रोहित शर्मा को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया जाना सही फैसला क्यों नहीं है, युवराज सिंह ने बताया
युवराज सिंह ने कहा कि उनकी फिटनेस की वजह से उनकी टेस्ट कप्तानी पर भी दवाब बढ़ेगा। उन्हें टेस्ट क्रिकेट में पारी की शुरुआत किए अभी कुछ ही साल हुए हैं। वह अच्छा खेल रहा है और इस खिलाड़ी को टेस्ट क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देने दीजिए।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व आलराउंडर युवराज सिंह का मानना है कि रोहित शर्मा को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया जाना एक भावनात्मक फैसला था। इस साल साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली 1-2 से हार के बाद विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ दी थी और फिर रोहित शर्मा को ये जिम्मेदारी दी गई थी। रोहित शर्मा पहले ही भारतीय वनडे और टी20 टीम के कप्तान थे ऐसे में उनका टेस्ट कप्तान चुना जाना लगभग तय था।
वैसे कई क्रिकेट एक्सपर्ट का मानना था कि बीसीसीआइ को अन्य विकल्पों पर गौर करना चाहिए क्योंकि उस समय रोहित शर्मा 34 साल के थे और उनकी इंजरी का इतिहास लंबा रहा है। रोहित शर्मा हैमस्ट्रिंग की वजह से कई अहम सीरीज से बाहर हो चुके थे, लेकिन राष्ट्रीय चनयकर्ता रोहित शर्मा के साथ ही गए क्योंकि बतौर कप्तान उन्होंने अपनी क्षमता साबित की थी। रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई इंडियंस के लिए आइपीएल में खेलने वाले युवराज सिंह ने उनके नेतृत्व कौशल की खूब प्रशंसा की और ये भी कहा कि दाएं हाथ के इस बल्लेबाज को कुछ समय पहले सफेद गेंद का कप्तान बनाया जाना चाहिए था।
युवराज सिंह ने स्पोर्ट्स 18 की होम आफ हीरोज शो में कहा कि वो शानदार नेता हैं और मुंबई के लिए मैं उनकी कप्तानी में खेल चुका हूं। वो बहुत अच्छी सोच वाले कप्तान हैं और उन्हें कम से कम सफेद गेंद के क्रिकेट में कुछ समय पहले ही कप्तान बनाया जाना चाहिए था। हालांकि विराट कोहली इतना अच्छा कर रहे थे और उनकी कप्तानी में भारतीय टीम की अच्छा प्रदर्शन कर रही थी इस वजह से ये इतना आसान नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि रोहित को टेस्ट कप्तान बनाया जाना इमोशन फैसला था क्योंकि एक खिलाड़ी जिसकी फिटनेस पर सवाल हो उसे आप टेस्ट कप्तान नहीं बना सकते। रोहित काफी इंजर्ड हो रहे हैं और रोहित उस उम्र में हैं जहां पर उसे अपने शरीर की देखभाल करनी चाहिए।
युवी ने कहा कि उनकी फिटनेस की वजह से उनकी टेस्ट कप्तानी पर भी दवाब बढ़ेगा। उन्हें टेस्ट क्रिकेट में पारी की शुरुआत किए अभी कुछ ही साल हुए हैं। वह अच्छा खेल रहा है और इस खिलाड़ी को टेस्ट क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देने दीजिए। मुझे आशा है कि वह आनंद लेंगे, टेस्ट के दौरान मैदान में 5 दिनों तक खड़े रहना आसान नहीं है।
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