संकट होगा दूर? लोढ़ा समिति के सामने पेश होंगे ठाकुर और अजय शिर्के
ठाकुर और शिर्के ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद लोढ़ा समिति के सामने हलफनामा दिया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बीसीसीआइ अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के ने शनिवार को लोढ़ा समिति के समक्ष अलग-अलग हलफनामा दाखिल कर दिया है। अनुराग का हलफनामा सात पन्नों का है तो शिर्के का छह पन्नों का, लेकिन दोनों में कमोबेश एक ही बात है।
दोनों के हलफनामे के साथ अब तक हुईं बीसीसीआइ की बैठकों के मिनट्स और उठाए गए कदमों की 50-50 पन्नों की रिपोर्ट भी संलग्न की गई है। कुल मिलाकर बीसीसीआइ ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर अपना रवैया बरकरार रखा है और पूरी बात राज्य संघों पर डालते हुए कहा है कि जब तक 30 सदस्यों में से तीन चौथाई राज्य संघ सिफारिशें लागू करने के लिए तैयार नहीं हो जाते हैं तब तक बीसीसीआइ सचिव और अध्यक्ष कुछ नहीं कर सकते हैं।
इस हलफनामे में साफ कहा गया है कि अध्यक्ष और सचिव के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है जो राज्य संघों को इन सिफारिशों को लागू करने के लिए मजबूर किया जा सके। हालांकि अनुराग और शिर्के दोनों ने अपने-अपने हलफनामे में कहा है वह व्यक्तिगत तौर पर समिति के सामने पेश होकर अब तक उठाए गए कदमों और आगे के बारे में जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि वे नौ नवंबर के बाद लोढ़ा समिति के सदस्यों से किसी भी दिन मुलाकात करने के लिए तैयार हैं।
शिर्के ने अपने हलफनामे में कहा है कि हमने मैंने एक अक्टूबर को हुई वार्षिक आम सभा में भी लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर प्रस्ताव रखा जिसे सदस्यों ने नकार दिया। 15 अक्टूबर को भी राज्य संघों के सभी सदस्यों के साथ बैठक की और उन्हें बताया कि अगर वह सिफारिशों को नहीं मानेंगे तो उनको भुगतान नहीं किया जाएगा, लेकिन राज्य संघ अपने रवैये पर अडिग रहे। इन दिक्कतों के बीच लोढ़ा समिति सचिव और अध्यक्ष को कोई भी निर्देश दे सकती है। सुप्रीम कोर्ट लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर अगली सुनवाई पांच दिसंबर को करेगा।
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