तब अजीत वाडेकर थे अब विराट कोहली, 1974 में 42 रन पर ऑलआउट हो गई थी टीम इंडिया
भारत 46 साल पहले 24 जून 1974 को इंग्लैंड के खिलाफ ढेर हो गई थी। इन दोनों ही मैचों में बड़ी समानताएं हैं। उस समय भारत के नौ विकेट गिरे थे और बीएस चंद्रशेखर एबसेंट हर्ट रहे थे। ठीक वैसे ही जैसे इस मैच में शमी रिटायर्ड हर्ट हुए।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेले गए चार मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले की दूसरी पारी में महज 36 रन पर ही सिमट गई। 36 रनों पर ऑलआउट होने से पहले भारतीय टीम का टेस्ट में न्यूनतम स्कोर 42 रन था। भारतीय टीम 46 साल पहले 24 जून 1974 को लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ ढेर हो गई थी। इन दोनों ही मैचों में बड़ी समानताएं हैं। उस समय भारत के नौ विकेट गिरे थे और बीएस चंद्रशेखर एबसेंट हर्ट रहे थे। ठीक वैसे ही जैसे इस मैच में शमी रिटायर्ड हर्ट हुए।
तब इंग्लैंड के क्रिस ऑल्ड ने पांच और ज्यॉफ अर्नाल्ड ने चार विकेट लिए थे। दोनों ने हरी पिच पर स्विंग से कहर बरपा दिया था। ठीक वैसे ही इस मैच में जोश हेजलवुड ने पांच और पैट कमिंस ने चार विकेट लिए। दोनों ने उछाल भरी पिच पर सीम गेंदबाजी से टीम इंडिया को तहस नहस कर दिया। 46 साल पहले वाली टीम इंडिया में शामिल रहे तेज गेंदबाज मदन लाल उस अनुभव को याद नहीं करना चाहते।
उन्होंने कहा कि उन्हें उस मैच की ज्यादा याद नहीं। बस यह पता कि काफी बुरा खेले थे। और दुख भरी बातें याद करने का क्या फायदा। सुनील गावस्कर ने अपनी किताब सनी डेज में लिखा है कि अर्नाल्ड ने दो आउटस्विंगर के साथ शुरुआत की और फिर इनस्विंगर डाली। यह गेंद फारुख इंजीनियर के पैड पर लगी। अजीत वाडेकर को ऑल्ड ने बोल्ड किया और विश्वनाथ का विकेटकीपर एलन नॉट ने शानदार कैच पकड़ा।
बृजेश पटेल उठती हुई गेंद के शिकार बने जो उनके दस्ताने को छूकर कीपर के पास गई। गावस्कर पहुंचे तब तक पारी निपट गई। सोलकर ने ऑल्ड की छोटी गेंद पर शानदार छक्का लगाया था। गावस्कर ने लिखा कि ओवर के आखिर में सोलकर विकेट पर आए और मुझसे क्रीज पर रुकने और मैच बचाने को कहा लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि मैं एलबीडब्ल्यू हो गया।
जब तक मैंने लेग गार्ड उतारा तब तक मदन लाल और आबिद अली भी खेलकर आ चुके थे। और जब तक कुछ समझ आता तब तक हम 42 रन पर सिमट गए। इंग्लैंड ने पारी और 285 रन से मैच जीत लिया। और सीरीज भी अपने नाम कर ली।मैच के बाद भारतीय टीम और कप्तान अजीत वाडेकर को काफी बेइज्जती झेलनी पड़ी थी। पार्टी में बुलाने के बावजूद भारतीय उच्चायुक्त ने टीम को चले जाने को कहा। बाद में उच्चायुक्त ने अजीत को गले लगाया और गुस्सा होने पर माफी मांगी।
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