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    खिलाड़ी पर चिल्लाना पड़ा Hanuma Vihari को महंगा, पॉलिटिशियन पिता ने छिनवा दी कप्तानी; भारतीय बैटर का सोशल मीडिया पर छलका दर्द

    Updated: Mon, 26 Feb 2024 05:58 PM (IST)

    रणजी ट्रॉफी 2024 के क्वार्टर फाइनल में आंध्र प्रदेश को मध्य प्रदेश के हाथों 4 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही टीम के टूर्नामेंट में सफर पर भी ब्रेक लग गया। आंध्र प्रदेश की हार के बाद कप्तानी से हटाए जाने वाले हनुमा विहारी का सोशल मीडिया पर दर्द छलक पड़ा। विहारी ने लंबा पोस्ट लिखते हुए क्रिकेट बोर्ड पर कई बड़े आरोप लगाए।

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    Hanuma Vihari: हनुमा विहारी ने लगाए बोर्ड पर कई बड़े आरोप।

    स्पोर्ट्स् डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया की धरती पर खेला गया सिडनी टेस्ट मैच तो याद ही होगा आपको। हां, हम उसी टेस्ट की बात कर रहे हैं, जिसमें हनुमा विहारी कंगारू टीम और जीत के बीच सीना तानकर खड़े रहे थे और मैच को ड्रॉ कराया था।

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    भारत के लिए 16 टेस्ट मैच खेल चुके उसी खिलाड़ी ने अब आंध्र प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन पर बड़ा आरोप लगाया है। हनुमा का कहना है कि एक खिलाड़ी पर चिल्लाने की वजह से उनको टीम की कप्तानी से हाथ धोना पड़ा। हनुमा का कसूर बस इतना सा था कि जिस प्लेयर पर वो चीखे, वो पॉलिटिशियन का बेटा था।

    हनुमा विहारी का छलका दर्द

    रणजी ट्रॉफी 2024 के क्वार्टर फाइनल में आंध्र प्रदेश को मध्य प्रदेश के हाथों 4 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही टीम के टूर्नामेंट में सफर पर भी ब्रेक लग गया। आंध्र प्रदेश की हार के बाद कप्तानी से हटाए जाने वाले हनुमा विहारी का सोशल मीडिया पर दर्द छलक पड़ा। विहारी ने लंबा पोस्ट लिखते हुए क्रिकेट बोर्ड पर कई बड़े आरोप लगाए।

    हनुमा विहारी ने लिखा, "हमने अच्छी लड़ाई लड़ी, लेकिन आखिर में हमको हार का मुंह देखना पड़ा। आंध्र की ओर से खेलते हुए एक और क्वार्टर फाइनल गंवाने पर दुखी हूं। यह पोस्ट मैंने कुछ तथ्यों को सामने लाने के लिए लिखा है। बंगाल के खिलाफ पहले मैच में मैं टीम का कप्तान था। मैच के दौरान मैंने 17वें खिलाड़ी पर चिल्ला दिया और उसने अपने पॉलिटिशियन पिता से मेरी शिकायत कर दी। इसके जवाब में उसके पिता ने एसोसिएशन से मेरे खिलाफ एक्शन लेने को कहा।"

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    क्रिकेट बोर्ड पर लगाए सनसनीखेज आरोप

    भारतीय बल्लेबाज ने आगे बताया, "हमने पिछले साल फाइनल तक का सफर तय करने वाली बंगाल टीम के खिलाफ 410 रन का पीछा सफलतापूर्वक किया, लेकिन फिर भी मुझे बिना किसी गलती के कप्तानी से इस्तीफा देने को कहा गया। मैं निजी तौर पर प्लेयर को कुछ भी नहीं कहा, पर एसोसिएशन को पिछले साल अपनी जी-जान लगाने वाले खिलाड़ी, आंध्र को पिछले 7 सालों में 5 बार नॉकआउट में पहुंचाने वाले प्लेयर और भारत के लिए 16 टेस्ट मैच खेल चुके खिलाड़ी से ज्यादा महत्वपूर्ण वो प्लेयर लगा।"

    हनुमा ने आगे कहा, "मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन इस सीजन खेलना मैंने सिर्फ इसलिए जारी रखा, क्योंकि मैं इस खेल और अपनी टीम का सम्मान करता हूं। दुख की बात यह है कि एसोसिएशन यह समझता है कि वो चाहे जो कहे खिलाड़ी उसको सुनें। एसोसिएशन को यह लगता है कि प्लेयर यहां तक उनकी वजह से पहुंचा है। मैंने अपमानित और शर्मिंदगी महसूस की, पर आज से पहले इस बात का जिक्र नहीं किया। मैंने यह तय किया है कि मैं आंध्र प्रदेश की ओर से कभी नहीं खेलूंगा, क्योंकि मैंने यहां पर अपना आत्म सम्मान गंवाया है।"