क्रिकेट का 'WOW Spell', Mohammed Siraj ने SL को दिया गहरा जख्म, हासिल किया करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
कोलंबो 15 अगस्त 1977 को अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में स्थापित बिग ईयर रेडियो टेलिस्कोप ने एक मजबूत नैरोबैंड रेडियो सिग्नल पकड़ा। बाहरी दुनिया की खोज में लगे विज्ञानी इतने खुश हुए कि उन्होंने 6ईक्यूयूजे5 सिग्नल पर घेरा बनाया और उसके आगे वाव (WOW!) लिख दिया। तब से उसको वाव सिग्नल कहा जाता है। उन्होंने 7 ओवर में 6 विकेट लेकर करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर डाला।
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क,अभिषेक त्रिपाठी। कोलंबो 15 अगस्त 1977 को अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में स्थापित बिग ईयर रेडियो टेलिस्कोप ने एक मजबूत नैरोबैंड रेडियो सिग्नल पकड़ा। बाहरी दुनिया की खोज में लगे विज्ञानी इतने खुश हुए कि उन्होंने '6ईक्यूयूजे5' सिग्नल पर घेरा बनाया और उसके आगे वाव (WOW!) लिख दिया। तब से उसको वाव सिग्नल कहा जाता है।
मोहम्मद सिराज ने रविवार को पहली तीन गेंद पर विकेट, शून्य और विकेट (WOW) का ऐसा घेरा बनाया कि उनसे कुछ मीटर दूर प्रेस बॉक्स में बैठकर मुझे लगा कि मैंने भी क्रिकेट का 'वाव स्पेल' देख लिया। हैदराबाद के आटो रिक्शा ड्राइवर के बेटे सिराज ने जब वनडे में पदार्पण किया था तो उन्होंने 76 रन खर्च किए थे और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था।
अपने 29वें मैच में उन्होंने सात ओवर में 21 रन पर छह विकेट लेकर करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर डाला। इससे पहले उनका इस प्रारूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 32 रन पर चार विकेट था।
सिराज, सिराज और सिराज
अगर इस मैच की बात करें तो उसमें सिराज (Mohammed Siraj) की गेंदबाजी के अलावा कुछ बताने को है ही नहीं। वानिंदु हसरंगा, दुष्मंता चमीरा और लाहिरू कुमारा जैसे मुख्य खिलाड़ियों के बिना इस टूर्नामेंट में उतरी श्रीलंका ने जब पाकिस्तान को सुपर-4 के रोमांचक मैच में हराकर फाइनल में जगह बनाई तो ऐसा लगा कि भारत को अच्छी टक्कर मिलेगी। इस मैच में अपने मुख्य स्पिनर महेश तीक्षणा के बिना उतरी श्रीलंका को सिराज ने एक ही ओवर में ऐसे चार झटके दिए कि वह 50 ओवर के मैच में सिर्फ 50 रन बना पाई।
श्रीलंकाई कप्तान दासुन शनाका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी इसलिए चुनी थी कि वह ज्यादा लक्ष्य देकर भारत को दूधिया रोशनी मे स्विंग से मात देना चाहते थे लेकिन इस टूर्नामेंट में पहली बार इस्तेमाल हो रही सेंट्रल विकेट पर खुद ही धराशायी हो गए।
टॉस के बाद थोड़ी बूंदाबांदी और नई पिच भारतीय तेज गेंदबाजों खासतौर पर सिराज के लिए वरदान साबित हुई।पहले ओवर की तीसरी गेंद पर जसप्रीत बुमराह ने श्रीलंका को पहला झटका दिया लेकिन अपने दूसरे और मैच के चौथे ओवर में सिराज कहर बनकर टूट पड़े।
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पहली लेंथ गेंद पर उन्होंने परेरा को कैच आउट कराया तो तीसरी गेंद पर समरविक्रमा को एलबीडब्ल्यू किया। अगली गेंद पर असलांका ने फुटवर्क दिखाने की कोशिश की लेकिन कवर पर इशान को कैच दे बैठे। 3.4 ओर में श्रीलंका ने आठ रन पर चार विकेट गंवा दिए। सिराज हैट्रिक पर थे तो भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का आत्मविश्वास इतनी ऊंचाई पर पहुंच गया कि उन्होंने अधिकतर खिलाड़ी स्लिप पर बुला लिए।
धनंजय डिसिल्वा के पीछे स्लिप पर इतने खिलाड़ी खड़े कर दिए गए कि मिड ऑन पर कोई क्षेत्ररक्षक ही नहीं था। गेंद फेंकने के बाद सिराज को बाउंड्री तक दौड़ना पड़ा लेकिन वह चौका नहीं रोक पाए। स्लिप पर खड़े कोहली, बाउंड्री के बाहर खड़े 12वें खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव और अन्य फील्डर जोर से हंस पड़े लेकिन ये सिराज का दिन था। उन्होंने अगली फुलर गेंद पर धनंजय को विकेटकीपर केएल राहुल के हाथों कैच आउट करा दिया।
सिराज ने एक ओवर में चार विकेट लिए। उन्होंने अपने अगले ओर में शनाका को आउट किया। सिराज ने 10 गेंद के अंदर पांच विकेट ले डाले। मेंडिस के रूप में उन्होंने अपना छठा विकेट लिया।
श्रीलंका को झटका
कभी जिबाब्वे को 35 व 38 और कनाडा को 36 रनों पर ऑलआउट करने वाली श्रीलंकाई टीम ने 29 अक्टूबर 2000 को त्रिकोणीय सीरीज में भारत को 54 रनों पर ऑलआउट किया था। उसी टीम को लगभग 23 साल बाद भारत ने 50 रनों पर निपटा दिया।
पिछले मंगलवार को श्रीलंका के स्पिनरों ने भारत के सभी विकेट आउट किए थे तो इस मैच में भारत के तेज गेंदबाजों ने श्रीलंकाइयों के सारे विकेट उड़ाए। हालांकि, श्रीलंकाई प्रशंसकों को मानना होगा जिन्होंने अपनी टीम का साथ नहीं छोड़ा और हर रन पर उनका उत्साह बढ़ाते रहे। भारतीय कप्तान ने युवा ईशान किशन को ज्यादा बल्लेबाजी का मौका देने के लिए खुद की जगह शुभमन गिल के साथ ओप¨नग में उतारा और इन दोनों ने बिना विकेट गंवाए 6.1 ओवर में जीत दिला दी।
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