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    T20 World Cup 2022: टी-20 में किसी भी टीम को दावेदार कहना मुश्किल- सुनील गावस्कर

    T20 World Cup 2022 सुनील गावस्कर का कहना है कि अगर भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप खिताब नहीं जीत पाती है तो इसके लिए अभ्यास की कमी को दोष देना इस बार तो सही नहीं होगा। भारतीय टीम आइसीसी के टू्र्नामेंट में संघर्ष करती नजर आती है।

    By Sanjay SavernEdited By: Updated: Mon, 17 Oct 2022 05:56 AM (IST)
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    टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज सुनील गावस्कर (एपी फोटो)

    सुनील गावस्कर का कालम 

    एक बात तो पक्की है कि अगर भारतीय टीम आइसीसी टी-20 विश्व कप नहीं जीत पाती है तो यह तैयारी की कमी के कारण नहीं होगा। भारतीय टीम टूर्नामेंट में अपने पहले मैच से तीन सप्ताह पहले आस्ट्रेलिया पहुंची और उसने अच्छी टीमों के विरुद्ध अभ्यास मैच भी खेले, जिससे वह इस वैश्विक टूर्नामेंट के लिए तैयार हो सके। एक पुरानी कहावत है, अगर आप तैयारी करने में असफल रहते हैं तो असफल होने की तैयार रहें। हालांकि, यह कहावत भारतीय टीम पर लागू नहीं होगी क्योंकि टीम ने आस्ट्रेलिया में अभ्यास मैच खेले और अपने घर में छह टी-20 मैच भी खेले। इन मैचों में से चार में उसे जीत मिली।

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    द्विपक्षीय सीरीज में भारत का सीमित ओवर में प्रदर्शन हमेशा अच्छा रहा है, चाहे घर में हो या बाहर, लेकिन बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में टीम संघर्ष करती नजर आई है। अतीत में ऐसा हुआ क्योंकि टीम इस इवेंट में बेहतर तैयारी के साथ नहीं आई, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है और इसलिए भारतीय क्रिकेट के युवा और अनुभवी प्रशंसक चाहते हैं कि इस बार विश्व कप हमारे घर में ही आए। हां, अन्य टीमों को भी अभ्यास मैच मिले जिससे इन टीमों को भी लय हासिल करने का मौका मिला, लेकिन जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा की अनुपस्थिति के बावजूद भारतीय टीम पर सभी की नजरें हैं।

    टी-20 के मैच में कोई भी गेंद पासा पलट सकती है, इसलिए सर्वश्रेष्ठ टीम आगे बढ़ेगी और यही कारण है कि किसी भी टीम को दावेदार कहना मुश्किल है। मेजबान देश गत चैंपियन है तो जाहिर है कि उसे इसका फायदा रहेगा, क्योंकि वह अपने घरेलू वातावरण और पिच में खेलेंगे। इसके अलावा किसी भी टीम के लिए घरेलू दर्शकों का समर्थन हमेशा अतिरिक्त फायदेमंद रहता है। भारतीय टीम भाग्यशाली है जिसे हर जगह समर्थन मिलता है और विदेशों में भी उनके प्रशंसक भारी संख्या में टीम का समर्थन करने के लिए आते हैं। इससे दबाव भी बढ़ता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय खेल क्या है, यही कि जहां एक सर्वश्रेष्ठ टीम के सामने एक अन्य बेहतर टीम होती है।

    क्रिकेट में एक नया शब्द आया है वेडिंग। कोई भी खिलाड़ी अब अगर फील्डर को बाधित करने की कोशिश करेगा तो उसे वेडिंग का जिम्मेदार माना जाएगा। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने दावा किया कि वह गेंद पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे जो हवा में थी और उन्हें नहीं पता कि क्या हुआ, इसलिए वह अपील नहीं कर सके, लेकिन अंपायर को सक्रिय होकर ऐसा करना चाहिए था। अगर बल्लेबाज बोल्ड होगा तो क्या अपील के लिए इंतजार करना होगा? तो अगर नियम टूटते हैं तो इसके लिए अपील का इंतजार क्यों करें। उनके पास टीवी अंपायर है जो हर चीज को स्लो मोशन में देखकर फैसला ले सकते हैं।

    आश्चर्य की बात तो यह है कि मीडिया से भी किसी ने यह नहीं कहा। साफ है कि यह दो पुराने दोस्तों के बीच मैच था, लेकिन सोचिए अगर वेड ने जैसा किया वैसा किसी एशियाई बल्लेबाज ने किया होता। जब जीतने की बात आती है तो हर टीम जीतने के लिए कुछ भी करेगी और क्रिकेट की भावना की चिंता नहीं करेगी। सही क्रिकेट की भावना यही होती है जब बल्लेबाज को पता हो कि वह आउट है और वह क्रीज छोड़कर चला जाए और गेंदबाज तथा फील्डर अपील नहीं करें अगर उन्हें पता है कि बल्लेबाज आउट नहीं है।