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    वसीम अकरम का बड़ा खुलासा, इंटरनेशनल क्रिकेट करियर खत्म होने के बाद उन्हें लगी थी कोकीन की बुरी लत

    By Jagran NewsEdited By: Sanjay Savern
    Updated: Sat, 29 Oct 2022 11:10 PM (IST)

    वसीम अकरम ने बताया कि मैं पूरी तरह से कोकीन पर निर्भर हो गया और इसकी शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी जब मुझे एक पार्टी में ये आफर किया गया था। इसके बाद से ...और पढ़ें

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    पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम (एपी फोटो)

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम अपने अपनी आत्मकथा सुल्तान: ए मेमायर में अपनी नशे की लत के साथ संघर्ष पर खुलकर बताया। वसीम अकरम अपने इंटनेशनल क्रिकेट करियर खत्म होने के बाद कोकीन के आदि हो गए थे। पाकिस्तान के लिए टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले वसीम अकरम ने 2003 में अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर से संन्यास लिया था और उन्होंने पाकिस्तान के लिए 18 साल तक खेला। 

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    वसीम अकरम ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद कोचिंग और कमेंट्री की दुनिया में कदम रखा था और इन दिनों वो कमेंट्री करते हुए नजर आते हैं। उन्होंने बताया कि कोकीन की लत उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर होने के बाद लगी और उनकी ये बुरी आदत साल 2009 में उनकी पहली पत्नी हुमा की मृत्यु के बाद खत्म हुई। टाइम्स ग्रुप के साथ बात करते हुए उन्होंने अपनी किताब के बारे में चर्चा की और बताया कि आखिर उसमें क्या है। उन्होंने बताया कि मुझे पार्टी करना पसंद था और मैं खुद को इन सबमें लिप्त करने में खुशी महसूस करता था। 

    उन्होंने बताया कि मैं पूरी तरह से कोकीन पर निर्भर हो गया और इसकी शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी जब मुझे एक पार्टी में ये आफर किया गया था। इसके बाद से ये मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया और मुझे लगने लगा कि कोई भी काम करने के लिए मुझे इसकी जरूरत है। मैं कोकीन से घिरा था और मेरी पत्ती उन दिनों अकेली हो गई। वो कराची अपने परिवार के पास जाना चाहती थी, लेकिन मैं नहीं जाना चाहता था। एक बार हुमा को मेरे बटुए से कोकीन का एक पैकेट मिला और उसने मुझसे कहा का आपको मदद की जरूरत है। मैं मान गया था, लेकिन चीजें मेरे हाथ से निकल रही थी। मैं अपने मधुमेह के प्रति असावधान हो गया था और मैं बहुत सारी परेशानियां महसूस कर रहा था। 

    वसीम ने बताया कि मैं डाक्टर के पास गया, लेकिन वो ठग निकला और इलाज करने की जगह वो परिवार को गुमराह करने वाला व्यक्ति निकला। मैंने बहुत सारी परेशानियां झेली यहां तक कि तलाक की नौबत आ गई। साल 2009 में हुमा की मृत्यु एक दुर्लभ बीमारी की वजह से हो गई, लेकिन उसके प्रयासों की वजह से ही मैं इस नशे की लत से बाहर निकल पाया। मैंने अपने उस जीवन का अंत कर दिया और फिर पीछे मुड़कर मैंने नहीं देखा।