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Happy Birthday Sourav Ganguly: वो एक गलती जिसने गांगुली का करियर कर दिया खत्म

Happy Birthday Sourav Ganguly 2004 में गांगुली ने एक व्यक्ति को पहचाने में गलती कर दी। जो कप्तान अपने फैसले से खेल पलट देता था वह खुद अपने ही फैसले का शिकार हो गया।

By Rajat SinghEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 09:13 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 09:18 AM (IST)
Happy Birthday Sourav Ganguly: वो एक गलती जिसने गांगुली का करियर कर दिया खत्म
Happy Birthday Sourav Ganguly: वो एक गलती जिसने गांगुली का करियर कर दिया खत्म

नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। सौरव गांगुली जिन्होंने विवादों में फंसी हुई भारतीय टीम को बदला और विश्व कप फाइनल तक पहुंचाया था। सौरव गांगुली जिसके सामने स्पिन गेंदबाज बॉलिंग करने से कतराते थे। गांगुली जिसने लॉर्ड्स में जा कर दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया। गांगुली जिसने चैंपियन खिलाड़ियों को पहली बार मौका दिया। गांगुली जिसने भारतीय क्रिकेट को बदल कर रख दिया। गांगुली जिन्हें लोग प्यार से 'दादा' बुलाते हैं। आज यानि 8 जुलाई को दादा का जन्मदिन है। 8 जुलाई 1972 में कोलकाता में पैदा होने वाले गांगुली ने अपने करियर में एक गलती की। वो गलती जिसने न सिर्फ उनका करियर खराब किया, बल्कि पूरी टीम इंडिया को तहस-नहस कर दिया। आईए जानते हैं इस गलती के बारे में...

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HBD Sourav Ganguly: सौरव गांगुली, जिसने दिया भारत को सबसे बेहतरीन कप्तान

लोग कहते हैं कि गांगुली पहली नजर में आदमी को पहचान लेते थे। उस आदमी में क्या खूबी है, उसमें कितना जुनून है। लेकिन 2004 में गांगुली ने एक व्यक्ति को पहचाने में गलती कर दी। जो कप्तान अपने फैसले से खेल पलट देता था, वह खुद अपने ही फैसले का शिकार हो गया। 2004 में कोच जॉन राइट के जाने के बाद गांगुली के दबाव की वजह से ग्रेग चैपल को भारतीय टीम का कोच चुना गया। गांगुली ने अपनी आत्मकथा 'ए सेंचुरी इज नॉट इनफ' में इसके बारे में लिखा है। उन्होंने लिखा, 'मुझे लगा कि ग्रेग चैपल हमें चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में नंबर एक तक ले जाने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति होंगे। मैंने जगमोहन डालमिया को अपनी पसंद बता दी थी। ...कुछ लोगों ने मुझे ऐसा कदम नहीं उठाने की सलाह दी थी। सुनील गावस्कर भी उनमें से एक थे। उन्होंने कहा था... सौरव इस बारे में फिर से सोचो।'

गांगुली ने किसी की सलाह नहीं मानी और चैपल बतौर कोच इंडिया आए। उन्होंने न सिर्फ भारतीय टीम में फूट डाली, बल्कि गांगुली से कप्तानी भी छीन ली। हालात ये हुए कि टीम 2007 विश्व कप में बांग्लादेश से हारकर बाहर हो गई। गांगुली ने इसके बारे में अपनी किताब में लिखा है, 'कप्तानी छिनना एक आकस्मिक घटना थी। आप दुखी होते हैं। मेरे साथ जो हुआ वह किसी के साथ नहीं होना चाहिए। हां, आपको ड्रॉप किया जाता है, लेकिन ऐसा व्यक्तिगत नहीं होना चाहिए।' गांगुली ही नहीं, मोहम्मद कैफ और सचिन तेंदुलकर भी इस दौर को याद करके सहम जाते हैं। सचिन ने तो चैपल को रिंग मास्टर तक करार दिया। एक टॉक शो के दौरान जब कैफ से इसके बारे में पूछा गया, तो उन्होंने उसे याद करने से मना कर दिया।

गांगुली भी इसे अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती मानते हैं। शायद अगर ग्रेग चैपल टीम इंडिया से नहीं जुड़े होते, तो गांगुली का करियर और भी बड़ा होता। फिर भी गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को जितना योगदान दिया, उसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्हें कभी न हार मानने वाले कप्तान के रूप में भी याद किया जाएगा। 


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