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    BCCI से करार करने पर अब कंपनियों को लगेगा डर, जो बना स्पांसर वो हो गया बर्बाद,दिवालिया होने की आई नौबत

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 03:23 PM (IST)

    भारत में क्रिकेट बहुत बड़ी चीज है। पूरा देश इस खेल का दीवाना है और इसी कारण कई बड़ी कंपनियां इस खेल से जुड़ना चाहती हैं ताकि अपने बिजनेस का प्रचार-्प्रसार कर मोटी कमाई कर सकें। लेकिन होता उल्टा है। कंपनियों को बीसीसीआई से जुड़ने के बाद नुकसान हो जाता है।

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    भारतीय टीम के जर्सी स्पांसर ड्रीम-11 पर मंडराया

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत में क्रिकेट धर्म है। ऐसा धर्म जिसे हर कोई मानता है। जिसके लिए हर कोई दीवाना रहता है। क्रिकेट की दीवानगी भारत में इस कदर है कि फैंस अपना सारा काम भूल टीवी के आगे मैच देखने में भिड़ जाते हैं और खिताबी जीत के बाद टीम इंडिया की आव-भगत में सड़कों पर घंटों तक खड़े रहते है। इसी कारण क्रिकेट बिजनेस के लिहाज से भी काफी अहम है और यही कारण है कि हर बड़ी कंपनी किसी न किसी तरह भारतीय टीम के साथ जुड़ना चाहती है।

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    कंपनी का मोटिव तो यही रहता है कि टीम इंडिया की जर्सी पर अगर उसका नाम आ गया तो उसकी ब्रांड वेल्यू आसमान छू जाएगी। हर किसी की जुबान पर उसी कंपनी का नाम होगा। उस कंपनी को एक बार में करोड़ों लोग नोटिस करेंगे। हालांकि, बीते कुछ आंकड़े बता रहे हैं कि कंपनियों के लिए कहानी उलटी पड़ गई है। ब्रांड वेल्यू की उम्मीद रखने वाली कंपनियां औंधे मुंह गिरी हैं और दिवालिया होने की कगार तक पर पहुंच गई हैं।

    मनहूस है बीसीसीआई

    इतिहास बताता है कि बीसीसीआई ने जिस कंपनी को टीम इंडिया के जर्सी स्पांसर के तौर पर साइन किया वो कुछ ही दिनों में बर्बाद हो गईं या फिर उसके साथ ऐसा कुछ हो गया कि कंपनी का करोड़ों का नुकसान हो गया। ताजा मामला ड्रीम 11 का है। भारतीय सरकार ने 21 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग एप के संबंध में एक बिल पास किया है जिसने ड्रीम 11 को झटका दिया है और उसके पर कतर दिए हैं। इसके बाद कंपनी को भारत में अपने काम में कटौती करनी होगी और इसका उसे नुकसान होगा।

    ड्रीम-11 का बीसीसीआई से 358 करोड़ का करार है। ये करार टी20 वर्ल्ड कप-2026 तक का है। ड्रीम-11 इकलौती ऐसी कंपनी नहीं है जो बीसीसीआई के साथ आने के बाद नुकसान में गई है। इससे पहले 2001 से 2011 तक सहारा ग्रुप भारत का जर्सी स्पांसर था और फिर इसके बाद इस कंपनी पर सेबी की मार पड़ गई।

    लंबी है लिस्ट

    स्टार इंडिया भी भारतीय टीम का जर्सी स्पांसर रहा। ये करार भी 2014 से 2017 तक शानदार चला, लेकिन फिर स्टार पर भी पैसों की किल्लत आ गई। चीन की फोन बनाने वाली कंपनी ओप्पो भी टीम इंडिया की जर्सी स्पांसर बनी और इसके कुछ सालों बाद भारत में चीनी सामान के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दम पर इस कंपनी को अपना काम भारत से समेटना पड़ा।

    इसके बाद एडटेक कंपनी बायजूस का नाम भारत की जर्सी पर दिखाई दिया। इस कंपनी के लिए सब अच्छा चल रहा था लेकिन फिर बायजूस के दिन भी बुरे आए और ये कंपनी कर्ज में डूब गई और फिर दिवालिया हो गई।

    कौन देगा साथ

    ये पैटर्न लगातार चलता आ रहा है और कंपनियों का ध्यान अगर इसपर चला गया तो भारत को स्पांसर मिलना मुश्किल हो जाएंगे। ड्रीम-11 का नाम अब भारत की जर्सी पर नहीं दिखेगा और अब ऐसे में कौन-सी कंपनी इस रेस में आगे आएगी, ये देखना होगा। साथ ही ये भी देखना होगा कि क्या उसके साथ भी कुछ बुरा होता है या नई कंपनी इससे बच जाएगी।