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    IND vs ENG: पिता-भाई के निधन के बाद टूटा क्रिकेट से नाता, फिर एक फैसले ने पलटा करियर; मुश्किलों से भरा रहा है आकाश दीप का सफर

    Updated: Fri, 23 Feb 2024 08:38 PM (IST)

    हर क्रिकेटर का सपना देश के लिए खेलना होता है और जब उसे यह मौका मिलता है तो वह अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाता। कुछ ऐसा ही हाल भारत के लिए टेस्ट पदार्पण करने वाले आकाशदीप का था। जब टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने शुक्रवार को जब आकाशदीप को टेस्ट कैप दी तो वह सीधे मैदान के बाहर खड़ी अपनी मां के पास पहुंचे।

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    आकाश दीप का टीम इंडिया तक पहुंचने का सफर मुश्किलों से भरा रहा।

     संजीव रंजन, रांची। हर क्रिकेटर का सपना देश के लिए खेलना होता है और जब उसे यह मौका मिलता है तो वह अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाता। कुछ ऐसा ही हाल भारत के लिए टेस्ट पदार्पण करने वाले आकाशदीप का था। जब टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने शुक्रवार को जब आकाशदीप को टेस्ट कैप दी तो वह सीधे मैदान के बाहर खड़ी अपनी मां के पास पहुंचे। उन्होंने मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

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    आकाश दीप ने लिया मां का आशीर्वाद

    इस दौरान वहां मौजूद उनका परिवार बेहद ही भावुक नजर आ रहा था। यह कुछ ऐसा ही था, जैसा कुछ दिन पहले राजकोट में सरफराज खान के लिए उनके परिवार की आंखों में देखने को मिला था। मां ने भी अपने लाडले को गले लगाया और सिर पर हाथ फेर कर ही सबकुछ कह दिया। अपने बेटे की उपलब्धि पर मां का गला भर आया और वह कुछ भी बोलने में असमर्थ नजर आईं। आकाश दीप के लिए भारतीय टीम तक का यह सफर तय करना कतई आसान नहीं रहा।

    पिता को पसंद नहीं था क्रिकेट खेलना

    एक समय ऐसा था जब उन्होंने अपने घर को चलाने के लिए क्रिकेट से दूरी बना ली थी और क्रिकेट को छोड़ दिया था। बिहार के सासाराम से आने वाले आकाशदीप का लगाव क्रिकेट से काफी अधिक रहा है। उनके पिता रामजी सिंह को यह पसंद नहीं था।

    यह भी पढ़ेंIND vs ENG: आकाश दीप अकेले ही नहीं, इन चार गेंदबाजों को भी नो-बॉल पर मिला है टेस्ट करियर का पहला विकेट

    पिता-भाई के निधन के बाद बनाई क्रिकेट से दूरी

    बताया गया कि आकाश दीप नौकरी ढूंढने के बहाने दुर्गापुर गए और वहीं एक अकादमी में क्रिकेट की ट्रेनिंग लेने लगे, लेकिन इस दौरान पिता का निधन हो गया। पिता के निधन के दो महीने बाद ही आकाश के बड़े भाई की भी मौत हो गई।

    इन दो घटनाओं से परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई और सारी जिम्मेदारी आकाशदीप के कंधों पर ही आ गई। तीन साल तक उन्होंने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था। इस दौरान वह पूरी तरीके से घर की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठा लिया। कुछ समय बाद आकाशदीप ने फिर क्रिकेट खेलना शुरू किया।

    बंगाल का रुख करना रहा फायदेमंद

    बिहार पर प्रतिबंध लगे रहने के कारण इस तेज गेंदबाज ने बंगाल का रुख किया और फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बता दें कि 2020 की आइपीएल नीलामी में आकाशदीप को रायल चैलेंज बेंगलुरु की टीम ने 20 लाख रुपये में खरीदा था। आकाश दीप के नाम लिस्ट ए के 28 मैचों में 42 विकेट है। वहीं 30 फ‌र्स्ट क्लास मैचों में आकाश के नाम 104 विकेट हैं।

    पिता को समर्पित किया प्रदर्शन

    आकाश दीप ने रांची टेस्ट के पहले दिन का दमदार प्रदर्शन अपने पिता को समर्पित किया। उन्होंने कहा, " पिता को समर्पित किया प्रदर्शन 'एक साल के अंदर पिता और बड़े भाई को गंवा देने के बाद मैं कुछ करना चाहता था और मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया। मेरे पास गंवाने के लिए कुछ नहीं था, बस कुछ हासिल ही कर सकता था। मैं इस प्रदर्शन को अपने पिता को समर्पित करता हूं क्योंकि उनका सपना था कि उनका बेटा जीवन में कुछ करे। जब वह जीवित थे तो मैं कुछ नहीं कर सका इसलिए यह प्रदर्शन मेरे पिता के लिए है।"