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बर्थ एनिवर्सरी स्पेशल: वो खिलाड़ी, जिसके नाम पर पड़ा 'रणजी ट्राफी' का नाम

भारत का वो खिलाड़ी जो इंग्लैंड के लिए खेला लेकिन उसके नाम पर आज भारत में सबसे बड़ा घरेलू टूर्नामेंट यानी रणजी ट्राफी खेली जाती है। आज इस खिलाड़ी की जन्म जयंती है। ये खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि रणजीतसिंहजी हैं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 11:07 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 01:33 PM (IST)
बर्थ एनिवर्सरी स्पेशल: वो खिलाड़ी, जिसके नाम पर पड़ा 'रणजी ट्राफी' का नाम
Ranjitsinhji की आज 149वीं जयंती है (फोटो सोशल मीडिया)

 नई दिल्ली, विकाश गौड़। बड़े आश्चर्य की बात है कि जिस खिलाड़ी ने कभी भारत के लिए एक मैच भी नहीं खेला, उसके नाम पर देश का सबसे बड़ा घरेलू टूर्नामेंट यानी रणजी ट्राफी खेली जाती है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ द्वारा हर सीजन में रणजी ट्राफी नाम से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेली जाती है, जिसमें तीन दर्जन से ज्यादा टीमें भाग लेती हैं। इस ट्राफी का नाम उस खिलाड़ी के नाम पर रखा गया है, जिसने जीवनभर इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेली। ऐसे में आप सोच रहें होंगे कि ये शर्म की बात है, लेकिन ये शर्म की बात नहीं, बल्कि गर्व की बात है कि रणजी ट्राफी का नाम एक ऐसे क्रिकेटर के नाम पर है, जिसने भले ही इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेली, लेकिन भारत देश का नाम रोशन किया था।

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दरअसल, हम बात कर रहे हैं क्रिकेटर रणजीत सिंह जी की, जिनकी आज जन्म जयंती है। 10 सितंबर 1872 को काठियावाड़ (गुजरात) में जन्मे रणजीत सिंह जी ने इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेली थी, क्योंकि उस समय भारत अंग्रेंजों के अधीन था और भारत के पहले खिलाड़ी थे, जो इंटरनेशनल क्रिकेट खेले थे। रणजीत सिंह जी ने साल 1896 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इंग्लैंड के लिए आस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू किया था। 1896 से 1902 तक उन्होंने कुल 15 मैच इंग्लैंड के लिए खेले थे। रणजीत सिंह जी ने टेस्ट डेब्यू में कंगारू टीम के खिलाफ शतक जड़ा था। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 989 रन बनाए थे, जबकि ससेक्स, लंदन काउंटी और कैमब्रिज यूनिवर्सिटी के लिए उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला था।

रणजीत सिंह जी विभाजी जडेजा नवानगर के 10वें जाम साहब और प्रसिद्ध क्रिकेटर थे, उनको नवानगर के जाम साहब, कुमार रणजीत सिंहजी, रणजी और स्मिथ के नाम से भी जाना जाता है। वे एक बेहतरीन क्रिकेट बल्लेबाज थे, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के विकास में अहम भूमिका अदा की, क्योंकि उनसे पहले कोई ऐसा क्रिकेटर नहीं था, जिसको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना का मौका मिला हो। वे इंग्लिश क्रिकेट टीम के तरफ से खेलने वाले विख्यात क्रिकेटर थे। रणजीत सिंह दाएं हाथ के बल्लेबाज थे और धीमी गेंदबाजी भी किया करते थे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट की चार पारियों में उनको सिर्फ एक ही विकेट मिला था, लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 133 विकेट निकाले थे।

उनकी गिनाती सभी समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होती है। नेविल कार्डस ने उन्हें 'द मिडसमर नाइट्स ड्रीम आफ क्रिकेट' भी कहा था। अपनी बल्लेबाजी से उन्होंने क्रिकेट को एक नयी शैली दी तथा इस खेल में क्रांति ला दी थी। उनकी मृत्यु के बाद उनके सम्मान में बीसीसीआइ ने 1934 में भारत के विभिन्न शहरों और क्षेत्रों के बीच खेली जा रही क्रिकेट सीरीज को 'रणजी ट्राफी' का नाम दिया था। रणजीत सिंह जी को सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने 307 प्रथमश्रेणी मैचों में 24692 रन बनाए थे, जिसमें 72 शतक और 109 अर्धशतक शामिल थे। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रणजीत सिंह प्रथण श्रेणी क्रिकेट के कितने महान खिलाड़ी थे। दैनिक जागरण उनको उनकी 149वीं जयंती पर नमन करता है।


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