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क्रिकेटर नटराजन: फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी, छोटे से गांव से बड़ा सफर

India vs Australia 2020 सितंबर के पहले कोई क्रिकेटर टी नटराजन का नाम तक नहीं जानता था। नेट गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया तक के सफर के बीच ऐसा प्रदर्शन किया कि क्रिकेट प्रेमियों को एक नया चेहरा मिल गया।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 02:20 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 04:31 PM (IST)
क्रिकेटर नटराजन: फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी, छोटे से गांव से बड़ा सफर
नटराजन के यूएई में हुए आइपीएल के शानदार सफर से।

 निखिल शर्मा, नई दिल्ली। किस्मत कभी भी, कहीं भी पलट सकती है। अगर मंजिल तक पहुंचने का जुनून हो और खुद को साबित करने की ललक हो, तो किसी भी सपने को पूरा किया जा सकता है। सितंबर से पहले तक पूरी दुनिया टी. नटराजन के नाम से अंजान थी, लेकिन अब यह नाम पूरे विश्व क्रिकेट में चर्चा का विषय बना हुआ है। यही नहीं, अब वे आने वाले टी-20 विश्व कप में टीम में जगह बनाने वाले सबसे बड़े दावेदार बन गए हैं। इसकी शुरुआत हुई नटराजन के यूएई में हुए आइपीएल के शानदार सफर से।

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आइपीएल का शानदार प्रदर्शन उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए फ्लाइट में जगह दिला गया, लेकिन किस्मत तब बदली जब टीम में शामिल वरुण चक्रवर्ती चोटिल हुए और नेट गेंदबाज के तौर पर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे नटराजन को टी-20 टीम में शामिल कर लिया गया। वहीं, नवदीप सैनी को कमर में चोट की शिकायत के बाद उन्हें वनडे टीम में भी शामिल कर लिया गया था। इसके बाद जो हुआ वह पूरी दुनिया ने देखा। सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए नटराजन ने आइपीएल में 60 से अधिक यॉर्कर गेंदें फेंकी थी। उन्होंने अपनी रफ्तार, डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी और सटीक लाइन लेंथ से सबको चौंकाया। नटराजन ने आइपीएल 2020 का पहला शिकार जहां विराट कोहली को बनाया, वहीं खतरनाक बल्लेबाज एबी डिविलियर्स को अपनी यॉर्कर गेंद से बोल्ड कर खूब वाहवाही लूटी।

छोटे से गांव से बड़ा सफर : तमिलनाडु के चिन्नापामपट्टी गांव से निकलकर यूएई होते हुए ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया का हिस्सा बनने तक का नटराजन का सफर किसी खूबसूरत सपने के पूरा होने जैसा है। आइपीएल 2020 से पहले उन्होंने शायद ही सोचा होगा कि वे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाएंगे। या यूं कहें कि उन्हें टी-20 लीग में भी खेलने की कम ही उम्मीद रही होगी, लेकिन यूएई में खेले गए आइपीएल ने इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के भाग्य बदल दिए।

गुरु को देते हैं सम्मान : बात करें नटराजन के करियर की तो वे 20 साल की उम्र तक टेनिस बॉल से खेलते रहे, उसके बाद उन्हें उनके गुरू जयप्रकाश की वजह से 2011 में टीएनसीए से चौथे डिवीजन क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। यही कारण रहा कि उन्होंने अपने गुरू के सम्मान में आइपीएल में अपनी जर्सी पर जेपी नट्टू लिखवाया था।

मां बेचती हैं सड़क किनारे चिकन : नटराजन के मेंटर जयप्रकाश ने कहा था कि इस तेज गेंदबाज की मां ने बेटे की उपलब्धि के बाद भी सड़क किनारे चिकन बेचना नहीं छोड़ा। नटराजन भी इसके लिए उन्हें नहीं मना पाए। जयप्रकाश ने इसके पीछे का कारण बताते हुए उनकी मां के हवाले से कहा कि जब उनकी र्आिथक स्थिति अच्छी नहीं थी तब उनके इस काम से परिवार को बहुत मदद मिली थी। उधर, नटराजन ने अपने माता-पिता के लिए घर बनाया। बहनों की पढ़ाई की व्यवस्था की, तमिलनाडु के सेलम जिले के अपने गांव चिन्नापामपट्टी में अकादमी शुरू की और अपने साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिए प्रेरित किया। यह सब उन्होंने तमिलनाडु की गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारियों को संभालते हुए किया।

एक्शन बदलकर मिली सफलता : नटराजन ने 2015 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया लेकिन संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए उन पर रोक लग गई, हालांकि इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और पूर्व क्रिकेटरों की मदद से नए एक्शन के साथ वा पसी की। यहां से उन्होंने तमिलनाडु प्रीमियर 2016 में शानदार प्रदर्शन किया और नजरों में आए। फिर वे आइपीएल से जुड़े। उन्हें 2018 में सनराइजर्स ने चुना था लेकिन उन्हें इस बार अपना पहला मैच खेलने को मिला और उसके बाद वे टीम के अहम सदस्य बन गए।

इतनी ज्यादा उम्मीद नहीं थी : वनडे मैच में पदार्पण के बाद नटराजन ने कहा था कि मुझे इतनी ज्यादा उम्मीदें नहीं थी। मैं तो बस अपना काम करना चाहता था। वैसे मैं यहां एक नेट गेंदबाज के तौर पर आया था और कुछ खिलाड़ियों के चोटिल होने की वजह से मुझे खेलने का मौका मिला। मैं तो बस इस मौके का फायदा उठाना चाहता था। अब जबकि मैं आइपीएल से ही अच्छी फॉर्म में चल रहा था तो यह हो गया। यहां पर लोगों ने भी मुझे काफी उत्साहित किया और मेरा समर्थन किया। मुझे अच्छा करने के लिए आत्मविश्वास मिला। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे करियर का आगाज करने वाले नटराजन ने दो विकेट हासिल किए थे। इसके बाद तीन टी-20 मुकाबले में इस गेंदबाज ने छह विकेट चटकाए। 30 रन देकर और तीन विकेट लेकर उन्होंने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। टी-20 सीरीज के दौरान उन्होंने 6. 91 की इकोनॉमी से रन दिए, जिसकी सभी ने तारीफ की। मैच जीतने में भी यह बहुत सहायक साबित हुई।

गेंदबाजी देख मैकग्रा भी हुए कायल : दूसरे टी-20 मैच में कमेंट्री करते हुए ग्लेन मैक्ग्रा भी नटराजन की गेंदबाजी के कायल दिखे। उन्होंने कहा था कि मैं नटराजन से बहुत प्रभावित हूं। वह निश्चित रूप से भारत के लिए इस दौरे की तलाश में थे। आशा करता हूं कि वह इसे जारी रखेंगे। सिडनी में नटराजन के बेहतरीन प्रदर्शन के दौरान ग्लेन मैकग्रा ने उनको लेकर यह टिप्पणी की थी।

आइपीएल कप्तान का भी सीना चौड़ा :आइपीएल में नटराजन की टीम (सनराइजर्स हैदराबाद) के कप्तान डेविड वार्नर ने भी उनकी जमकर तारीफ की थी। वार्नर ने कहा था कि जीत, हार और ड्रॉ हम मैदान के अंदर और बाहर एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। मैं इस लड़के के लिए किसी दूसरे से कम खुश नहीं हूं। वह सही में एक अच्छा लड़का है, जो इस खेल से बहुत प्यार करता है। एक नेट गेंदबाज से भारत के लिए वनडे और टी-20 में पदार्पण करना शानदार उपलब्धि है। बहुत अच्छे दोस्त।


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