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    Yashshvi Jaiswal की पारी के मुरीद हुए कोच, मेलबर्न टेस्‍ट के बाद कर दिए कई खुलासे

    Updated: Tue, 31 Dec 2024 05:00 AM (IST)

    बॉर्डर गावस्‍कर ट्रॉफी का चौथा टेस्‍ट मैच मेलबर्न में खेला गया। इस मुकाबले में ऑस्‍ट्रेलिया ने भारतीय टीम को 184 रन से हराया। भारतीय टीम भले ही यह मैच हार गई हो पर सलामी बल्‍लेबाज यशस्‍वी जायसवाल ने मैच में जु्झारुपन दिखाया। उन्‍होंने दोनों ही पारियों में अर्धशतक लगाया। पहली पारी में यशस्‍वी ने 82 रन और दूसरी पारी में 84 रन बनाए।

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    यशस्‍वी जायसवाल ने दोनों पारियों में लगाया अर्धशतक। इमेज- बीसीसीआई

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बॉक्सिंग डे टेस्ट में यशस्वी जायसवाल की पारी की हर कोई प्रशंसा कर रहा है। यशस्वी के बचपन के कोच ज्वाला सिंह का मानना है कि यशस्वी मैच को ड्रॉ की ओर ले जा रहे थे, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। आशा है कि सिडनी में भी वह अच्छा खेले और टीम को जीत दिलाए। मेलबर्न में मैच देखने आए ज्वाला सिंह से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:

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    आपके शिष्य ने एमसीजी में अद्भुत पारी खेली। इस पर क्या कहेंगे?

    बहुत अच्छा लग रहा है। भारतीय टीम को इस मैच में जिस पारी की आवश्यकता थी, वो यशस्वी ने खेली। वह मैच को ड्रॉ की ओर ले जा रहे थे, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया।

    अब सिडनी में आप उसे क्या सलाह देना चाहेंगे क्योंकि जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हो तो आप से उम्मीदें बहुत ज्यादा होती हैं?

    भारतीय टीम के लिए ये सीरीज मिश्रित रही है। बल्लेबाजों ने टुकड़ों में प्रदर्शन किया है, जैसे विराट ने भी शतक लगाया, केएल राहुल ने भी रन बनाए। यशस्वी ने रन बनाए और एमसीजी में नीतीश रेड्डी ने शतक लगाया। उम्मीद है कि सिडनी में टीम अच्छा खेलेगी और जिस तरह से यशस्वी ने पहले टेस्ट मैच में खेला और फिर एमसीजी में अच्छी पारी खेली। उम्मीद है कि वह सिडनी में भी अच्छा खेले और भारतीय टीम को मैच जिताए।

    नीतीश ने भी इस मैच में शतकीय पारी को लेकर क्या कहेंगे?

    मैंने देखा कि जब नीतीश ने शतक लगाया तो उनके परिवार के सदस्य मेरे पीछे ही बैठे थे। उनकी मां और बहन वहां थीं, मैं उन्हें नोटिस कर रहा था क्योंकि मैं भी उनकी पारी से रिलेट कर पा रहा था, जब वह 99 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था।

    मैं उनके परिवार को देख रहा था, जब बुमराह रन आउट हुआ तो वे सब काफी तनाव में थे। जब नीतीश ने शतक लगाया तो वे सब खुशी से नाच रहे थे। इंटरनेट पर एक फोटो भी प्रसारित हुआ उनके पिता का।

    मुझे लगता है कि परिवार के लिए यह बहुत बड़ा पल था क्योंकि कोई खिलाड़ी अपनी पहली सीरीज में और वह भी ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाता है तो यह बहुत बड़ी बात है। मुझे लगता है कि किसी भी खिलाड़ी के लिए उसका परिवार और कोच सबसे ज्यादा अहम होता है। जब किसी कोच का शिष्य प्रदर्शन करता है तो लगता है कि आप प्रदर्शन कर रहे है। ये सभी के लिए गर्व का क्षण होता है।

    आप ऑस्ट्रेलिया में यशस्वी की बल्लेबाजी को कैसे आंकते हैं क्योंकि भारतीय उपमहाद्वीप की तुलना में यहां बल्लेबाजी काफी कठिन होती है?

    देखिये यशस्वी बहुत जुझारू लड़का है। मैं भी भारत के लिए क्रिकेट खेलना चाहता था, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। इसलिए मेरे पास जो कुछ था, मैंने उसे सिखाया। मैं उसे वसीम जाफर, दिलीप वेंगसरकर और अन्य क्रिकेटरों के पास लेकर जाता था।

    मैं उनसे ऐसे प्रश्न पूछता था जो यशस्वी के लिए होते थे। मुझे याद है जब पहले आईपीएल में उसने रन नहीं बनाए थे तो मैं उसे वेंगसरकर सर के पास लेकर गया था। मैंने पूछा कि आपने 116 टेस्ट मैच कैसे खेले तो उन्होंने कहा कि निरंतरता बहुत जरूरी होती है किसी भी खिलाड़ी के लिए और ये उसके खेल में ही नहीं बल्कि रुटीन में भी होनी चाहिए।

    ये सभी चीजें उसे बचपन से पता हैं कि कैसे बड़े खिलाड़ी सोचते हैं। वह भाग्यशाली है कि वह मुंबई में क्रिकेट खेला और बड़े क्रिकेटरों से उसे टिप्स मिले। एक चीज मैं उसे हमेशा बताता था कि अच्छा खेलने वाले बहुत होते हैं दुनिया में, लेकिन लंबा खेलने वाले बहुत कम होते हैं। अगर आपको बड़ा बनना है तो आपको ऐसी आदतें डालनी होंगी, जो आपको निरंतर बना सकें। इसके साथ ही राजस्थान रॉयल्स ने भी उस पर काफी काम किया है।

    अब यशस्वी काफी सफल हैं। क्या अब भी वह आपसे सलाह लेते हैं या फिर सामान्य बातचीत होती है?

    आज से नहीं बहुत पहले से ही बहुत ही गुपचुप रूप से उसे मेंटर करता हूं। जब वह अंडर-14 भी खेलता था तो मैं इस तरीके से उसके मैच देखता था। जब वह अच्छा करता है तो मैं कभी उसे टोकता नहीं हूं, लेकिन जब लगता है कि उसका फार्म अच्छा नहीं चल रहा है तो जरूर उसे सलाह देता हूं।

    ये तय है कि कुछ बड़े सितारे जाने वाले हैं और नए सितारे बनने वाले हैं। क्या आप यशस्वी को भविष्य के बड़े स्टार के रूप में देखते हैं?

    देखिए मैं बहुत प्रैक्टिकल बात करता हूं और क्रिकेट बहुत ही क्रूर खेल है। आपको बहुत ज्यादा आगे का नहीं सोचना चाहिए। आपको छोटे छोटे लक्ष्य के साथ चलना चाहिए। मैं हमेशा कहता हूं कि निरंतरता बहुत जरूरी है। भारतीय प्रशंसकों की मैमोरी बहुत की शॉर्ट होती है। अगर चार या पांच पारी खराब हो जाए तो आपकी आलोचना शुरू हो जाती है। लेकिन जिस तरह से वह खेलता है और खेल रहा है, उसमें बड़ा स्टार बनने की क्षमता है।

    अभी वनडे टीम घोषित होनी है और चैंपियंस ट्रॉफी भी होनी है। क्या टेस्ट में प्रदर्शन का लाभ उसे वहां मिलेगा?

    यशस्वी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और आस्ट्रेलिया में आकर रन बनाना आसान नहीं होता। ये दिखाता है कि वह अच्छी लय में है और बाकी सीरीज में उसे मौका मिलना चाहिए। हालांकि चीजें चयनकर्ताओं के हाथ में हैं, लेकिन उसे मौका मिलेगा तो वह अच्छा प्रदर्शन करेगा।

    क्या आपको याद आता है कि जब आपके संघर्षों के दिन थे, ये बात हुई थी कि आस्ट्रेलिया में तुम बॉक्सिंग डे खेलोगे और मैं तुम्हें देखूंगा?

    वसीम जाफर मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, मैंने उनके साथ काफी काम किया। उन्होंने 31 टेस्ट मैच खेले हैं। मैंने वसीम भाई के साथ बहुत अभ्यास किया है। मैं यशस्वी को हमेशा कहता था कि 31 टेस्ट मैच तक तो मैं तेरे टेस्ट प्रदर्शन को गंभीरता से लूंगा ही नहीं, जब तू 32वां टेस्ट खेलेगा तो मुझे लगेगा कि मेरी नई यात्रा शुरू हुई है क्योंकि 31 टेस्ट मैच की यात्रा तो वसीम भाई के साथ पूरी कर चुका हूं इसलिए जब तू 32वां टेस्ट खेलेगा तो मेरी यात्रा वहां से शुरू होगी।