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    Bronco Test क्या है? BCCI का नया फिटनेस बेंचमार्क; पूर्व क्रिकेटर ने बताया यो-यो टेस्ट से है कैसे अलग

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 05:22 PM (IST)

    पिछले कुछ समय से भारतीय टीम में फिटनेस को लेकर काफी चर्चा हुई है। अब खिलाड़ियों को अगर लंबे समय तक देश के लिए क्रिकेट खेलना है तो उन्हें फिजिकली फिट होना काफी ज्यादा जरूरी है। भारतीय टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रूक्स ने रग्बी सेंट्रिक ब्रोंको टेस्ट का सुझाव दिया था।

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    ब्रोंको टेस्ट लाने की तैयारी में बीसीसीआई। फाइल फोटो

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय खिलाड़ियों की फिटनेस मेंटेन करने के लिए और कैपेसिटी इम्प्रूव करने के लिए बीसीसीआई ने ब्रोंको टेस्ट शुरू किया है। इसमें कई बार खिलाड़ियों को 20, 40 और 60 मीटर की शटल रन करनी होगी। यह टेस्ट रग्बी से लिया गया है। इस टेस्ट में फेल होने वाले खिलाड़ियों की टीम से छुट्टी हो जाएगी।

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    पिछले कुछ समय से भारतीय टीम में फिटनेस को लेकर काफी चर्चा हुई है। अब खिलाड़ियों को अगर लंबे समय तक देश के लिए क्रिकेट खेलना है तो उन्हें फिजिकली फिट होना काफी ज्यादा जरूरी है। भारतीय टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रूक्स ने रग्बी सेंट्रिक ब्रोंको टेस्ट का सुझाव दिया था।

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    हेड कोच ने भी जताई है सहमति

    इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर भी इस बात से सहमत हैं। ऐसा भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज के बाद ऐसा किया गया, जिसमें भारतीय टीम के तेज गेंदबाजों की फिटनेस टॉप लेवल पर नहीं थी। मोहम्मद सिराज के अलावा किसी भी तेज गेंदबाज ने पांचों टेस्ट नहीं खेले।

    आकाश चोपड़ा ने समझाया पूरा खेल

    इस ब्रोंको टेस्ट के बारे में पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने डिटेल में समझाया है। आकाश चोपड़ा ने पुराने सारे फिटनेस टेस्ट की तुलना करते हुए ब्रोंको टेस्ट के बारे में जानकारी दी। चोपड़ा ने इसका वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है।

    क्या है रग्बी सेंट्रिक ब्रोंको टेस्ट

    ब्रोंको टेस्ट में खिलाड़ी 20 मीटर शटल रन के साथ शुरू करेगा। इसके बाद वह बिना रुके 40 मीटर और फिर 60 मीटर की शटल रन करेगा। यह तीनों मिलकर एक ही सेट होंगे। खिलाड़ी को इसके 5 सेट करने होंगे। इसके लिए खिलाड़ियों को 6 मिनट का समय मिलेगा। जो भी खिलाड़ी 6 मिनट में इसे पूरा करेंगा, वह पास हो जाएगा।

    कितना अलग है यो-यो टेस्ट से

    यो-यो टेस्ट में खिलाड़ी सरकुलर रनिंग करते हैं। यो-यो टेस्ट में प्लेयर्स को एक खास ट्रैप दौड़ाया जाता है, जिसमें एक मुख्य लाइन के साथ दो साइडलाइन होती हैं। यह टेस्ट धीरे-धीरे मुश्किल होता जाता है। इसमें लेवल होते हैं। जैसे लेवल बढ़ता है, वैसे ही कठिनाइयां भी बढ़ती हैं। प्लेयर्स को दिए गए समय में इस टेस्ट को पूरा करना होता है।

    2 किलोमीटर के टाइम ट्रायल रहेगा लागू

    हालांकि, खिलाड़ियों को 10 सेंकेंड का समय मिलता था लेवल के बीच में लेकिन, ब्रोंको टेस्ट में खिलाड़ियों को ये समय नहीं मिलेगा। इसके अलावा बीसीसीआई 2 किलोमीटर के टाइम ट्रायल का भी इस्तेमाल जारी रखे हुए है।

    इसमें अलग-अलग खिलाड़ियों के लिए मानक तय किए गए हैं- तेज गेंदबाजो को इसे 8 मिनट 15 सेकंड में पूरा करना होता है, जबकि बल्लेबाजों, विकेटकीपरों और स्पिनरों के लिए 8 मिनट 30 सेकंड का थोड़ा लंबी समय सीमा रखी गई है।

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