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    Harbhajan Singh Interview: टीम भारत को वर्ल्‍ड कप 2023 में इस खिलाड़ी का ब्रह्मास्त्र की तरह करना चाहिए उपयोग

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Nigam
    Updated: Mon, 02 Oct 2023 08:08 AM (IST)

    भारतीय टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि आगामी वर्ल्‍ड कप में टीम को सूर्यकुमार यादव को ब्रह्मास्त्र की तरह प्रयोग करना चाहिए। हरभजन का ...और पढ़ें

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    हरभजन सिंह ने दैनिक जागरण को दिए इंटरव्‍यू में कई खुलासे किए

    अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्‍ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह का मानना है कि टीम भारत को सूर्यकुमार यादव को ब्रह्मास्त्र की तरह प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूर्या में क्षमता है कि वह मैच को अपनी पारी से बदल सकें, ऐसे में उन्हें टीम में होना ही चाहिए।

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    हरभजन सिंह के अनुसार सेमीफाइनल में टीम भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड अपना स्थान अवश्य बनाएगी, परंतु वह पाकिस्तान को चौथी टीम के रूप में नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी टीम खुशकिस्मत होगी अगर वह सेमीफाइनल में भी पहुंच जाए। अभिषेक त्रिपाठी ने आगामी विश्व कप को लेकर हरभजन सिंह से विशेष बातचीत की, पेश हैं मुख्य अंश :

    सवाल - विश्व कप की हम इस बार मेजबानी कर रहे हैं। ऐसे में टीम भारत को इस बार नौ शहरों में मैच खेलने हैं, इसे आप कैसे देखते हैं?

    जवाब - घर पर खेलना का हमेशा लाभ ही मिलता है। परिस्थितियों से आप बेहतर तरीके से अवगत हैं। आप किसी भी मैदान पर जाओगे तो आपको पता होगा कि यहां कितना स्कोर बन सकता है और जो समर्थन मिलेगा वह तो है ही। स्थानीय समर्थन सबसे बड़ा लाभ है जो अन्य टीमों के पास नहीं होगा। आप नौ शहरों में खेलें या 15 शहरों में घर पर खेलने का हमेशा लाभ ही मिलता है। और टीम भारत को इसे लेना भी चाहिए। उनसे बेहतर यह कोई कर सकता।

    सवाल - एशिया कप से पहले टीम का संयोजन बहुत संतुलित नजर नहीं आ रहा था, जसप्रीत बुमराह, केएल राहुल चोट के बाद लौटे थे, श्रेयस भी चोटिल होकर लौटे थे। एशिया कप और आस्ट्रेलियाई सीरीज समाप्त होने के साथ क्या अब टीम संतुलित नजर आ रही है?

    जवाब - एशिया कप में हमें यह देखना था कि केएल राहुल कितने फिट हैं, बुमराह कैसे हैं, बाकी का तो वैसा कोई संघर्षपूर्ण मैच नहीं रहा। भारत सभी टीमों के विरुद्ध हावी दिखा। यह दर्शाता है कि टीम बहुत सशक्त है। हालांकि, संयोजन तो अभी भी नजर नहीं आता है। सभी खिलाडि़यों का फॉर्म में आना एक अच्छा सिरदर्द है। रिक्त स्थान कम है और दावेदार अधिक हैं।

    ऐसा कई बार होता है कि हम यह सोच रहे होते हैं कि इस रिक्त स्थान को कौन भरेगा, लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल विपरीत है। सूर्यकुमार यादव को आप कहां फिट करोगे, अगर वह आएंगे तो कौन बाहर जाएगा। अगर श्रेयस खेलेंगे तो केएल को आप कहां खिलाओगे। अगर दोनों खेलते हैं तो सूर्यकुमार कहां खेलेगा। एक अच्छा सिरदर्द है जो टीम प्रबंधन सोच रहा होगा कि एक सही संयोजन बनाकर टीम उतारी जाए। टीम सेट नजर आ रही है।

    स्पिन अच्छी हो रही है। तेज गेंदबाज सिराज, शमी और बुमराह तीनों बहुत ही अच्छे फार्म में हैं। मुझे नहीं लगता कि हम तीनों को एक मैच में खेलते देखेंगे। अगर खेले तो मजा आ जाएगा, परंतु टीम बल्लेबाज ढूंढ रही है आठ नंबर पर। ऐसे में तीनों का एक साथ खेलना मुश्किल है। हालांकि, टीम अगर बल्लेबाजी की जिम्मेदारी बल्लेबाजों को सौंपेगी तो अच्छा होगा। हमें कम से कम पांच गेंदबाज उतारने ही चाहिए। छह बल्लेबाज अगर अपना काम करें, तो पांच गेंदबाज लो स्कोरिंग मैच में भी टीम को जीत दिला सकते हैं।

    सवाल - आपके अनुसार टीम के शीर्ष-11 का संयोजन क्या होना चाहिए?

    जवाब - मेरे अनुसार रोहित खेलेंगे, शुभमन खेलेंगे, नंबर तीन पर विराट होंगे, नंबर चार पर मैं केएल राहुल को खेलते हुए देखना चाहूंगा, पांचवें नंबर पर मैं सूर्यकुमार, छठे पर हार्दिक और सातवें नंबर पर जडेजा होने चाहिए। इसमें सूर्या और जडेजा अपने स्थान की अदला-बदली कर सकते हैं। आठवें नंबर पर कुलदीप हो सकते हैं, फिर सिराज और शमी में से किसी एक को खिलाना होगा। और अंतत: बुमराह होंगे। हालांकि, फिर वही बात आती है कि शार्दुल को खिलाना है या आर अश्विन को खिलाना है यह परिस्थिति के अनुसार आपको देखना होगा।

    सवाल - सूर्यकुमार में आपको एक्स फैक्टर नजर आता है? क्या वनडे में वह श्रेयस से बेहतर विकल्प हो सकते हैं?

    जवाब - श्रेयस, विराट, रोहित और शुभमन ये सारे एक तरह के बल्लेबाज हैं। ये प्रत्येक गेंद में एक रन बनाएंगे, लेकिन अगर सूर्या 30 गेंद खेलेंगे तो वह इसमें 70 या 60 बना सकते हैं। आपको कोई नहीं कोई ऐसा बल्लेबाज चाहिए जो गेम को विपक्षी टीम से दूर ले जा सके। ऐसी क्षमता का प्रयोग ब्रह्मास्त्र की तरह होना चाहिए। उसे बाहर बैठा के बर्बाद नहीं करना चाहिए।

    आप स्टैट्स को ध्यान में न रखते हुए ये देखिए कि वह क्या कर सकते हैं। हमें पता है कि वह क्या कर सकते हैं। वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो गेम को बदल सकते हैं। अगर चार आउट हो गए हैं और जिम्मेदारी लेनी है तो वह ये भी कर सकते हैं। अगर ऐसी ही परिस्थिति है और काउंटर अटैक करना है तो वह ये भी कर सकते हैं।

    सवाल - स्पिन अटैक को लेकर आप क्या कहना चाहते हैं? टीम में पहले ऑफ स्पिनर शामिल नहीं थे, पर अब उन्हें रखा गया है इसे आप कैसे देखते हैं?

    जवाब - मेरा यह मानना है कि ऐसे वैश्विक टूर्नामेंट में टीम में अगर आपको तीन स्पिनर रखने हैं तो सभी एक दूसरे से अलग होने चाहिए। आपके पास बाएं हाथ के स्पिनर जडेजा हैं। उनकी और अक्षर की गेंदबाजी शैली बिल्कुल समान है। कभी कभार आप इस दुविधा में फंस जाते हैं तो कि दोनों को रख लेते हैं। परंतु, मेरा यही मानना है कि आपके पास विभिन्न शैली के गेंदबाज होने चाहिए ताकि जब आप टीम का संयोजन विपक्षी टीम को देखते हुए बनाएं।

    मैं युजवेंद्र चहल को भी टीम में देखना चाहता था। परंतु, उनका चयन नहीं हुआ। अश्विन एक प्रमाणित खिलाड़ी हैं। वॉशिंगटन को श्रीलंका बुलाया गया, पर घरेलू मैच में उन्हें अवसर नहीं मिला। वैसे भी तीन अगल शैली के गेंदबाज होंगे तब आपके पास एक अतिरिक्त विकल्प होगा क्योंकि एक मैच में दो ही स्पिनर खेलेंगे। यहां आपको पिचें अच्छी मिलेंगी, और जडेजा एक श्रेष्ठ ऑलराउंडर हैं, इसलिए उनके साथ हम कुलदीप को देख सकते हैं। अश्विन और कुलदीप के बीच कोई एक मैच में खेलेगा।

    सवाल - कुलदीप की गेंदबाजी को आप कैसे देखते हैं? वह बीच में बाहर रहे थे, फिर उन्होंने वापसी की है। विश्व कप के बाद उन्हें बाहर रहना पड़ा। पर अब वह टीम में लौट आए हैं, आपको उनमें क्या परिवर्तन नजर आया? स्पिनर के रूप में आप उन्हें कैसे देखते हैं?

    जवाब - कुलदीप की गेंदबाजी अब तक अच्छी रही है। उनसे आशा था कि वह विकेट लेकर दें, और उन्होंने इसे बखूबी निभाया है। उन्होंने थोड़ा सा अपनी मानसिकता में परिवर्तन लाया है, उनका रन अप पहले धीमा था। उनका एक्शन ऐसा था कि उनकी गेंद में उतनी जान नहीं रहती थी। अब उनकी लय बेहतर लग रही है, मुझे ऐसा लग रहा है कि वह थोड़ा अतिरिक्त दम लगा रहे हैं।

    इसके कारण उनका एक्शन बेहतर परिपूर्ण हो रहा है। दूसरी चीज है कि गेंद तो वह फ्लाइटेड ही रख रहे हैं, परंतु उसकी गति बढ़ गई है। पहले उन्हें बैकफुट पर आसानी से खेल सकते थे, अब वह गेंद आगे भी खिला रहे हैं, बल्लेबाजों को ललचा रहे हैं। स्पिनर का जो काम होता है, बल्लेबाजों को ललचाना, उसे घुमाना अब वह ये ठीक कर रहे हैं। सबसी अच्छी बात है कि पहले जो उनका कंधा गिर जाता था साइड में, वह अब विकेटकीपर की दिशा में जा रहा है। इसके कारण उनकी लाइन लेंथ अच्छी चल रही है।

    सवाल - भारत की पिचों के बारे में आप क्या कहेंगे? जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ेगा ओस का क्या असर पड़ेगा मैच में, और उसके लिए हमारी क्या रणनीति होनी चाहिए?

    जवाब - देखिए, ओस तो जो आएगी वह बिल्कुल मैच की समाप्ति के समय आएगी। उसे लेकर आप कोई विशेष तैयारी तो नहीं कर सकते हैं। अगर आप बाद में गेंदबाजी कर रहे हैं तो आप पर इसका प्रभाव तो पड़ेगा ही। आपको यह मान कर चलना है कि आपको रन थोड़े अधिक बनाने ही होंगे। नई गेंद का प्रयोग शुरू में अच्छे से करना ही होगा।

    आप ओस का कुछ कर नहीं सकते, अगर ओस का प्रभाव होगा तो हमें उसके लिए तैयार रहना होगा। मेरा मानना है कि पिचें अच्छी होंगी। बल्लेबाजी के अनुरूप पिचें होंगी। मुझे लगता है कि बड़े स्कोर बनेंगे। मैच विभिन्न स्थलों पर है, और सभी अपनी ओर से बेहतर से बेहतर पिच तैयार करने की कोशिश करेंगे। आईसीसी का टूर्नामेंट है तो पिचें और अभी अच्छी होंगी ही।

    सवाल - कौन सी चार टीमें आप अंतिम-चार में देख रहे हैं? क्या भारत मेजबानी में लगातार दूसरी बार विजेता बन सकता है? पाकिस्तान की टीम को आप कैसे देखते हैं?

    जवाब - पाकिस्तान की टीम टी-20 बहुत अच्छा खेलती है, इसमें कोई संदेह नहीं है। पिछले वर्ष नीदरलैंड्स के कारण वह आगे बढ़ गए, पर उन्होंने अच्छी क्रिकेट खेली और फाइनल में पहुंचे पर वहां इंग्लैंड से हार गए। पर अगर बात करें टी-20 की तो वह इसमें बहुत अच्छे हैं। 50 ओवर क्रिकेट में मैंने जो उन्हें हाल फिलहाल में देखा, मुझे बिल्कुल नहीं लगा कि यह टीम उतनी प्रभावशाली है। कोई भी ऐसा बल्लेबाज नहीं लगा जो मैच को आगे ले जा सके। अगर तीन आउट हो गए तो कोई ऐसा हो जो खड़ा रहकर मैच जीता देगा, या खेल को आगे ले जाएगा।

    ऑस्ट्रेलिया जो क्रिकेट खेलते आ रही है, एक मजबूत टीम दिखती है। परंतु, पाकिस्तान मुझे नहीं लगता टूर्नामेंट में शीर्ष-चार में आ पाएगा। अगर टूर्नामेंट में वह यहां तक पहुंच जाएं तो भी यह बड़ी बात होगी। और ऐसा नहीं है कि यह कोई 20=25 टीमों का टूर्नामेंट है। यह कम टीमों का टूर्नामेंट है इसलिए जो टीमें लगातार अच्छा कर रही हैं, जैसे भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड है वह अंतिम-चार में होंगे। चौथी टीम न्यूजीलैंड हो सकती है या पाकिस्तान अगर पहुंचती है तो वे खुशकिस्मत होंगे।

    उनकी गेंदबाजी ठीक है, पर वह एक ही तरह की गेंदबाजी है। यह कोई टेस्ट मैच तो हम खेल नहीं रहे हैं, जिसमें आपके पास अगर अच्छी गेंदबाजी है तो आप पूरे दिन अच्छी गेंदबाजी कर सकते हो। यहां गेंद पुरानी भी होगी और फिर उसमें यह देखना होगा कि इसमें शाहिन कितने प्रभावशाली साबित होते हैं। अन्य गेंदबाज क्या कर सकते हैं, यह देखना होगा।

    भारत में जैसी पिचें हैं अगर गेंद पुराना हुआ तो अगर आपके पास कोई अतिरिक्त विकल्प न हो तो आपको रन पड़ेंगे। स्पिनर उनके उतने अच्छे नहीं हैं। शादाब अभी फार्म में नहीं हैं। दूसरे स्पिनर भी कोई वैसा नहीं है जो प्रभाव डाल सके। वह इफ्तिखार से गेंदबाजी करा रहे हैं। उनके पास विकल्प की कमी है, इसलिए पाकिस्तान ठीक-ठाक टीम है। अगर वह अच्छा मैच खेल जाएं तो यह भी बड़ी बात होगी।

    सवाल - एशिया कप में खौफ बनाया गया था कि पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी भारत के बल्लेबाजों को परेशान कर देगी। पर हमने देखा कि शाहिन अगर शुरू में विकेट नहीं ले पाते हैं तो फिर टीम फंस जाती है?

    जवाब - नए गेंद के साथ शाहिन हो या टिम साउथी हों, अगर गेंदबाज विकेट लेकर दे देते हैं तो वह टीम को ऊपर पहुंचा देते हैं। अगर वह विकेट नहीं ले पाते हैं तो जाहिर सी बात है कि फिर बल्लेबाज अपने हाथ खोलता है। फिर चाहे सामने शाहिन हों या कोई और कोई फर्क नहीं पड़ता।

    ये वकार या वसीम जैसे गेंदबाज नहीं हैं या शोएब अख्तर जैसे नहीं हैं। ये अच्छे गेंदबाज हैं, पर उन्हें इनके स्तर तक पहुंचने में अभी काफी समय लगेगा। जब परिस्थिति इनके अनुकूल होता है तब तो सभी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन जब परिस्थितियां प्रतिकूल हों तब आपके पास प्लान बी होना चाहिए जो इस टीम में नजर नहीं आता है।