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    चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए भटक रहा भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम का पूर्व कप्तान

    By Sanjay SavernEdited By:
    Updated: Sun, 26 Jul 2020 06:04 PM (IST)

    भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान दिनेश सैन का कहना है कि वो नौकरी के लिए आवेदन करते रहते हैं मगर अभी तक किस्मत साथ नहीं दे रही है।

    चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए भटक रहा भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम का पूर्व कप्तान

    अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम। भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान दिनेश सैन चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। जब उन्हें हरियाणा में नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए आवेदन किया है। उनका कहना है कि वो नौकरी के लिए आवेदन करते रहते हैं, मगर अभी तक किस्मत साथ नहीं दे रही है।

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    सोनीपत (आदर्श नगर) के रहने वाले दिनेश का कहना है कि उन्होंने हरियाणा में कई बार नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि सोनीपत जिला अदालत में कांट्रेक्ट आधारित चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए दो बार आवेदन आमंत्रित किए गए थे। उन्होंने दोनों बार आवेदन किया। साक्षात्कार के दौरान अधिकारियों से अपनी खेल उपलब्धि भी बताई। तो साक्षात्कार लेने वाले अधिकारी खुश हुए लेकिन नौकरी नहीं मिली।

    35 वर्षीय इस खिलाड़ी का कहना है कि नौकरी नहीं होने के कारण परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। परिवार में पत्नी, एक वर्ष का बेटा है और बूढ़े पिता हैं। यही कारण है मैं चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के लिए कई बार आवेदन कर चुका हूं। देश के लिए कई वर्ष खेलने वाले दिनेश ने हरियाणा की पिछली सरकार में खेल मंत्री रहे अनिल विज से मिलकर अपनी परेशानी से अवगत भी कराया था लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली।

    उन्होंने कहा कि हाल ही में मैंने प्रदेश सरकार के खेल मंत्री संदीप सिंह से भी मुलाकात की है। प्रदेश खेल योजना में दिव्यांग क्रिकेट शामिल नहीं होने के कारण किसी खिलाड़ी को नौकरी नहीं मिल पा रही है। दिनेश ने कहा कि मैं दिव्यांग क्रिकेट को प्रदेश खेल स्कीम में शामिल कराने के लिए सचिन तेंदुलकर, बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली व अन्य क्रिकेटरों से भी सहयोग मांग चुका हूं। मैं उन खिलाड़ियों के लिए काम करना चाहता हूं जो आगे खेलेंगे। मैं चाहता हूं कि दिव्यांग क्रिकेटरों को वह सुविधा मिले, जो अन्य खेलों के खिलाड़ियों को मिलती है। दिनेश ने 12 वीं कक्षा पास करने के साथ आइटीआइ की डिग्री हासिल की है। फिलहाल वह ग्रेजुएशन पूरा कर रहे हैं।