6 फुट 2 इंच कद और गोली सी रफ्तार... बल्लेबाजों का 'काल' कहे जाने वाले खूंखार गेंदबाज की कहानी, थर-थर कांपते थे गावस्क-इमरान जैसे बल्लेबाज
दुनिया का बड़े से बड़ा बल्लेबाज इस खूंखार गेंदबाज से खौफ खाता था। रन बनाना तो दूर की बात है यहां जान बचाना बल्लेबाज का पहला मकसद हुआ करता था। सुनील गावस्कर और इमरान खान जैसे खिलाड़ी की भी इस घातक गेंदबाज को देखकर रूह कांप जाती थी। यह वो गेंदबाज था जिसने वर्ल्ड क्रिकेट में वेस्टइंडीज की हुकूमत की नींव रखी थी।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। 6 फुट 2 इंच का कद और हाथ से गोली की रफ्तार से निकलती गेंद। स्टंप से ज्यादा बल्लेबाजों के सिर और शरीर पर वार करने का शौक। वो गेंद लेकर बल्लेबाज की तरफ आता था, तो बैटर को अपने विकेट से ज्यादा जान की फिक्र होने लगती थी। कोई गेंद कान के पास से सीटी बजाते हुए निकलती थी, तो कोई बॉल बल्लेबाज को लहूलुहान करने के लिए फेंकी जाती थी।
दुनिया का बड़े से बड़ा बल्लेबाज इस खूंखार गेंदबाज से खौफ खाता था। रन बनाना तो दूर की बात है, यहां जान बचाना बल्लेबाज का पहला मकसद हुआ करता था। सुनील गावस्कर और इमरान खान जैसे खिलाड़ी की भी इस घातक गेंदबाज को देखकर रूह कांप जाती थी। यह वो गेंदबाज था, जिसने वर्ल्ड क्रिकेट में वेस्टइंडीज की हुकूमत की नींव रखी थी। कप्तान क्लाइव लॉयड का खास हथियार और बल्लेबाजों के लिए चलती-फिरती मौत।
16 साल की उम्र तक क्रिकेट से नहीं था नाता
हम बात वेस्टइंडीज के दिग्गज गेंदबाज एंडी रॉबर्ट्स की कर रहे हैं। रॉबर्ट्स का 16 साल तक की उम्र में क्रिकेट से कोई नाता नहीं था। हालांकि, कैरेबियाई गेंदबाज ने जब इस खेल का दामन थमा, तो फिर एक के बाद एक बुलंदियां उनके कदम चूमती गईं। कहा जाता है कि रॉबर्ट्स ने कभी भी क्रिकेट की कोई कोचिंग नहीं ली। उनको सिर्फ कोचिंग महज एक बार छह हफ्ते के लिए मिली, जब उन्हें साल 1971 में विव रिचर्ड्स के साथ इंग्लैंड भेजा गया था।
कप्तान क्लाइव लॉयड का खास हथियार
1970-80 के दशक में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों का दुनियाभर में खौफ था। एंडी रॉबर्ट्स वो पहले गेंदबाज थे, जिनके बूते कप्तान क्लाइव लॉयड ने बल्लेबाजों के मन में खौफ पैदा किया था। छह फुट 2 इंच के रॉबर्ट्स के हाथ से निकलने वाले हर गेंद आग के गोले की तरफ बल्लेबाज की तरफ आती थी। रॉबर्ट्स रफ्तार के साथ-साथ शानदार लाइन एंड लेंथ से गेंदबाजी करते थे और इसी वजह से उनको खेल पाना और भी मुश्किल हो जाता था।
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पेस चौकड़ी की अहम कड़ी
माइकल होल्डिंग, जोएल गार्नर, कॉलिन क्रॉफ्ट के साथ मिलकर एंटी रॉबर्ट्स ने दुनियाभर के बल्लेबाजों की खूब नींद उड़ाई। एंडी को इस पेस चौकड़ी की अहम कड़ी माना जाता था। रॉबर्ट्स के बारे में कहा जाता है कि वह गेंदबाजी करते हुए दो तरह की बाउंसर फेंका करते थे। धीमी बाउंसर फेंककर वह बल्लेबाज के मन में खौफ पैदा करते थे और रफ्तार के साथ डाली हुई बाउंसर से बल्लेबाज को चित कर देते थे।
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खौफ खाते थे गावस्कर-इमरान
सुनील गावस्कर ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि एंडी रॉबर्ट्स की आग उगलती गेंदों को खेलने बेहद मुश्किल होता था। गावस्कर का कहना था कि रॉबर्ट्स एक ही रफ्तार के साथ पूरे दिन गेंदबाजी करते थे और उनकी कमाल की लाइन एंड लेंथ की वजह से उन्हें खेल पाना और भी मुश्किल हो जाता था। इमरान खान का तो यहां पर मानना था कि उन्होंने एंडी रॉबर्ट्स से ज्यादा तेज गेंद किसी भी बॉलर को डालते नहीं देखा है।
ज्यादा लंबा नहीं रहा एंडी रॉबर्ट्स का करियर
वेस्टइंडीज को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम किरदार निभाने वाले एंडी रॉबर्ट्स का करियर अपार सफलता के बावजूद ज्यादा लंबा नहीं रहा। 1983 में कैरेबियाई टीम के इस खौफनाक गेंदबाज ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। अपने करियर के दौरान रॉबर्ट्स ने 47 टेस्ट मैचों में कुल 202 विकेट निकाले। एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा रॉबर्ट्स ने 11 बार किया, तो वह दो दफा एक इनिंग में 10 विकेट चटकाने में भी सफल रहे।
वनडे क्रिकेट में एंडी रॉबर्ट्स ने कुल 56 मैच खेले। इस दौरान उनकी झोली में कुल 87 विकेट आए। एकदिवसीय क्रिकेट में रॉबर्ट्स का इकॉनमी महज 3.40 का रहा। 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला मैच खेलने वाले एंडी रॉबर्ट्स ने अपने टेस्ट करियर का आखिरी मुकाबला भारत के खिलाफ साल 1983 में खेला।
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