T20 WC: क्या सही है Rohit Sharma और Virat Kohli को T20 टीम में फिर से चुनना? कहीं टी-20 विश्व कप 2024 में भारी ना पड़ जाए यह फैसला!
खबरों का बाजार गर्म है और हर तरफ रोहित-कोहली के टी-20 आंकड़ों की चर्चा हो रही है। कोहली-रोहित के पास वर्ल्ड कप खेलने का काफी अनुभव है और दबाव में यह दोनों प्लेयर किस तरह से निखरकर आते हैं इस बात को भी बताने की जरूरत नहीं है। हालांकि बड़ा सवाल यह है कि टी-20 क्रिकेट की पेस के साथ रोहित-कोहली वर्ल्ड कप में तालमेल बैठा पाएंगे?

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत की टी-20 टीम में विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की वापसी हुई है। सेलेक्टर्स द्वारा लिए गए इस फैसले का हर कोई दिल खोलकर स्वागत कर रहा है। माना जा रहा कि अफगानिस्तान के खिलाफ कोहली-रोहित की वापसी कराकर सेलेक्टर्स ने साफ मैसेज दे दिया है कि टी-20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2024) में इन दोनों दिग्गज खिलाड़ी की टीम इंडिया को जरूरत है।
खबरों का बाजार गर्म है और हर तरफ रोहित-कोहली के टी-20 आंकड़ों की चर्चा हो रही है। कोहली-रोहित के पास वर्ल्ड कप खेलने का काफी अनुभव है और दबाव में यह दोनों प्लेयर किस तरह से निखरकर आते हैं, इस बात को भी बताने की जरूरत नहीं है।
टी-20 में फिट बैठते हैं रोहित-कोहली?
हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि टी-20 क्रिकेट की पेस के साथ रोहित शर्मा और कोहली वर्ल्ड कप में तालमेल बैठा पाएंगे? विश्व कप को देखते हुए सेलेक्टर्स रिस्क लेने के मूड में बिल्कुल भी नहीं हैं, लेकिन याद कीजिए साल 2007 का वो टी-20 वर्ल्ड कप, जहां युवा ब्रिगेड ने नया इतिहास लिख डाला था। अब आइए आपको थोड़ा विस्तार से समझाते हैं कि रोहित-कोहली को वापस से टी-20 टीम में लेकर आने का फैसला क्यों वर्ल्ड कप में भारी पड़ सकता है।
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वनडे की तरह टी-20 में कारगर होंगे रोहित?
पिछले कुछ सालों में टी-20 क्रिकेट की परिभाषा पूरी तरह से बदल चुकी है। इस फॉर्मेट में बल्लेबाजी करने का स्टाइल और मांग दोनों बदल चुकी है। आपको क्रीज पर आने के साथ ही शॉट्स लगाना जरूरी हो गया है। कहने का मतलब यह है कि आपके पास क्रीज पर सेट होने का समय कम होता है। रोहित शर्मा ने वनडे विश्व कप में अटैकिंग अप्रोच अपनाई थी, जिसका फायदा टीम इंडिया को मिला था।
हालांकि, सवाल यह है कि हिटमैन इस तरह की शुरुआत टी-20 में दे सकेंगे, जहां आपके ऊपर तेजी से रन बटोरने का अतिरिक्त दबाव होता है। इस बात को समझना जरूरी है कि टी-20 क्रिकेट में अच्छी शुरुआत काफी मायने रखती है, क्योंकि इस फॉर्मेट में अगर आप पिछड़े, तो गेम में वापसी करने का चांस बेहद कम मिलता है। साल 2022 में रोहित ने 29 टी-20 मैच खेले थे और इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 134 का ही रहा था। हिटमैन सिर्फ तीन ही फिफ्टी लगा सके थे।
सवालों के घेरे में रहा है कोहली का स्ट्राइक रेट
विराट कोहली हर फॉर्मेट के दिग्गज बल्लेबाज हैं, इसमें कोई शक नहीं है। हालांकि, टी-20 क्रिकेट में पिछले कुछ सालों में कोहली का स्ट्राइक रेट लगातार सवालों के घेरे में रहा है। विराट का क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में स्ट्राइक रेट 137 का रहा है, लेकिन मॉर्डन-डे क्रिकेट के हिसाब से यह और बेहतर होना चाहिए। इस फॉर्मेट में बल्ले से जमकर धमाल मचाने वाले सूर्यकुमार यादव का स्ट्राइक रेट 170 से ज्यादा का है। कोहली की काबिलियत पर किसी को भी कोई शक नहीं है, पर सवाल यह है कि विराट इस फॉर्मेट की डिमांड के हिसाब से रन बटोर पाएंगे?
कोहली-रोहित खत्म कर पाएंगे ICC ट्रॉफी का सूखा?
टी-20 टीम में सेलेक्टर्स विराट कोहली और रोहित शर्मा को वापस इसलिए लेकर आए हैं, क्योंकि वर्ल्ड कप सिर पर है। कोहली-रोहित के पास भी इस फॉर्मेट में टीम इंडिया को चैंपियन बनाने का शायद यह आखिरी मौका भी होगा। अब विराट और हिटमैन सेलेक्टर्स और देशवासियों के भरोसे पर खरे उतर पाएंगे या नहीं, यह पांच महीने बाद वर्ल्ड कप में पता चलेगा। हालांकि, अफगानिस्तान के खिलाफ यह दोनों दिग्गज बल्लेबाज किस तरह का खेल दिखाएंगे और इनका स्ट्राइक रेट कैसे रहेगा इस पर भी सभी की निगाहें रहेंगी।
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