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    IND vs ENG 3rd Test: ला‌र्ड्स का चक्रव्यूह तोड़ने में असफल रहा भारत का अभिमन्यु, हार के बाद भी जडेजा ने रचा इतिहास

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 07:04 AM (IST)

    लॉर्ड्स टेस्‍ट में इंग्‍लैंड ने भारत को 22 रन से हराया। इस हार के बाद भारतीय टीम सीरीज में 1-2 से पीछे हो गई। 23 तारीख से शुरू होने वाले मैनचेस्टर टेस्ट में उसकी वापसी काफी मुश्किल होगी। लोगों को लग रहा था कि यह खेल पांचवें दिन के पहले सत्र में ही खत्म हो जाएगा लेकिन जडेजा अंत तक डटे रहे।

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    रवींद्र जडेजा नाबाद पवेलियन लौटे। इमेज- एपी

     अभिषेक त्रिपाठी, लंदन। सोमवार होने के बावजूद लंदन के सेंट जांस वुड ट्यूब स्टेशन से ला‌र्ड्स स्टेडियम के बीच करीब 500 मीटर के रास्ते में भीड़ ही भीड़ नजर आ रही थी। सप्ताह का पहला कामकाजी दिन होने के बावजूद अंग्रेजों की धरती का यह हिस्सा भारतीय दर्शकों से पटा पड़ा था।

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    अमूमन ला‌र्ड्स में पांचवें दिन के जनरल टिकट 25 पाउंड में बेचे जाते हैं लेकिन उन्हीं टिकट को रविवार को 80 पाउंड में बेचने के लिए खोला गया था और सभी टिकट एक घंटे में बिक गए थे। मैच के पांचवें दिन खचाखच भरे स्टेडियम में पहले घंटे में ही भारत ने रिषभ पंत, केएल राहुल और वॉशिंगटन सुंदर के रूप में तीन विकेट गंवाकर भारतीय दर्शकों की उम्मीदों को धूमिल कर दिया था लेकिन अभिमन्यु की तरह डटे रवींद्र जडेजा (61*) ने आखिरी सत्र तक उम्मीदों को जिंदा रखा लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था।

    22 रन की हार के बाद भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज में 1-2 से पीछे हो गई है और अब 23 तारीख से शुरू होने वाले मैनचेस्टर टेस्ट में उसकी वापसी काफी मुश्किल होगी।लोगों को लग रहा था कि यह खेल पांचवें दिन के पहले सत्र में ही खत्म हो जाएगा लेकिन जडेजा ने इंग्लैंड की धरती पर लगातार चौथा अर्धशतक लगाकर नीतीश रेड्डी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ खेल को तीसरे सत्र तक खींचा।

    जब भारत को जीत के लिए सिर्फ 23 रन चाहिए थे और ऐसा लग रहा था कि जडेजा अभिमन्यु की तरह ला‌र्ड्स के चक्रव्यूह को तोड़ेंगे ही नहीं बल्कि यहां से जीत का अमृत भी निकालेंगे। 75वें ओवर की पांचवीं गेंद बशीर के हाथ से छूटी, सिराज ने बल्ले से उसे रोक भी लिया लेकिन गेंद जाकर विकेट पर लग गई और एक गिल्ली नीचे गिर गई। वह गिल्ली नहीं 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीद थी जो एक सेकेंड में आसमान से जमीन छूने लगी थीं। टूटी अंगुली के साथ बशीर ने भारत की उम्मीदों को तोड़ दिया। बशीर खुशी से दौड़ पड़े जबकि सिराज पिच पर ही बैठ गए। उनकी आंखों में आंसू थे।

    266 मिनट और 181 गेंद तक भारत की उम्मीदों को जिंदा रखने वाले जडेजा दूसरे छोर पर मूर्ति की तरह खड़े थे। ला‌र्ड्स की बालकनी में बैठी भारतीय टीम हताश थी और भारतीय दर्शक मूर्छित होने की कगार पर थे। भारत की पारी का इससे खराब अंत नहीं हो सकता था।

    कमाल के जडेजा

    जब जडेजा मैदान पर आए तब भारत 71 रन पर पांच विकेट खो चुका था। इंग्लिश गेंदबाज गेंद से तो क्षेत्ररक्षक मुंह से स्लेजिंग करके भारतीयों की सुबह खराब कर रहे थे। इंग्लिश आक्रमण के सामने थरथराती भारतीय बल्लेबाजी को जडेजा ने रेड्डी के साथ थामा।

    दोनों ने 91 गेंद पर 30 रन की साझेदारी करके ड्यूक्स गेंद को पुराना कर दिया। रेड्डी के आउट होने के बाद जडेजा ओवर की चौथी गेंद तक सिंगल लेने का इंतजार करते और बुमराह व सिराज बाकी दो गेंदों को रोक देते। लंबे और सफल करियर में कठिन समय में हमेशा डटे रहने वाले जडेजा अपनी सबसे बड़ी कोशिश कर रहे थे।

    पांचवें दिन की सुबह सभी भारतीयों और यहां तक कि अंग्रेजों का भी यही कहना था कि अगर गिल की टीम जीतेगी तो पंत की वजह से लेकिन भारत के लिए हीरो का काम जडेजा ने किया। जब उन्होंने 68वें ओवर की पहली गेंद पर तीसरी स्लिप के ऊपर चौका मारकर अर्धशतक पूरा किया तो अपना प्रचलित तलवारबाजी वाला जश्न नहीं मनाया क्योंकि उन्हें पता था कि यहां पर निजी माइलस्टोन से ज्यादा भारत की जीत जरूरी है। हालांकि वह ऐसा नहीं कर सके।

    इंग्लैंड और बुमराह

    भारतीय गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट करियर में 10वीं बार 20 से ज्यादा गेंदे खेली। इसमें नौ बार उन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध ऐसा किया है। इस सीरीज में इससे पहले बुमराह ने एक भी रन नहीं बनाया था। वह तीन बार शून्य पर आउट हुए थे। यही नहीं इस पारी से पहले वह पिछली सात में से छह पारी में शून्य पर आउट हुए थे।

    उन्होंने सिर्फ सिडनी में आस्ट्रेलिया के विरुद्ध 22 रन बनाए थे। उन्होंने अपने करियर में इससे पहले दो बार 64-64 गेंदें खेलीं थीं। इसमें 2024 में धर्मशाला में 20 रन बनाए थे। वहीं 2021 में ला‌र्ड्स पर ही इंग्लैंड के ही विरुद्ध नाबाद 34 रन की पारी खेली थी जो उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। यह तीसरी बार है जब उन्होंने अपने करियर में 50 से ज्यादा गेंदें खेलीं। वह अगर बेन स्टोक्स के जाल में नहीं फंसते तो बात ही कुछ और होती।

    इंग्लिश कप्तान बुमराह के सामने शार्ट गेंद फेंककर लगातार जाल बिछा रहे थे और भारतीय बल्लेबाज पता नहीं क्यों हर शार्ट गेंद को मारने की नाकाम कोशिश कर रहे थे। इससे पहले अधिकतर शाट मिस हुए लेकिन जब भारत को जीत के लिए 46 रन चाहिए थे तब वह 104 मिनट में 54 गेंद खेलने के बाद पांच रन बनाकर मिड आन पर कैच आउट हो गए। इसी के साथ 132 गेंदों तक चली 35 रनों की साझेदारी समाप्त हो गई।

    इसके बाद जब सिराज मैदान पर उतरे तो आस्ट्रेलिया की तरह इंग्लिश दर्शक भी उन्हें बू करने लगे लेकिन बुमराह की तरह उन्होंने भी इस मैच में अपने टेस्ट करियर की सबसे लंबी पारी खेली। आर्चर की गेंद उनकी बांह में भी लगी लेकिन वह डरे नहीं। उन्होंने 30 गेंद पर चार रन बनाए। इससे पहले उन्होंने बर्मिंघम में पिछले मैच में 23 गेंद खेलकर आठ रन बनाए थे। उन्होंने अब तक छह बार टेस्ट में 20 या उससे ज्यादा गेंदों की पारी खेली है।

    कमाल के कप्तान बेन स्टोक्स

    2019 में 14 जुलाई को ला‌र्ड्स में ही जुझारू पारी खेलकर इंग्लैंड को पहली बार वनडे विश्व कप दिलाने वाले स्टोक्स ने छह साल बाद उसी जगह कप्तान के तौर पर अपनी टीम को बेहतरीन जीत दिलाई। प्लेयर ऑफ द मैच बेन स्टोक्स ने मैच में पांच विकेट लेने के साथ पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 33 रन बनाए।

    उन्होंने तेज गेंदबाज होने के बावजूद 10 और नौ ओवर के लंबे-लंबे स्पैल फेंके। उन्होंने अपनी टीम में गुणवत्ता और तीव्रता का ऐसा जोश भरा कि छह विकेट की तलाश में उतरी इंग्लिश टीम ने लंच से पहले ही चार विकेट हासिल कर लिए। चार साल बाद टेस्ट में वापसी करने वाले जोफ्रा आर्चर ने उनका पूरा साथ दिया।

    बाएं हाथ की अंगुली में चोट के साथ खेल रहे रिषभ पंत दो चौके लगाकर दिन के तीसरे ओवर में ही आउट हो गए। तीन ओवर बाद स्टोक्स ने नर्सरी छोर पर केएल राहुल को पगबाधा कर दिया। स्टोक्स ने सुबह 9.2 ओवर का लंबा स्पैल फेंका और लगातार अपने से 22 गज दूरी पर खड़े बल्लेबाज के पसीने छुड़ाए।

    बल्लेबाजी में गहराई के लिए कुलदीप यादव की जगह अंतिम-11 में रहने वाले वॉशिंगटन सुंदर आर्चर की गेंद पर उन्हीं को कैच देकर शून्य की गहराइयों में खो गए। इसके बाद जडेजा और रेड्डी ने मिलकर स्कोर को 82 तक पहुंचाया। उस समय भारत की उम्मीदें काफी कम लग रही थीं, लेकिन भारतीय दर्शक हर गेंद छोड़ने, गेंद को ब्लाक करने और एक रन लेने पर भी भारतीय बल्लेबाजों का जबरदस्त उत्साहवर्धन कर रहे थे। भारतीय टीम भले ही यह मैच हारी हो लेकिन टी-20 के ताबड़तोड़ जमाने में हर डाट गेंद पर खुश होने वाले दर्शकों ने बताया कि असली क्रिकेट यही है।