Exclusive: सुनील गावस्कर ने कर दी भविष्यवाणी, बताया कौन होगा भारत का अगला टेस्ट कप्तान; बोले- BGT में खली शमी की कमी
भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का कहना है कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह में कप्तान के सभी गुण हैं और वह अगले टेस्ट कप्तान हो सकते हैं। बुमराह भारतीय गेंदबाजी की धुरी हैं। गावस्कर ने भारतीय बल्लेबाजी और मोहम्मद शमी जैसे गेंदबाज के नहीं होने को ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम की असफलता का बड़ा कारण बताया और साथ ही कहा कि हर खिलाड़ी को घरेलू क्रिकेट में खेलना चाहिए।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि जसप्रीत बुमराह अगले भारतीय टेस्ट कप्तान होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जसप्रीत बुमराह में एक कप्तान बनने के सभी गुण मौजूद हैं। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी और टीम की भविष्य की तैयारियों पर सुनील गावस्कर से जागरण अखबार के खेल संपादक अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:-
भारतीय टीम को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों के अनुकूल ढलने में संघर्ष करना पड़ा। आपको क्या लगता है कि टीम किन प्रमुख क्षेत्रों में तैयारी करने में विफल रही?
-- भारत की विफलता का मुख्य कारण उसकी बल्लेबाजी क्षेत्र रहा। आप सीरीज में स्कोर पर नजर डालें, लेकिन पर्थ में दूसरी पारी और मेलबर्न में पहली पारी में बल्लेबाजी लगातार विफल रही। यह आश्चर्यजनक था क्योंकि शीर्ष छह में आपके चार बल्लेबाज पहले भी ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर चुके थे। इसके अलावा गेंदबाजी में कोई तीसरा तेज गेंदबाज नहीं था, जो बुमराह और सिराज का भार उठा सके।
अपनी गहराई के लिए जानी जाने वाली भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप ऑस्ट्रेलिया में बार-बार लड़खड़ाई। क्या आपको लगता है कि यह तकनीकी समस्या है या दबाव में मानसिक चूक?
-- यह तकनीकी और साथ ही मानसिक समस्या का मिश्रण है। उछाल वाली ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर बल्लेबालों को बैकफुट पर खेलने में सक्षम होना चाहिए, जो हमने शायद ही देखा हो। शाट चयन में बल्लेबाजों के खराब निर्णय के साथ ही परिस्थिति के अनुसार बल्लेबाजी ही नहीं की गई। पूरे दौर पर भारतीय बल्लेबाजी में यह कमी स्पष्ट रूप से देखी गई।
गेंदबाजी इकाई, विशेष रूप से स्पिनर, ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर अप्रभावी दिखे। क्या भारत को विदेशी परिस्थितियों में स्पिन पर अत्यधिक निर्भरता पर पुनर्विचार करना चाहिए?
-- मेरा मानना है कि जहां तक विदेशी दौरों की बात होती है तो भारतीय टीम कभी भी स्पिन पर इतनी निर्भर नहीं रहती है। इस दौरे पर भारतीय टीम को मोहम्मद शमी की कमी निश्चित रूप से महसूस हुई। अगर शमी ऑस्ट्रेलिया में होते तो भारतीय टीम बुमराह के बिना भी सिडनी टेस्ट जीतने में सक्षम थी।
क्या आपको लगता है कि टीम को नेतृत्व या खिलाड़ियों के मामले में रणनीतिक बदलाव की आवश्यकता है?
-- भारत पहली बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया है। अब डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए क्वालीफाई करने का अगला चक्र जून के मध्य में शुरू होगा। इसलिए भारतीय टीम प्रबंधन को ऐसे खिलाडि़यों की तलाश करनी चाहिए, जिन्हें 2027 के फाइनल के लिए तैयार किया जा सके।
आप वर्तमान भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने और अपना दबदबा फिर से हासिल करने के लिए क्या सलाह देंगे?
-- सलाह सरल है। जब आप विदेश में खेलते हैं तो आपको मौसम और खेल की परिस्थितियों के अभ्यस्त होने के लिए कुछ प्रथम श्रेणी मैचों की आवश्यकता होती है। इसलिए वहां जल्दी जाएं और उन खेलों को खेलें और अनुभव प्राप्त करें। यहां तक कि टेस्ट मैचों के बीच भी जब एक सप्ताह से अधिक का अंतराल होता है तो उसका उपयोग एक और प्रथम श्रेणी मैच खेलने के लिए करें ताकि खराब फार्म वाले खिलाड़ी इसे हासिल करने का प्रयास कर सकें जबकि रिजर्व खिलाड़ियों को यह दिखाने का अवसर मिले कि यदि आवश्यक हो तो उनका चयन किया जा सकता है। अगर सीनियर खिलाड़ी नहीं चाहते हैं तो उन्हें ये मैच खेलने की जरूरत नहीं है लेकिन पहली बार उस देश का दौरा करने वाले खिलाडि़यों को यह अमूल्य अभ्यास करने की जरूरत है।
क्या आपको लगता है कि टेस्ट चयन के लिए विचार किए जाने के लिए वरिष्ठ पेशेवरों को रणजी ट्रॉफी खेलनी चाहिए?
-- बिल्कुल, मेरा मानना है कि प्रत्येक खिलाड़ी को घरेलू क्रिकेट खेलना ही चाहिए, अगर वह चोटिल न हों। किसी भी खिलाड़ी को घरेलू क्रिकेट से आराम देने का निर्णय कोच का होना चाहिए न किसी व्यक्ति का। जैसा मैंने पहले भी कहा कि घरेलू क्रिकेट से खराब फार्म को ठीक करने में काफी मदद मिलेगी।
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अलग-अलग कोच की अवधारणा को आप कैसे देखते हैं?
-- इसके लिए आपको क्रिकेट कैलेंडर देखना चाहिए, अगर टीम अत्यधिक मैच खेल रही है तो अलग-अलग कोच बनाए जा सकते हैं, अन्यथा केवल एक ही कोच होना चाहिए।
अगर बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी से पहले ठीक नहीं होते हैं, तो इससे भारतीय टीम की संभावनाओं पर क्या असर पड़ेगा?
-- देखिए, वह एक ऐसा गेंदबाज है, उसकी कमी हर प्रारूप में खलेगी। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अगर बुमराह नहीं होते तो सीरीज का नतीजा इससे बहुत अलग होता। वह दौरे पर 32 विकेट लेकर भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे। इसके साथ ही उनमें नेतृत्व करने की क्षमता है। वर्तमान में वह भारतीय गेंदबाजी की धुरी हैं और अगर वह चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेल पाते हैं तो यह भारतीय टीम के लिए बड़ा झटका होगा।
आप भारतीय टीम के अगले टेस्ट कप्तान के रूप में किसे देखते हैं?
-- निश्चित रूप से जसप्रीत बुमराह। वह टीम का अगला कप्तान हो सकता है। वह जिम्मेदारी के साथ टीम का बढ़कर नेतृत्व करता है, उसकी छवि बहुत अच्छी है। उसमें कप्तान के गुण है और वह ऐसा व्यक्ति नहीं है तो आप पर अनावश्यक रूप से दबाव बनाए। कभी-कभी आपके पास ऐसे कप्तान होते हैं जो आप पर बहुत दबाव डालते हैं। बुमराह को देखकर लगता है कि वह दूसरों से अपेक्षा करते हैं कि वे वही करें जो उनका काम है। वह जिस काम के लिए राष्ट्रीय टीम में है वह काम करें लेकिन इसके लिए किसी पर दबाव नहीं डालते है।
क्या आप बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पुरस्कार वितरण समारोह में उभरे विवाद के बारे में कुछ कहना चाहेंगे?
-- यह बिलकुल आसान है। अगर एलन बार्डर और मैं दोनों मैदान पर हैं तो दोनों को पुरस्कार वितरण समारोह में भी होना चाहिए, चाहे ऑस्ट्रेलिया जीते या भारत। आखिरकार यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है। मैं पहले भी यह बात दोहरा चुका हूं।
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