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    OTD: ऑस्ट्रेलिया ने 20 साल बाद फिर दिया था गहरा जख्म, करोड़ों हिन्दुस्तानियों का टूट गया था दिल, अहमदाबाद में टूटा टीम इंडिया का सपना

    भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप-2023 का फाइनल मैच खेला गया था। उम्मीद थी कि रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ये मैच जीतेगी और 2003 की हार का बदला लेगी। लेकिन पैट कमिंस की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया ने पूरी बाजी ही पलट दी थी। ट्रेविस हेड फिर भारत के लिए काल बने थे और जीत छीनकर ले गए थे।

    By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Tue, 19 Nov 2024 09:54 AM (IST)
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    टूट गया था भारत का विश्व विजेता बनने का सपना

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। 19 नवंबर... वो तारीख जो शायद ही कोई भारतीय फैन कभी भूल न पाए। इस दिन करोड़ों भारतीयों को ऐसा जख्म मिला था जिसकी उम्मीद नहीं थी। इस दिन पिछले साल भारत का वनडे वर्ल्ड कप जीतने का सपना टूट गया था। पैट कमिंस की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया ने सेमीफाइनल तक अजेय रही रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया को खिताबी मुकाबले में शिकस्त दे छठी बार वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता था।

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    अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में दोनों टीमों का सामना हुआ था। भारतीय टीम की बल्लेबाज जो पूरे टूर्नामेंट में दमदार तरह से खेली थी वो फाइनल में फुस्स हो गई थी। टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 240 रन ही बनाए थे। ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट खोकर ये टारगेट हासिल कर लिया था।

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    ट्रेविस हेड बने थे काल

    भारत के लिए सबसे ज्यादा 66 रन केएल राहुल ने बनाए थे। विराट कोहली 54 रन बनाने में सफल रहे थे। टीम के कप्तान रोहित शर्मा तीन रनों से अर्धशतक से चूक गए थे। बाकी सभी बल्लेबाजों ने बुरी तरह से निराश किया था। भारतीय गेंदबाजों ने जिस तरह से शुरुआत की थी उससे लगा था कि ऑस्ट्रेलिया इस खिताब से महरूम रह जाएगी, लेकिन फिर ट्रेविस हेड टीम इंडिया का काल बने थे।

    47 रनों तक ऑस्ट्रेलिया ने अपने तीन विकेट खो दिए थे। डेविड वॉर्नर, मिचेल मार्श और स्टीव स्मिथ जल्दी पवेलियन लौट गए थे। लेकिन फिर हेड और मार्नस लाबुशेन ने जो साझेदारी की उसने भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 192 रनों की साझेदारी हुई थी और यहीं से मैच भारत के हाथ से निकल गया था।

    हेड ने 120 गेंदों पर 15 चौके और चार छक्कों की मदद से 137 रनों की पारी खेली थी। उनका विकेट गिरा था लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मोहम्मद सिराज ने उन्हें आउट किया था। हेड का विकेट 239 रनों के कुल स्कोर पर गिरा था। लाबुशेन 58 रन बनाकर नाबाद रहे थे और अपनी टीम को विश्व विजेता बनाकर लौटे।

    20 साल बाद फिर मिला था जख्म

    अब जरा 20 साल पीछे चलते हैं। साल था 2003। मैदान था जोहान्सबर्ग का न्यू वांडर्स स्टेडियम। ये था वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल। सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया का सामना रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया से था। इस मैच में भी हार मिली थी। इस हार को भी कोई भूल नहीं सकता। लेकिन जब 2023 में टीम इंडिया फाइनल में पहुंची और उसके सामने ऑस्ट्रेलिया थी, तो लगा साल 2003 का जख्म भरने वाला है।

    टीम इंडिया लाजवाब फॉर्म में थी। लीग स्टेज में वो ऑस्ट्रेलिया को हरा चुकी थी और जिस तरह से भारतीय गेंदबाज कहर ढा रहे थे उससे लगा था कि ऑस्ट्रेलिया इस बार विजेता नहीं बनेगी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पुराना जख्म तो भरा नहीं, साथ ही घर में हारने का एक और नया जख्म मिल गया।

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