पिता का निधन और कर्ज में डूबा परिवार, फिर भी नहीं छोड़ा क्रिकेटर बनने का सपना, Pushkar की संघर्ष भरी कहानी
Pushkar Sharma आर्थिक तंगी और सिर से पिता का साया उठ जाने के बावजूद पुष्कर शर्मा ने क्रिकेटर बनने का सपना नहीं छोड़ा। भारत में पर्याप्त मौके नहीं मिलने की वजह से पुष्कर ने केन्या जाकर अपना क्रिकेटिंग करियर आगे बढ़ाने का फैसला किया। घरेलू क्रिकेट में लगातार धमाकेदार प्रदर्शन के बूते पुष्कर केन्या की नेशनल टीम में जगह बनाने में सफल रहे।

नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। आर्थिक तंगी और सिर से पिता का साया उठ जाने के बावजूद पुष्कर शर्मा ने क्रिकेटर बनने का सपना नहीं छोड़ा। पुष्कर ने जब साल 2020 में अपना घर छोड़ा, तो मन में डर था और दिल बेहद दुखी था। पुष्कर घर के साथ-साथ मां और दो बहनों को भी छोड़कर केन्या जैसे अनजाने देश में अपना क्रिकेटिंग करियर बनाने निकले थे।
गरीबी से जूझ रहा था परिवार
पिता के जाने के बाद पुष्कर का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। पुष्कर को घर चलाने के लिए पैसों का इंतजाम भी करना था, तो क्रिकेटर बनने का सपना भी वह अधूरा नहीं छोड़ना चाहते थे। मुंबई की अंडर 16 टीम की कप्तानी कर चुके पुष्कर के राह आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी और उनका संघर्ष लगातार जारी रहा।
क्यों लिया केन्या की तरफ से खेलने का फैसला
घर की स्थिति और पर्याप्त मौके नहीं मिल पाने की वजह से पुष्कर ने बाकी देशों की तरफ से क्रिकेट खेलने का फैसला किया। पुष्कर ने टेस्ट नहीं खेलने वाले कई देशों में अप्लाई करना शुरू किया। एक दिन किस्मत ने पुष्कर के घर का दरवाजा खटखटाया और उनको केन्या की तरफ से खेलने का बुलावा आया। हालांकि, यहां पर परेशानियां खत्म नहीं, बल्कि शुरू हुई थीं।
दिन में नौकरी और रात में प्रैक्टिस
दरअसल, आईसीसी के नियमों के अनुसार किसी देश की तरफ से खेलने के लिए वहां पर तीन साल तक रहना जरूरी है। पुष्कर ने केन्या क्रिकेट का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया और अपना क्रिकेट करियर बनाने केन्या पहुंच गए। केन्या में पहुंचने के बाद पुष्कर ने रूआरका स्पोर्ट्स क्लब को जॉइन किया। पुष्कर दिन में नौकरी करते थे, तो रात को क्रिकेट खेला करते थे। नौकरी से होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा वो घर भेजा करते थे, ताकि परिवार की जरूरतें पूरी हो सकें।
घरेलू क्रिकेट में मचाया धमाल
साल 2021 में पुष्कर ने केन्या के घरेलू लीग में रनों का अंबार लगाया। 14 मैचों में पुष्कर ने 4 शतक और 3 अर्धशतक समेत कुल 841 रन कूटे। इसके बाद अगले साल भी पुष्कर इसी फॉर्म को बरकरार रखने में सफल रहे और उन्होंने 12 मैचों में 518 रन बनाए, जिसमें एक शतक और 3 फिफ्टी शामिल रही। एक और क्रिकेट क्लब की ओर से खेलते हुए पुष्कर ने 228 रन बनाने के साथ-साथ 5 विकेट भी झटके। तीन साल पुष्कर ने एक के बाद एक धमाकेदार प्रदर्शन किया और उनको केन्या की नेशनल टीम का आखिरकार बुलावा आया। पुष्कर ने बताया कि वह 2024 में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में केन्या की तरफ से खेलते हुए दमदार प्रदर्शन करना चाहते हैं।
गंभीर को आदर्श मानते हैं पुष्कर
पुष्कर ने बताया कि वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और वह गौतम गंभीर को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर भी टीम के लिए ओपनिंग किया करते थे और वह भी पारी का आगाज करते हैं। पुष्कर ने बताया कि जब वह छोटे थे, तो वह गंभीर से कई बार मिले हैं। पुष्कर के अनुसार, उन्होंने गंभीर की बैटिंग की कई वीडियो देखी हैं और 2011 वर्ल्ड कप में गंभीर के बल्ले से निकली पारी उनके दिल के सबसे करीब है।
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