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आज के दिन इस महान क्रिकेटर ने किया था डेब्यू, खौफ में आ गई थी वेस्टइंडीज टीम

गावस्कर ने छह मार्च को ही अपने टेस्ट करियर का डेब्यू किया था।

By Bharat SinghEdited By: Published: Mon, 06 Mar 2017 03:30 PM (IST)Updated: Mon, 06 Mar 2017 04:05 PM (IST)
आज के दिन इस महान क्रिकेटर ने किया था डेब्यू, खौफ में आ गई थी वेस्टइंडीज टीम
आज के दिन इस महान क्रिकेटर ने किया था डेब्यू, खौफ में आ गई थी वेस्टइंडीज टीम

नई दिल्ली, जेएनएन। 6 मार्च 2017 को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। इस ट्रॉफी का नाम जिस महान भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर के नाम पर रखा गया है, उन्होंने 6 मार्च 1971 को ही अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। 

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सुनील गावस्कर ने 6 मार्च को वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। वेस्टइंडीज के इस दौरे पर सुनील गावस्कर अप्रत्याशित रूप से सफल हुए थे। पहले मैच में गावस्कर नहीं खेले थे। 6 मार्च को पोर्ट ऑफ स्पेन में हुए दूसरे मैच में उन्होंने 65 और नाबाद 67 रन बनाए थे। अपने करियर के दूसरे ही और सीरीज के तीसरे मैच में उन्होंने जॉर्जटाउन में 116 और 64 नाबाद रन बनाए थे। ब्रिजटाउन में हुए चौथे मैच में उन्होंने 1 और 117 नाबाद रन बनाए थे। सीरीज का पांचवां मैच पोर्ट ऑफ स्पेन में हुआ था और उन्होंने 124 और 220 रन बनाए थे।

वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों का खौफ तब दुनिया भर के बल्लेबाजों के मन में था। हालांकि, इस दौरे के बाद से वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों के मन में सुनील गावस्कर के प्रति खौफ पैदा हो गया था।

गावस्कर ने बनाया था रिकॉर्ड
इस तरह गावस्कर ने अपने दूसरे मैच में शतक और चौथे मैच में दोहरा शतक बनाया था। इस सीरीज में उन्होंने 774 रन बनाए थे। भारत की ओर से किसी सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड गावस्कर के नाम ही दर्ज है। 
भारत ने जीती थी पहली सीरीज
दूसरा मैच भारत ने सात विकेट से जीता था। पहला, तीसरा, चौथा और पांचवां मैच ड्रॉ रहा था। पांच मैचों की सीरीज भारत ने 1-0 से जीती थी। यह भारत की वेस्टइंडीज पर पहली जीत थी। इसके बाद भारत ने वेस्टइंडीज को अपने घर में भी हराया था। 
पहले 10 हजारी थे गावस्कर
गावस्कर का करियर 1971 से लेकर 1987 तक चला था। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 125 मैचों में 51.12 के औसत से 10,122 रन बनाए। उनका बेस्ट स्कोर 236 नाबाद था। गावस्कर ने इस दौरान 34 शतक भी बनाए। वह भारत की ओर से टेस्ट में 10 हजार रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज थे। 
जब बदल गए थे गावस्कर
कम ही लोग जानते हैं कि गावस्कर पैदा होने के बाद अस्पताल में एक बच्चे से बदल गए थे। गावस्कर के चाचा ने उनके कान में छेद की वजह से उन्हें पहचान लिया था। अगर उनके चाचा बगले हुए बच्चे को नहीं पहचान पाते तो गावस्कर किसी और घर में होते। 

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज में विश्वप्रसिद्ध भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह ढह रही है। उम्मीद है कि सीरीज के आगामी मैचों में भारतीय बल्लेबाज गावस्कर से प्रेरणा लेंगे। गावस्कर इस सीरीज में कॉमेंटेटर की भूमिका में हैं। 


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