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    टेस्ट क्रिकेट पर गहरा असर डाल रहा है टी-20 प्रारूप : इयान चैपल

    By Sanjay SavernEdited By:
    Updated: Sun, 10 Oct 2021 07:37 PM (IST)

    आस्ट्रेलिया के इस दिग्गज ने कहा कि टी-20 प्रारूप खिलाड़ियों के लिए अधिक लुभावना और आकर्षक है। चैपल ने कहा टी-20 प्रारूप आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को छोड ...और पढ़ें

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    भारतीय टी20 टीम के खिलाड़ी (एपी फोटो)

    नई दिल्ली, प्रेट्र। आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल का मानना है कि टी-20 प्रारूप के लगातार बढ़ते कदमों से टेस्ट क्रिकेट पर गहरा असर पड़ रहा है विशेषकर कोविड-19 के कारण पैदा हुई मुश्किल परिस्थितियों में लंबी अवधि के प्रारूप के लिए स्थिति अधिक विकट हो गई है।

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    चैपल ने कहा कि टी-20 में मैच पूरा करने में कम समय लगता है और इसलिए यह पारंपरिक प्रारूप पर हावी हो गया है। उन्होंने कहा, 'यूएई में टी-20 विश्व कप खेला जाना है और उसके बाद उम्मीद है कि आस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज होगी। एशेज सीरीज को लेकर चली बातचीत का मुख्य कारण कोविड महामारी थी लेकिन टी-20 प्रारूप टेस्ट क्रिकेट पर अधिक गहरा प्रभाव डाल रहा है। टी-20 टूर्नामेंट में भाग लेने वाले देशों को शामिल करने के लिए केवल कुछ दिनों की जरूरत होती है और इसलिए वर्तमान की मुश्किल परिस्थितियों में लंबी अवधि की टेस्ट सीरीज की तुलना में इसमें समझौता करना आसान होता है।'

    उन्होंने कहा, 'कम अवधि का होने के कारण टी-20 क्रिकेट उन देशों को टेस्ट मैचों की तुलना में अधिक अनुकूल लगता है जो पारंपरिक तौर पर क्रिकेट खेलने वाले देश नहीं हैं। यही वजह है कि आगामी टी-20 टूर्नामेंट में ओमान और पापुआ न्यूगिनी जैसे देश भाग ले रहे हैं।' आस्ट्रेलिया के इस दिग्गज ने कहा कि टी-20 प्रारूप खिलाड़ियों के लिए अधिक लुभावना और आकर्षक है। चैपल ने कहा, 'टी-20 प्रारूप आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को छोड़कर अन्य देशों में टेस्ट क्रिकेट की तुलना में अधिक लुभावना और लोकप्रिय है। जब अन्य मामलों की बात आती है तो अधिकतर प्रशासकों को अदूरदर्शी माना जाता है और इस लिहाज से यह खेल की भविष्य की किसी भी योजना की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु है। टेस्ट खिलाड़ी तैयार करने के लिए आवश्यक आधारभूत लागत गैर पारंपरिक क्रिकेट देशों के लिए अत्याधिक होगी। दूसरी तरफ वे एक टी-20 प्रतियोगिता का संचालन कर सकते हैं जिससे उनकी अच्छी आय भी होगी।'

    चैपल ने कहा, ''यहां तक कि अगर गैर पारंपरिक देश की अपनी टी-20 प्रतियोगिता नहीं है तब भी उसके बेहतर खिलाडि़यों के पास विदेशों में टूर्नामेंट खेलकर अच्छी कमाई करने का अवसर रहेगा।' चैपल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट चलता रहेगा लेकिन यह पारंपरिक क्रिकेट देशों तक ही सीमित रहेगा। उन्होंने कहा, 'इन सब बातों पर गौर करने पर पता चलता है कि भविष्य में टेस्ट सीरीज पारंपरिक क्ति्रकेट देशों के बीच ही खेली जाएंगी। टेस्ट खेलने वाले नए देशों आयरलैंड और अफगानिस्तान में खेल का लंबा प्रारूप फलेगा फूलेगा इसकी संभावना कम लगती है। यह टेस्ट क्रिकेट की धूमिल तस्वीर है जो महामारी के कारण पैदा हुई विपरीत परिस्थितियों में और धूमिल हो गई है।'