Exclusive: 'मैं एक नोट बुक लेकर आया हूं जिस पर सबके नाम हैं लिखने', दिग्वेश राठी ने सेलिब्रेशन के पीछे की बताई असली वजह
अपना पहला आईपीएल खेल रहे दिग्वेश राठी ने लखनऊ सुपरजायंट्स की तरफ से खेलते हुए काफी प्रभावित किया है। उनकी मिस्ट्री स्पिन जितनी चर्चा में रही उससे ज्यादा चर्चा उनके सेलिब्रेशन को होती है। दैनिक जागरण से खास बातचीत में इस खिलाड़ी ने अपने सेलिब्रेशन अपने करियर सहित तमाम मुद्दों पर बात की।
आईपीएल के वर्तमान सत्र में लखनऊ सुपरजायंट्स (एलएसजी) के मिस्ट्री स्पिनर दिग्वेश राठी ने गेंद से तो कमाल किया ही है, साथ ही वह विकेट लेने के बाद अपने सेलिब्रेशन को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। विकेट चटकाने के बाद वह अलग अंदाज में खुशी जताते हैं जिसके कारण उन पर दो बार जुर्माना भी लग सकता है। गत विजेता कोलकाता नाइटराइडर्स के स्टार खिलाड़ी सुनील नरेन को अपना आदर्श मानने वाले दिग्वेश मौजूदा सत्र में अभी तक 11 मैचों में 8.09 की इकॉनमी से 12 विकेट चटका चुके हैं। विकेट लेने के मामले में वे शार्दुल ठाकुर के साथ वह अपनी टीम के नंबर वन गेंदबाज हैं। दिग्वेश राठी से अभिषेक त्रिपाठी ने खास बातचीत की।
पेश है बातचीत के प्रमुख अंश:-
सवाल- आपके लिए अब तक का यह सत्र काफी अच्छा रहा है। एलएसजी के साथ आपका अनुभव कैसा रहा?
जवाब- आईपीएल में अभी तक मेरा बहुत अच्छा अनुभव रहा है। टीम में सभी सहयोग करते हैं, खासकर कप्तान ऋषभ पंत भाई और मेंटर जहीर खान सर। मेरे लिए शुरू से माहौल बहुत अच्छा रहा है।
सवाल- एक मिस्ट्री स्पिनर के रूप में जब आप इन अच्छे बल्लेबाजी विकेटों पर पावर हिटर्स के विरुद्ध गेंदबाजी करते हैं तो सबसे महत्वपूर्ण बात क्या है जिसे आप ध्यान में रखते हैं?
जवाब- मिस्ट्री स्पिनर या सामान्य स्पिनर की बात करें तो अगर कोई भी बल्लेबाज खेल रहा है तो उसके सामने रहता है कि उसे जितनी देर से पता चले कि गेंद किस तरफ घूमेगी तो अच्छा रहता है। इसमें लेंथ ज्यादा महत्वपूर्ण रहती है। इस स्थिति में बल्लेबाजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। -
सवाल- सुनील नरेन आपके आदर्श हैं। जब आप उनसे मिलते हैं तो किस तरह की बातचीत हुई?
जवाब- सुनील नरेन सर से मैं एक बार पहले भी मिल चुका हूं। वह ज्यादा बातें नहीं करते हैं। मेरी उनसे गेंदबाजी को लेकर कभी बात नहीं हुई है क्योंकि वह ज्यादा बात ही नहीं करते हैं। मैंने उनको गेंदबाजी करते हुए इतना देखा है कि मुझे नहीं लगता है कि उनसे कुछ पूछने की जरूरत है। उनको देखकर ही मैं काफी चीजें सीख लेता हूं।
सवाल- आपको शुरू से मिस्ट्री स्पिनर बनाना था या किसी को देखने के बाद आपने ऐसा किया?
जवाब- मैं पहले बल्लेबाजी करता था। जब बल्लेबाजी करते-करते थक जाता था तो उस दौरान गेंदबाजी करने लगता था। उस समय मैं सुनील नरेन के एक्शन की कॉपी करने की कोशिश करता था। कुछ चीजें मुझे पहले दिन से आती थीं, फिर किसी ने सलाह दी कि मुझे गेंदबाजी करनी चाहिए और उसके बाद से मैं स्पिन गेंदबाजी करने लगा। वैसे मेरा कोई कोच नहीं है, लेकिन जिनसे भी मैंने क्रिकेट के बारे में राय ली उन्होंने कहा कि ट्रेडिशनल स्पिनर बनो, आफ स्पिन करो, रणजी ट्रॉफी खेलो तब जाकर कुछ होगा। हालांकि मुझे मिस्ट्री स्पिनर बनना था तो उसी को जारी रखा।
सवाल- आप अपने सेलिब्रेशन के बारे में बताइए, जो पिछले दिनों काफी चर्चा में रहा है। इसके चलते आपको नुकसान भी उठाना पड़ा है? आपका विकेट के बाद हाथ में कुछ लिखने का स्टाइल क्या है?
जवाब- ऐसा कुछ नहीं है। मुझे बीसीसीआई के नियम के तहत रहकर जश्न मनाना होगा। नियम तो मानने ही पड़ेंगे। अगर नियम नहीं मानते हैं तो फिर दिक्कत होगी ही। मैं जश्न मनाता हूं तो नियम के तहत रहकर ही करता हूं। जहां तक हाथ में लिखने का इशारा करने की बात है तो मैं एक नोट बुक लेकर आया हूं और सबके नाम (जिनका विकेट लिया) लिखकर ले जाना चाहता हूं।
सवाल- आप जैसे स्पिनर के लिए अपनी गेंदबाजी में रहस्य बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर जब विरोधी टीम के खेमे के सभी लोग, मैदान के कैमरे और विश्लेषक आप की छुपी हुई कला को जानना चाहते हों?
जवाब- मिस्ट्री स्पिनर का कांसेप्ट है। जो एक तरह की गेंद पर काम करते हैं तो लगातार उसी गेंद पर काम करना पड़ता है। मिस्ट्री स्पिनर के बारे बताना और उसको खेलना दोनों में बहुत अंतर है। आप उनके बारे में कितना भी विश्लेषण कर लें, जब तक आप मिस्ट्री स्पिनर को खेलेंगे नहीं तब तक आपको पता नहीं चलेगा कि वो क्या, क्यों और कैसे कर रहा है।
सवाल- आईपीएल में इतनी सफलता के बाद अब आपका अगला लक्ष्य क्या है? पहले लोग इग्नोर करते होंगे?
जवाब- लाइफ चेंज पर मुझे भरोसा नहीं है। मैं पहले भी कड़ी मेहनत पर भरोसा करता था और अभी भी मैं कड़ी मेहनत ही करूंगा। बात रही इग्नोर करने वाले लोगों की तो उनको लेकर क्या ही कह सकता हूं। लेकिन उनका भी क्या है? जिंदगी तो ऐसे ही चलती है। मैं ये नहीं करता तो उसे इग्नोर ही किया जाता। मुझे किसी चीज की इच्छा नहीं है, लेकिन मैं अपना हार्ड वर्क करना जारी रखूंगा।
सवाल-कुछ समय के अंतराल के स्थगन के बाद बीसीसीआई ने आईपीएल फिर शुरू कर दिया। आप यहां से लखनऊ सुपरजायंट्स की संभावनाओं को कैसे देखते हैं?
जवाब- बीसीसीआई की पहले से यह खासियत रही है कि वे जो भी प्रतियोगिता करते हैं उसमें पूरी जान झोंक देते हैं। कुछ समय के स्थगन के बाद आईपीएल फिर से शुरू हो गया तो हम लोग फिर से खेलने आ गए हैं। मैंने शुरू से कहा है कि कुछ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी यहीं रुके थे। अब धीरे-धीरे फिर से मोमेंटम बन रहा है। हमारा अभ्यास तीन-चार दिन पहले ही शुरू हो गया था। अब माहौल सही हो गया है। अब आगे देखते हैं कि किसका मोमेंटम टूटा है और किसका मोमेंटम बना है। हमारे जितने भी खिलाड़ी हैं सभी कड़ी मेहनत करते हैं। विदेशी खिलाड़ी को थोड़ी परेशानी जरूर हुई है।
सवाल- एलएसजी के मालिक संजीव गोयनका और टीम के खिलाड़ियों के बीच मैदान में चर्चा को इंटरनेट मीडिया में बहुत कुछ कहा जाता है। आपका इसको लेकर अनुभव क्या है?
जवाब- नीलामी में जब उन्होंने मुझे खरीदा था तो उनकी ओर से मैसेज भी आया था। मुझे खुशी हुई थी कि एक मालिक खरीदने के बाद मुझे मैसेज कर रहा है। इंटरनेट मीडिया उनको लेकर क्या दिखाता है उससे मुझे फर्क नहीं पड़ता है। जब भी मैं उनसे मिलता हूं तो वह मुझसे बहुत अच्छे से बात करते हैं। मुझे ही नहीं, जो नहीं भी खेलते हैं उनसे भी खुद जाकर मिलते हैं।
सवाल- एलएसजी के कप्तान ऋषभ पंत को लेकर आप क्या कहेंगे?
जवाब- ऋषभ भाई बहुत सपोर्टिव हैं। आईपीएल के शुरू होने से पहले से उन्होंने मुझे सपोर्ट करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि तू खेलेगा और तुम मेरा मुख्य स्पिनर है। वह सभी को सपोर्ट करते हैं।
सवाल- दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ से निकलकर यहां तक पहुंचना आसान नहीं होता। आपका अनुभव कैसा रहा?
जवाब- डीडीसीए ही नहीं सभी राज्य संघों की बात करूं तो वहां से निकलकर यहां तक पहुंचना खिलाड़ियों के लिए कठिन है। हर जगह कंपीटिशन है। ऐसा नहीं कहूंगा कि डीडीसीए में गलत है या सही है लेकिन मैं आपको बता दूं कि जितना कंपीटिशन होता है खिलाड़ी उतना ही अच्छा होता जाता है। खिलाड़ी को जितना मौका मिलेगा वह कठिन परिस्थितियों से आगे निकलेगा।
सवाल- लाल गेंद के क्रिकेट को लेकर आप क्या सोचते हो? क्योंकि बहुत से घरेलू खिलाड़ी अब रणजी के समय चोट का बहाना बना लेते हैं?
जवाब- मुझे क्रिकेट खेलनी है। गेंद चाहे लाल हो या फिर सफेद। उसमें मेरा काम है क्रिकेट खेलना। मुझे जब भी मौका मिलेगा मैं खेलते रहूंगा और देश के लिए खेलने का मौका मिलेगा तो वह भी खेल लूंगा। मेरा ऐसा कुछ भी नहीं है कि मुझे किसी चीज से बचना है।
सवाल- पंत आपको रवि बिश्नोई से भी ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं?
जवाब- ऐसा नहीं है, ऋषभ भाई रवि बिश्नोई को भी तवज्जो देते हैं। उनको जिस स्थिति में लगता है कि कौन सा गेंदबाज अच्छी गेंदबाजी कर सकता है उसको आगे करते हैं।
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