जानिए कैसे इतने खतरनाक बल्लेबाज बने पाकिस्तान के नए हीरो फखर जमा
उनके टीम में आने से पाकिस्तानी टीम की किस्मत बदल गई और उसने एक हार के बाद लगातार तीन मैच जीते।
लंदन, अभिषेक त्रिपाठी। अपने चौथे ही वनडे में 106 गेंदों पर 114 रनों की यादगार पारी खेलने वाले फखर जमां पाकिस्तान के नए हीरो बनकर उभरे हैं। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह के मरदान शहर में जन्मे फखर ने भारत के खिलाफ मुकाबले से पहले चैंपियंस ट्रॉफी में 31, 50 और 57 रनों की पारी खेली।
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के खिलाफ ग्रुप 'बी' के पहले मुकाबले में उन्हें खिलाया नहीं गया था, लेकिन टीम इंडिया के खिलाफ मिली हार के बाद कप्तान सरफराज अहमद ने उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अगले ही मैच में अहमद शहजाद की जगह उतारा और उन्होंने 23 गेंदों पर ही 31 रन की पारी खेलकर अपने तेवर दिखा दिए। इसके बाद उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ सिर्फ 36 गेंदों में 50 रन बनाए, तो सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 58 गेंदों पर 57 रनों की पारी खेली।
उनके टीम में आने से पाकिस्तानी टीम की किस्मत बदल गई और उसने एक हार के बाद लगातार तीन मैच जीते, लेकिन चिर प्रतिद्वंद्वी भारत के खिलाफ पहली बार उतरते ही शतक मारने के बाद तो वह पाकिस्तानियों के हीरो बन गए। हालांकि, बुमराह ने उन्हें एक मौका दिया, लेकिन उसका उन्होंने फायदा भी उठाया।
27 वर्षीय बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने इससे पहले पाकिस्तान के लिए तीन टी-20 मुकाबले भी खेले हैं, लेकिन उसमें वह सिर्फ 26 रन ही बना पाए। 35 प्रथम श्रेणी मैचों में पांच शतक और 13 अर्धशतकों की मदद से 2269 रन बनाने वाले फखर में सबसे बड़ा बदलाव इस साल पाकिस्तान सुपर लीग में लाहौर क्वालेंडर्स के लिए खेलते हुए आया।
उन्होंने इस मैच से पहले कहा था कि जब मैं पहली बार न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकुलम से मिला तो उन्होंने मेरी बल्लेबाजी देखने के बाद कहा कि तुम हमारे सभी मैच खेलोगे, लेकिन तुम्हें हर मैच में इसी स्टाइल से खेलना होगा। उनकी कप्तानी में मैंने उनसे काफी कुछ सीखा और उसी का फायदा मुझे चैंपियंस ट्रॉफी में मिल रहा है। मालूम हो कि मैकुलम और इंग्लिश बल्लेबाज जेसन रॉय पूरी पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में अपनी टीम के लिए ओपनिंग करते थे, जबकि फखर तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरते थे।
क्वालेंडर्स इस सत्र में आखिरी स्थान पर रही, लेकिन फखर ने अपनी टीम के लिए 138 के स्ट्राइक रेट से सबसे ज्यादा 177 रन बनाए। पाकिस्तान इकलौता ऐसा देश है जिसके क्रिकेटर दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग आइपीएल में नहीं खेल सकते हैं और यही कारण है कि पाकिस्तान ने अपनी खुद की क्रिकेट लीग पीएसएल की शुरुआत की है। फखर के पाकिस्तानी टीम में आने के कारण बाकी बल्लेबाजों के ऊपर से दबाव कम हो गया और भारत के खिलाफ डकवर्थ लुईस के आधार पर 124 रनों से हारने के बाद उसमें अभूतपूर्व सुधार हुआ।
नेवी में आने के बाद हुआ क्रिकेट में सुधार
फखर 16 साल की उम्र में कराची में पाकिस्तानी नौसेना में सैनिक के तौर पर शामिल हो गए थे, लेकिन एक साल बाद ही खेल के लिए उन्होंने इस नौकरी को छोड़ दिया। नेवी क्रिकेट अकादमी के कोच ने उन्हें आजम खान से मिलाया। आजम को युवा प्रतिभा को निखारने के लिए जाना जाता है। जिले की अंडर-19 टीम के बाद उन्होंने कराची की अंडर-21 और अंडर-23 टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। 2012 में उन्हें कराची जेब्रा की तरफ से पाकिस्तान के घरेलू क्रिकेट में उतरने का मौका मिला और उन्होंने इसमें 141 व 165 रनों की पारी खेली।