Champions Trophy 2025 का प्रदर्शन तय करेगा दिग्गजों का भविष्य, रोहित और विराट सहित सीनियर खिलाड़ियों पर रहेगी नजर
Champions Trophy 2025 भारत और इंग्लैंड के बीच 6 फरवरी से वनडे सीरीज का आगाज होने जा रहा है। इसके बाद 19 फरवरी से चैंपियंस ट्रॉफी शुरू होगी। वनडे सीरी ...और पढ़ें

अभिषेक त्रिपाठी, जागरण नई दिल्ली : रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम गुरुवार को इंग्लैंड के विरुद्ध तीन वनडे की सीरीज का पहला मुकाबला खेलेगी और उसके बाद दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी खेलेगी। वनडे सीरीज और उसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी का प्रदर्शन रोहित शर्मा और विराट कोहली के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का भविष्य तय करेगा।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पदाधिकारी इस पर भले ही कुछ नहीं बोल रहे हों लेकिन चयनकर्ताओं और मुख्य कोच गौतम गंभीर को ऐसे संकेत दे दिए गए हैं कि वे टीम भारत के बेहतर के लिए किए जाने वाले कोई भी फैसले को ले सकते हैं।
ढाई घंटे चली थी बैठक
इंग्लैंड के विरुद्ध वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए जब मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय में लगभग ढाई घंटे तक चयनसमिति की बैठक चली थी तब भी उस पर चर्चा का केंद्र उप कप्तानी थी। उस बैठक में मुख्य कोच गौतम गंभीर हार्दिक को उपकप्तान के तौर पर चाहते थे जबकि रोहित और मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर शुभमन गिल को लेकर अड़े रहे थे।
रोहित और विराट के भविष्य पर सवाल पूछने पर टीम प्रबंधन से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि अब आगे बढ़ने का समय है। आपने बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी के प्रदर्शन को देखा है? आपने रणजी में उनके प्रदर्शन को देखा है? इंग्लैंड के विरुद्ध वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी तक रुक जाएं।
अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी
वहीं बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा कि अभी इस पर कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन अगर इन दोनों सीरीज में भी खराब प्रदर्शन होता है तो रास्ते खुले हैं। क्या बीसीसीआई इन खिलाड़ियों से कुछ कहेगा तो इस पर सूत्र ने कहा कि ये काम चयनकर्ताओं और मुख्य कोच कहा है कि वे भविष्य की टीम को कैसे देखते हैं। उन्हें इस बात का पूरा अधिकार है। बीसीसीआई किसी को संन्यास के लिए नहीं कहता लेकिन किसे चुनना है, किसे नहीं चुनना है ये चयनकर्ताओं का अधिकार है।
क्या होगा भविष्य
रोहित और विराट पहले ही टी-20 प्रारूप छोड़ चुके हैं। विराट का वनडे में प्रदर्शन अच्छा रहा है, लेकिन टेस्ट में वह पिछले पांच-छह साल में 30-35 के औसत से ही रन बना पा रहे हैं। रोहित का भी टेस्ट में प्रदर्शन औसत रहा है। बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी में तो तीन मैच में वह सिर्फ 31 रन बना पाए थे जिसके बाद उन्हें सिडनी टेस्ट से खुद को ड्रॉप करना पड़ा था।
विराट ने वहां एक शतक जरूर ठोका लेकिन वह ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंदों पर इतना आउट हुए कि टीम बस का ड्राइवर भी रेलवे के गेंदबाज हिमांशु सांगवान को पांचवें स्टंप पर गेंद फेंकने की सलाह देने से नहीं चूका।
घर पर टेस्ट सीरीज में मिली हार
न्यूजीलैंड से 0-3 से घर पर पहली बार टेस्ट सीरीज हारने, 12 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में 1-4 से टेस्ट सीरीज हारने के बाद बीसीसीआई ने सभी स्टार खिलाड़ियों का रणजी खेलना अनिवार्य किया। रोहित उसमें एक पारी में तीन तो दूसरी पारी में 28 रन बना पाए जबकि विराट का रेलवे के विरुद्ध छह रन पर डंडा उड़ गया। अगर चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के साथ दिग्गजों का प्रदर्शन खराब रहता है तो एक बार आपको फिर से हार्दिक पांड्या कप्तान बनते हुए दिख सकते हैं।
सूर्या का प्रदर्शन खराब रहा
शुभमन गिल को भले ही अभी वनडे का उपकप्तान बनाया गया है लेकिन रोहित 2024 में टी-20 विश्व कप में हार्दिक के उप कप्तान होने के बावजूद बाद में सूर्य कुमार यादव को कप्तान बनाया गया था। कप्तान बनने के बाद सूर्य का भी प्रदर्शन खराब रहा है।
ऐसे में हार्दिक फिर से टी-20 में भी कप्तान के तौर पर वापसी कर सकते हैं। बीसीसीआई पर वर्चस्व करने वाले कुछ लोग और गंभीर का यह मानना है कि हार्दिक के साथ इतिहास में काफी कुछ खराब हुआ। उन्हें फिटनेस के आधार पर कप्तानी नहीं दी गई जबकि उनका प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा है।
टेस्ट में क्या होगा
भारतीय टीम पहली बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल की दौड़ से बाहर हुई और उसके बाद से बीसीसीआई का सोचने का तरीका बदल गया। ऑस्ट्रेलिया में हार के बाद मुंबई में एक समीक्षा बैठक हुई थी जिसमें बीसीसीआई पदाधिकारियों ने कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर से सवाल पूछे थे। उस बैठक में भारतीय टेस्ट व वनडे टीम के भविष्य के कप्तान को लेकर भी चर्चा हुई थी।
उस समीक्षा बैठक से जो निचोड़ निकला था उससे ये पता चलता है कि अगर चैंपियंस ट्रॉफी में टीम का प्रदर्शन खराब रहता है तो आईपीएल के बाद होने वाले पांच टेस्ट के इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम नए कप्तान के साथ जाएगी। अगर जसप्रीत बुमराह फिट रहे तो वही कप्तान होंगे।
केएल राहुल या यशस्वी जायसवाल उस दौरे पर उपकप्तान बनने की रेस में होंगे। बहुत सारे प्रशंसकों का मानना है कि विराट को इंग्लैंड दौरे पर जाने से कोई नहीं रोक सकता लेकिन टीम के अंदरूनी लोगों से बात करने पर पता चलता है कि उनके लिए यह राह बहुत-बहुत कठिन होने वाली है। फिलहाल वनडे प्रारूप में उनकी जगह पर कोई संकट नहीं है।

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