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    IPL 2021 में किन बातों को ध्यान में रखकर टीमों को करनी चाहिए प्लेइंग XI का चयन, सुनील गावस्कर ने किया खुलासा

    गावस्कर ने कहा कि विदेशी क्रिकेटरों को पता होता है कि प्रदर्शन कैसा भी हो एक निश्चित रकम मिलना तय है और यहां किया गया प्रदर्शन राष्ट्रीय टीम में उनके चयन पर किसी तरह का खतरा पैदा नहीं करता। ये लापरवाही भरा खेल खेलकर अपनी फ्रेंचाइजी को नीचा दिखाते हैं।

    By Sanjay SavernEdited By: Updated: Thu, 08 Apr 2021 07:20 PM (IST)
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    राजस्थान के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ (एपी फोटो)

    सुनील गावस्कर का कॉलम

    पिछले सत्र की तरह टूर्नामेंट का ये सत्र भी कोरोना वायरस महामारी के साए में खेला जा रहा है। इसके लिए हम सिर्फ खुद को ही जिम्मेदार ठहरा सकते हैं क्योंकि हमें जो आसान सी चीजें बताई गईं थीं, हमने उनका ध्यान नहीं रखा। उम्मीद है कि यूएई में लीग के पिछले सत्र की तरह ही इस बार भी कई ऐसे जादुई लम्हे देखने को मिलेंगे जो इससे पहले कभी नहीं देखे गए। मिनी नीलामी में हमने देखा कि फ्रेंचाइजी ने कुछ ऐसे खिलाड़ियों पर बड़ी रकम खर्च की जिनकी विश्वसनीयता पर संदेह है।

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    ऐसे खिलाड़ी जिनका इतिहास फिटनेस संबंधी समस्याओं का रहा है या फिर ऐसे क्रिकेटर जिनका कम से कम इस टूर्नामेंट के प्रति रवैया बेहद लापरवाही भरा रहा है। उन विदेशी क्रिकेटरों को ये पता होता है कि प्रदर्शन कैसा भी रहे टी-20 लीग में एक निश्चित रकम मिलना तय है और यहां किया गया प्रदर्शन राष्ट्रीय टीम में उनके चयन पर किसी तरह का खतरा पैदा नहीं करता। ये खिलाड़ी लापरवाही भरा खेल खेलकर अपनी फ्रेंचाइजी को नीचा दिखाते हैं।

    वहीं, दूसरी ओर भारतीय खिलाड़ी जानते हैं कि इस मंच पर बिखेरी गई चमक भारतीय टीम में खेलने के उनके अवसर को बढ़ा देती है। इसके लिए उन्हें अपनी फ्रेंचाइजी के लिए बेहतरीन खेल दिखाने की जरूरत है। एक ऐसे प्रारूप में जिसमें हालात धड़कन के साथ बदलते रहते हैं। हर टीम में स्टार खिलाड़ियों की फौज है जो कभी भी मैच का रुख बदल सकते हैं। टीमों को थोड़ी चतुराई दिखानी होगी, खासकर ये बात समझते हुए कि यहां की पिचें यूएई की पिचों से अलग होंगी। अप्रैल-मई में तो टर्न की आशंका और अधिक रहेगी। ये भी ध्यान रखना होगा कि भारतीय मैदानों की बाउंड्री भी छोटी होगी। इसे दिमाग में रखते हुए ही टीम का संयोजन बनाना होगा।

    ऐसे कौन से युवा खिलाड़ी हैं जिनकी ओर हमें इस लीग में देखना चाहिए। ऋतुराज गायकवाड़ ने पिछले सत्र के दूसरे हाफ में अच्छा प्रदर्शन किया। पृथ्वी शॉ ने विजय हजारे ट्रॉफी में कमाल की बल्लेबाजी की। या फिर इशान किशन और सूर्यकुमार यादव जिन्होंने भारत के लिए प्रभावशाली पदार्पण किया। संजू सैमसन को राजस्थान रॉयल्स के कप्तान की जिम्मेदारी भी मिली है। देवदत्त पड्डीकल का पिछला सत्र शानदार रहा।

    प्रियम गर्ग और अब्दुल समद को भी देखना होगा कि उन्होंने पिछले सत्र से सबक लेकर ज्यादा रन बनाने के लिए कमर कसी है या नहीं। गेंदबाजों में टी. नजराटन होंगे जिनके लिए पिछला सत्र सपनों सरीखा रहा। न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज काइल जेमिसन जो बल्लेबाजी भी कर सकते हैं। इनके अलावा कई ऐसे भी हैं जिनके बारे में दुनिया 31 मई तक जान जाएगी। इस टी-20 लीग की खूबसूरती ही यही है कि यहां प्रतिभा की मुलाकात अवसर से होती है।