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    AUS vs AFG: लड़खड़ाते कदम, दर्द से छटपटाता शरीर, फिर भी सिर पर टीम को जीत दिलाने का जुनून, वर्ल्ड क्रिकेट याद रखेगा Glenn Maxwell आपकी यह यादगार पारी

    दर्द से छटपटाता शरीर लड़खड़ाते हुए कदम जमीन पर से ना उठ पाने तक की हिम्मत। बीच मैदान पर कुछ ऐसा ही हाल था ग्लेन मैक्सवेल का। रन दौड़ नहीं पा रहे थे और शॉट खेलते ही जमीन पर गिर पड़ रहे थे। एडम जम्पा नए बल्लेबाज के तौर पर मैदान पर आने को तैयार थे लेकिन मैक्सवेल के सिर पर तो टीम को जीत दिलाने का जुनून सवार था।

    By Shubham MishraEdited By: Shubham MishraUpdated: Wed, 08 Nov 2023 05:00 AM (IST)
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    Glenn Maxwell: दर्द में होने के बावजूद ग्लेन मैक्सवेल ने यादगार पारी खेली।

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। दर्द से छटपटाता शरीर, लड़खड़ाते हुए कदम, जमीन पर से ना उठ पाने तक की हिम्मत। बीच मैदान पर कुछ ऐसा ही हाल था ग्लेन मैक्सवेल का। रन दौड़ नहीं पा रहे थे और शॉट खेलते ही जमीन पर गिर पड़ रहे थे। एडम जम्पा नए बल्लेबाज के तौर पर मैदान पर आने को तैयार थे, लेकिन मैक्सवेल के सिर पर तो टीम को जीत दिलाने का जुनून सवार था।

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    दर्द में भी कंगारू बल्लेबाज हिम्मत जुटाकर खड़ा हुआ, मैदान पर बिना रुके बज रही तालियां मैक्सवेल की बहादुरी को सलाम ठोक रही थीं। मैक्सवेल शायद जानते थे कि अगर वह अपने काम को अधूरा छोड़कर ड्रेसिंग रूम लौट गए, तो ऑस्ट्रेलिया के दामन में अफगानिस्तान से हार जाने का दाग लग जाएगा।

    धीमी रही मैक्सवेल की शुरुआत

    मैक्सवेल ने जब अपनी पारी की शुरुआत की, तो टीम दबाव में थी। परिस्थितियों को कंगारू बल्लेबाज ने बखूबी अंदाज में समझा और धीरे-धीरे कप्तान पैट कमिंस के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया की पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया। चंद गेंदों में मैच का रुख पलट देने वाले मैक्सवेल ने अपनी फिफ्टी पूरी करने के लिए 51 गेंदें लीं। हालांकि, इसके बाद शुरू हुआ ताबड़तोड़ क्रिकेट। मैक्सवेल ने चौके-छक्कों में डील करना शुरू किया और अपना शतक पूरा कर लिया। हालांकि, वह खुद भी जानते थे कि अभी काम अधूरा है।

    शतक के बाद साथ छोड़ने लगा शरीर

    शतक पूरा होते ही मैक्सवेल के शरीर ने साथ छोड़ना शुरू कर दिया। बार-बार बीच मैदान पर फिजियो की जरूरत पड़ने लगी। मैक्सवेल दर्द से कराह रहे थे। मैच के दौरान एक पल तो ऐसा आया कि मैक्सवेल शॉट खेलने के बाद जमीन पर असहनीय दर्द की वजह से छटपटाते हुए नजर आए। अंपायर ने मैक्सवेल को खड़ा करने की कोशिश की, लेकिन दर्द इतना था कि कंगारू बैटर हिम्मत ही नहीं जुटा पा रहा था।

    मैक्सवेल को देखकर नहीं लग रहा था कि वह अपने पैरों पर खड़े हो पाएंगे। यही वजह थी कि एडम जम्पा तैयार होकर बस मैदान पर एंट्री ही लेने जा रहे थे। तभी अचानक से मैक्सवेल अपने पैरों पर खड़े हो गए और उन्होंने फिजियो से कहा कि वह बल्लेबाजी करना जारी रखेंगे।

    बल्ले से जमकर मचाई तबाही

    मैक्सवेल ने इसके बाद रन ना दौड़ने का फैसला किया। मैक्सवेल ने चौके-छक्कों में डील करना शुरू कर दिया। पारी के 47वें ओवर में मुजीब उर रहमान के खिलाफ मैक्सवेल ने शुरुआती तीन गेंदों पर पहले दो लंबे सिक्स जमाए। इसके बाद ओवर की चौथी बॉल पर मैक्सवेल ने चौका जमाया। अब ऑस्ट्रेलिया जीत और मैक्सवेल दोहरा शतक पूरा करने की दहलीज पर थे।

    ठीक तरह से क्रीज पर खड़े भी नहीं हो पार रहे मैक्सवेल ने मुजीब की गेंद पर डीप मिडविकेट के ऊपर से सिक्स जमाते हुए ऑस्ट्रेलिया को ऐसी जीत दिलाई, जिसका जिक्र सालों-साल किया जाएगा। मैक्सवेल 201 रन बनाकर नाबाद लौटे। छक्का लगाने के बाद मैक्सवेल के चेहरे के हाव-भाव बता रहे थे कि यह जंग आसान तो नहीं थी, पर इसमें जीत उनकी ही हुई है।