77 मैच का इंतजार, AUS बॉलिंग अटैक से Sachin Tendulkar ने किया खिलवाड़; आज ही के दिन जड़ा था ODI में पहला शतक
9 सितंबर की तारीख और साल 1994। आज से ठीक 29 साल पहले वनडे क्रिकेट की दुनिया पर राज करने की तरफ सचिन तेंदुलकर ने पहला कदम बढ़ाया था। मास्टर ब्लास्टर ने कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के मजबूत बॉलिंग अटैक की जमकर धज्जियां उड़ाई थी और अपने एकदिवसीय करियर का पहला शतक ठोका था। भारत ने इस मैच को 31 रन से अपने नाम किया था।

नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। Sachin Tendulkar First ODI Hundred: 9 सितंबर की तारीख और साल 1994। आज से ठीक 29 साल पहले वनडे क्रिकेट की दुनिया पर राज करने की तरफ सचिन तेंदुलकर ने पहला कदम बढ़ाया था। मास्टर ब्लास्टर ने कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के मजबूत बॉलिंग अटैक की जमकर धज्जियां उड़ाई थी और अपने एकदिवसीय करियर का पहला शतक ठोका था। यह शतक कई मायनों में खास था, क्योंकि वनडे में पहली बार 100 का जादुई आंकड़ा छूने में सचिन को 77 मैच लगे थे।
सचिन का पहला शतक
77 मैचों का लंबा इंतजार करने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो में सचिन तेंदुलकर वर्ल्ड क्रिकेट में उस दिन अपनी छाप छोड़ने मैदान पर उतरे थे। ग्लेन मैक्ग्रा, शेन वॉर्न जैसे सरीखे गेंदबाजों के आगे रन बनाना कोई आसान काम नहीं था। हालांकि, उस दिन कंगारू टीम का बड़े से बड़ा गेंदबाज मास्टर ब्लास्टर के आगे बेबस नजर आया था। सचिन के बल्ले से निकले हर शॉट ने फैन्स का दिल मोह लिया था और यही से वर्ल्ड क्रिकेट पर राज करने की शुरुआत हुई थी।
सचिन तेंदुलकर के बल्ले से कोलंबो के मैदान पर 8 चौके और दो गगनचुंबी छक्के निकले थे। लिटिल मास्टर ने 130 गेंदों का सामना करते हुए 110 रन की शानदार पारी खेली थी, जिसके चलते भारतीय टीम 8 विकेट खोकर स्कोर बोर्ड पर 246 रन लगाने में सफल रही थी।
सचिन के नाम वनडे में 49 शतक
कोलंबो में लगाए गए पहले शतक के बाद सचिन तेंदुलकर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हर पारी के साथ सचिन एक नया कीर्तिमान स्थापित करते चले गए और यही वजह है कि उनको 'क्रिकेट का भगवान' की उपाधि मिली। सचिन इंटरनेशनल क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते खिलाड़ी हैं। वनडे क्रिकेट में मास्टर ब्लास्टर के नाम 49 शतक दर्ज हैं। वहीं, टेस्ट में सचिन ने 51 सेंचुरी जमाई है।
टीम इंडिया के हाथ लगी थी जीत
भारत से मिले 247 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम इस मुकाबले में सिर्फ 215 रन बनाकर सिमट गई थी। भारतीय टीम की ओर से गेंदबाजी में मनोज प्रभाकर ने महज 34 रन खर्च करते हुए तीन बड़े विकेट अपने नाम किए थे। वहीं, राजेश चौहान ने भी मार्क वॉ और डेविड बून को पवेलियन की राह दिखाते हुए कंगारू बैटिंग ऑर्डर को झकझोर कर रख दिया था। ऑस्ट्रेलिया की ओर से मार्क वॉ ने सर्वाधिक 61 रन की पारी खेली थी।
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