7 दिन से घर से बाहर नहीं निकलें हैं सुनील गावस्कर, चाहते हैं कि MS Dhoni खेलें वर्ल्ड कप
Coronavirus की वजह से भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर घर से नहीं निकले हैं। धौनी को लेकर कहा है कि उन्हें वर्ल्ड कप खेलना चाहिए। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस ने आम आदमी को ही नहीं खेलों को भी अपनी जद में ले लिया है। पूरे विश्व में खेल बंद हो गए हैं और खिलाड़ी घर पर आराम कर रहे हैं। देश से लेकर विदेश में कमेंट्री करने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर भी इस समय सारा समय घर पर ही बिता रहे हैं। यह पूर्व दिग्गज बल्लेबाज भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हाल ही में रद हुई वनडे सीरीज के बाद से घर में ही समय बिता रहा है। वह घर पर ही वीडियो देख रहे हैं। इसके साथ ही वह खूब सो रहे हैं। सुनील गावस्कर से कोरोना से खेलों पर पड़े प्रभाव और भारतीय क्रिकेट से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर अभिषेक त्रिपाठी ने खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :
- कोरोना के कारण क्रिकेट बंद है। ऐसे में आपका समय कैसे कट रहा है? खाली समय में क्या कर रहे हैं?
-यह बहुत गंभीर स्थिति है और हम एक राष्ट्र के रूप में इसे हल्के में लेने का जोखिम नहीं उठा सकते। सरकार पूरी कोशिश कर रही है और हम सभी को सरकार द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करना चाहिए। हमें जिम्मेदार नागरिक होना चाहिए और इस तरह हम इस वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोक सकते हैं। मैं धर्मशाला में रद हुए मैच के बाद घर गया और उसके बाद से एक बार भी बाहर नहीं निकला हूं। मैं पढ़ रहा हूं। कुछ वीडियो देख रहा हूं और अच्छी नींद ले रहा हूं।
-आपको क्या लगता है कि आइपीएल में विदेशी खिलाड़ी खेलने आएंगे? अगर आइपीएल नहीं हो पाया तो क्रिकेट के लिए कितना नुकसान होगा?
-अगर अगले कुछ सप्ताह में स्थिति में सुधार होता है, तो आइपीएल हो सकता है लेकिन क्या अन्य बोर्ड अपने खिलाड़ियों को यात्रा करने की अनुमति देंगे या नहीं, ये हमें नहीं पता। सौभाग्य से जून-जुलाई के आसपास अधिकांश टीमों को अधिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलना है इसलिए तब जून में आइपीएल हो सकता है।
-न्यूजीलैंड में भारतीय टीम की टेस्ट सीरीज में हार को किस तरह देखते हैं? क्या कारण रहे? क्या भारतीय टीम न्यूजीलैंड में जाकर अभी भी डरती है?
- टेस्ट मैचों के लिए इन पिचों पर खेलना आसान नहीं था इसलिए यह समझ में आता है कि हमारे खिलाड़ियों ने संघर्ष किया, लेकिन यहां तक कि कीवी बल्लेबाजों के लिए भी आसान नहीं रहा। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने भी रन नहीं बनाए और हम सभी जानते हैं कि वह एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं।
-क्या आपको लगता है कि विदेशी पिचों खासतौर पर सेना देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड) में टीम इंडिया को और बेहतर करने के लिए कुछ बदलाव करने होंगे?
- यह एक मुद्दा है। जब पिच में कुछ अतिरिक्त होता है तो अधिकांश बल्लेबाजों के लिए उसमें खेलना मुश्किल हो जाता है। 1877 में क्रिकेट शुरू होने के बाद से यह हमेशा ऐसा ही रहा। न्यूजीलैंड में हार ने एक बार फिर दिखा दिया कि हमारे लिए विदेशों में जीतना आसान नहीं है। जैसे भारत घर पर अपराजेय है, वैसे ही अन्य देश भी अपने देशों में हैं। ऐसे में भारतीय टीम को विदेशी सरजमीं पर अपराजेय बनने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी।
-इस साल के आखिर में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। स्मिथ और वार्नर के लौटने से इस बार का भारत का दौरा पिछली बार से कितना कठिन होगा?
-मुझे लगता है कि इस बार ऑस्ट्रेलिया दौरे के साथ ही भारतीय टीम में कुछ बदलाव हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलियाई पिचों में उछाल हो सकती है, लेकिन नई गेंद से कुछ ओवर होने के बाद वहां बहुत अधिक दिक्कत नहीं है इसलिए बल्लेबाजी में बहुत अधिक समस्या नहीं होनी चाहिए। कूकाबूरा गेंद भी उतनी परेशान नहीं करती है इसलिए हमारे बल्लेबाजों को वहां अधिक परेशानी नहीं होनी चाहिए। निश्चित रूप से स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के टीम में आने से भारत के लिए इस बार वहां जीत हासिल करना आसान नहीं होगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भी जसप्रीत बुमराह और हमारे गेंदबाजों पर अपना होमवर्क करेंगे।

- कपिल देव ने हाल ही भारतीय कप्तान विराट कोहली को लेकर कहा था कि उम्र बढ़ने पर खिलाड़ी को अधिक अभ्यास करना होता है। जब आप 30-31 के थे तो हैंड-आई संयोजन के लिए क्या करते थे? आप विराट को क्या सलाह देंगे?
-इसमें कोई शक नहीं है कि विराट एक शानदार बल्लेबाज हैं इसलिए सिर्फ एक खराब सीरीज के बाद उनकी बल्लेबाजी को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। वह ऑस्ट्रेलिया में बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं और एक बार फिर से शतक लगाकर वह वापसी करेंगे।
-न्यूजीलैंड दौरे के नतीजे को देखते हुए क्या आपको लगता है कि हमारी बल्लेबाजी विदेश में टेस्ट जीतने के लायक है?
- यह भी याद रखें कि चोटिल होने के कारण रोहित शर्मा न्यूजीलैंड में टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे और इसलिए कीवी गेंदबाजों पर दबाव बनाने के लिए कोई नहीं था। पुजारा भी नहीं चले और इन सभी कारकों ने भी उनकी मदद की। हमारा कोई भी बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका लेकिन इससे पूरी बल्लेबाजी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।

-क्या आप धौनी को टी-20 विश्व कप की टीम में देखना चाहेंगे?
-बेशक मैं टी-20 विश्व कप में धौनी को देखना पसंद करूंगा लेकिन ऐसा होने की संभावना नहीं है। टीम आगे बढ़ गई है। धौनी कोई बड़ी घोषणा करने वालों में से नहीं है इसलिए मेरा मानना है कि वह शांतिपूर्वक धीरे-धीरे इस खेल से विदा ले लेंगे।
-हाल ही में संजय मांजरेकर को कमेंट्री पैनल से बाहर किया गया। इस पर आपकी क्या राय है?
-मांजरेकर ने खुद स्वीकार किया है कि कमेंट्री टीम चुनने का अधिकार बीसीसीआइ का है और उन्हें लगता है कि बीसीसीआइ द्वारा निर्धारित मानक पर वह खरे नहीं उतर पाए। केवल बीसीसीआइ आपको इसका जवाब दे सकती है।

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