IND vs ENG 2nd Test: काली पट्टी बांधकर क्यों खेल रही दोनों टीमें? दूसरे टेस्ट से पहले एजबेस्टन में तालियों की गूंज
IND vs ENG 2nd Test भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले दोनों टीमों ने इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज वेन लार्किंस (Wayne Larkins) को श्रद्धांजलि दी। खिलाड़ियों ने काली पट्टी बांधकर और तालियों की गूंज के साथ उन्हें याद किया। लार्किंस का हाल ही में 71 साल की उम्र में निधन हुआ था। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 13 टेस्ट और 25 वनडे मैच खेले थे।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। IND vs ENG 2nd Test: एजबेस्टv टेस्ट की शुरुआत एक भावुक क्षण के साथ हुई, जब भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज व्यान लार्किंस को श्रद्धांजलि दी। भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने स्टेडियम में तालियों की गूंज के साथ उन्हें याद किया और दोनों टीम के प्लेयर्स हाथ में काली पट्टी बांधे मैदान पर उन्हें सम्मान देने के लिए उतरे हैं।
IND vs ENG 2nd Test: Wayne Larkins को दी गई श्रद्धांजलि
दरअसल, मौजूदा समय में भारतीय टीम (India National Cricket Team) इंग्लैंड के दौरे पर है, जहां वह पांच मैचों (IND vs ENG TEST) की टेस्ट सीरीज खेल रही है। लीड्स में खेला गया पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड ने 5 विकेट से जीता था। अब दूसरे टेस्ट मैच की आज से शुरुआत हई। इस टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले दोनों टीम के खिलाड़ियों ने इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज वेन लार्किंस (Wayne Larkins)को याद किया।
इस सीरीज से तीन दिन पहले वेन लार्किंस का 71 साल की उम्र में छोटी बीमारी के बाद निधन हो गया था। नॉर्थेम्पटनशर के लिए खेलने वाले लार्किंस ने इंग्लैंड के लिए कुल 13 टेस्ट मैच और 25 वनडे मैच खेले।
उन्हें नेड के नाम से जाना जाता था। 1979 से 1991 तक इंग्लैंड के लिए उन्होंने क्रिकेट खेला। वह 1979 विश्व कप के फाइनल में भी खेला था और नंबर-7 पर बैटिंग की थी। उस मैच में उन्होंने दो ओवर भी फेंके थे।
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वेन लार्किंस ने नॉर्थेम्पटनशर के लिए खेले 700 मैच
उनके करियर का सबसे यादगार पल 1889-90 का रहा, जब वेस्टइंडीज दौरे पर उन्होंने विजयी रन बनाए थे और टीम को 1-0 से सीरीज में बढ़त दिलाई थी।
ये उनके करियर का 7वां टेस्ट मैच था, जो उनके छठे टेस्ट के 8 साल बाद आया था। उन्होंने नॉर्थेम्पटनशर के लिए कुल 700 मैचों खेले। इसके बाद वह डरहम चले गए और यहीं से उन्होंने रिटायरमेंट का एलान किया था। अपने करियर में उन्होंने कुल 40,000 से ज्यादा रन नहीं बनाए और 85 शतक भी जमाए। इतना ही नहीं, 1982 में दक्षिण अफ्रीका के विद्रोही दौरे में हिस्सा लेने के कारण उन पर तीन साल का बैन भी लगा था।
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