनकी ताकत और कमजोरी

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Sun, 12 May 2019 12:12 PM (IST)

    IPL Final 2019 CSK vs MI मुंबई इंडियंस आइपीएल की इकलौती ऐसी टीम है जिसका चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ जीत का प्रतिशत 50 से ज्यादा है जबकि बाकी सभी टीमो ...और पढ़ें

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    IPL Final 2019: CSK और MI के बीच महामुकाबला आज, ये है इनकी ताकत और कमजोरी

    नई दिल्ली, जेएनएन। IPL Final 2019 CSK vs MI 23 मार्च को शुरू हुए आइपीएल के 12वें सीजन का फाइनल मुकाबला आज हैदराबाद में चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच खेला जाएगा। मुंबई और चेन्नई दोनों ने ही अब तक सबसे ज्यादा 3-3 बार आइपीएल खिताब अपने नाम किया है। ऐसे में आज जो भी टीम जीतेगी वो आइपीएल में अब तक की सबसे सफल टीम बन जाएगी। मुंबई इंडियंस आइपीएल की इकलौती ऐसी टीम है जिसका चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ जीत का प्रतिशत 50 से ज्यादा है जबकि बाकी सभी टीमों का 50 से काफी कम है।

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    हैदराबाद के इस मैदान पर चेन्नई ने कुल 7 मैच खेले हैं। जिनमें से 4 में उसे जीत मिली जबकि 3 में हार का सामना करना पड़ा। वहीं मुंबई ने यहां 10 मैच खेले हैं। इनमें से 6 में जीत हासिल की, जबकि 4 मुकाबले हारी है। ऐसे में आज के आइपीएल फाइनल में इन दोनों चैंपियंस के बीच कांटे टक्कर होने की उम्मीद है। एक नजर डालते हैं दोनों टीमों की कमजोरियों और ताकत पर।

    मुंबई इंडियंस की ताकत

    1. मुंबई की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह एक टीम की तरह मैदान पर उतरे हैं। मुंबई की सबसे संतुलित टीम मानी जा रही है। टीम की बल्लेबाजी जितनी अच्छी है उतनी ही गेंदबाजी भी अच्छी है। 

    2. टॉप ऑर्डर ने लगभग हर बार टीम को एक अच्छी शुरुआत दी है। 15 पारियों में 500 रनों के साथ क्विंटन डी कॉक सीजन के टॉप 5 बल्लेबाजों में शुमार हैं। डी कॉक ने इस दौरान कुल 4 अर्धशतक लगाए। वहीं रोहित शर्मा ने 14 पारियों में 390 रन बनाए हैं।

    3. मुंबई के पास एक मजबूत मिडल ऑर्डर भी है। जिसमें सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या और कायरन पोलार्ड जैसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने कई मुश्किल मौकों पर अकेले दम पर टीम को मैच जिताया है। 

    4. हार्दिक पंड्या का ऑलराउंडर प्रदर्शन। उन्होंने 15 मैच में 48.25 के औसत से 386 रन बनाए। वे 9.32 के इकॉनमी रेट से 14 विकेट भी ले चुके हैं। वे सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में 17वें और विकेट लेने के मामले में 14वें नंबर पर हैं।

    5. टीम के पास जसप्रीत बुमराह और मलिंगा जैसे घातक गेंदबाज हैं। बुमराह ने 15 पारियां में 6.84 की इकोनॉमी से 17 विकेट झटके हैं। वहीं मलिंगा ने 11 पारियों में 9.52 की इकोनॉमी के साथ 15 विकेट झटके हैं। 

    मुंबई इंडियंस की कमजोरियां

    1. एक दो मैचों को छोड़ दिया जाए तो इस सीजन मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा अपने बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाए हैं। रन के मामले में रोहित मुंबई के दूसरे सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले बल्लेबाज हैं लेकिन उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। रोहित अभी तक 390 रन जरूर बनाए हैं लेकिन, वे लगातार 3 मैच में 30 या उससे ज्यादा रन नहीं बना पाए।

    2. एक मैच को छोड़ दिया जाए तो मिडल ऑर्डर में कायरन पोलार्ड ने कुछ प्रदर्शन नहीं किया। पोलार्ड अभी तक 15 मैच में 238 रन ही बना पाए हैं। वहीं इशान किशन ने 6 मैच में 78 और क्रुणाल पंड्या ने 15 मैच में 176 रन बनाए हैं।

    3. क्रुणाल पंड्या का ज्यादा रन लुटाना। क्रुणाल ने 15 मैच में 11 विकेट तो लिए हैं, लेकिन साथ में उन्होंने काफी रन भी दिए हैं। क्रुणाल ने 11 विकेट लेने में 296 रन भी खर्च किए।

    चेन्नई सुपर किंग्स की ताकत

    1. चेन्नई की सबसे बड़ी ताकत खुद उसके कप्तान महेंद्र सिंह धौनी हैं। धौनी अपनी चतुराई और गजब की कप्तानी के लिए जाने जाते हैं। धौनी के होने से टीम में काऱी चीजें आसान हो जाती हैं। वहीं माही 14 मैच में 414 रन बनाकर टीम के टॉप स्कोरर हैं। यही नहीं वह 400 से ज्यादा रन बनाने वाले टीम के पहले बल्लेबाज। 

    2. टीम के पास इमरान ताहिर, हरभजन सिंह और रवींद्र जडेजा के रूप में बेहतरीन स्पिनर हैं जो उसके लिए सफलता की कुंजी साबित हुए हैं।

    3. चेन्नई की टीम में ज्यादातर ऑलराउंडर खिलाड़ी मौजूद हैं। ऐसे में कप्तान धौनी को गेंदबाजी में कई विकल्प मिलते हैं। आठवें और नौवें नंबर तक टीम के खिलाड़ी बल्लेबाजी कर सकते हैं।

    4. फाफ डु प्लेसी का अच्छे फॉर्म में होना। डु प्लेसी ने 11 मैचों में 370 रन बनाए हैं। उन्होंने इस दौरान 3 अर्धशतक भी लगाए। 

    चेन्नई सुपर किंग्स की कमजोरियां

    1. दो मैचों को छोड़ दिया जाए तो टीम के ओपनर शेन वॉटसन इस सीजन अपने बल्ले से कुछ खास नहीं कर सके हैं। वॉटसन ने 16 मैचों में 19.87 की औसत से 318 रन बनाए हैं।

    2. अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने जाने वाले अंबाती रायुडू का प्रदर्शन इस सीजन खास नहीं रहा है। उन्होंने अब तक 16 मैच में 281 रन ही बनाए हैं। जबकि पिछले साल उन्होंने 16 मैच में 43.00 के औसत से 602 रन बनाए थे। 

    3. तेज गेंदबाजों में दीपक चाहर को छोड़कर कोई प्रभावी नहीं रहा है। ड्वेन ब्रावो 11 मैच में 11 विकेट ही ले पाए हैं जबकि शार्दुल ठाकुर भी 9 मैच में 6 विकेट ही ले पाए हैं।

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