'बच्चा था, जब मेरे सामने खेला; पता नहीं अब पहचानेगा या नहीं', Shubman Gill के खिलाफ खेलेगा UAE का खिलाड़ी
भारतीय टी20 टीम के उप-कप्तान शुभमन गिल के सामने यूएई की तरफ से एक ऐसा खिलाड़ी खेलेगा जिसने उन्हें बचपन में बल्लेबाजी का भरपूर अभ्यास कराया है। भारत और यूएई के बीच बुधवार को एशिया कप 2025 का दूसरा मुकाबला खेला जाएगा। यूएई के खिलाड़ी ने बताया कि उन्होंने शुभमन गिल को नेट्स पर काफी अभ्यास कराया क्योंकि उन्हें अतिरिक्त गेंदबाजी करना पसंद था।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। 'मैं शुभमन को बचपन से जानता हूं, लेकिन पता नहीं कि वो मुझे पहचानेगा या नहीं।' यूएई के बाएं हाथ के स्पिनर सिमरनजीत सिंह ने मुस्कुराते हुए पुराना समय याद किया।
बता दें कि भारत और यूएई के बीच बुधवार को दुबई में एशिया कप 2025 का दूसरा मुकाबला खेला जाएगा। शुभमन गिल भारतीय टीम के उप-कप्तान बनकर मैदान संभालेंगे और उनको कड़ी टक्कर 35 साल के सिमरनजीत सिंह देंगे। लुधियाना के सिमरनजीत ने याद किया कि मोहाली में पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन में 12 साल का प्रतिभाशाली खिलाड़ी (शुभमन) आता था।
सिमरनजीत ने क्या कहा
'2011-12 की बात है। शुभमन गिल 11 या 12 साल का होगा। हम मोहाली में पीसीए एकेडमी में सुबह छह से 11 बजे तक अभ्यास करते थे। शुभमन को 11 बजे के आस-पास पिता का भी साथ मिलता था। मैं उनमें से था, जो अपने सेशन के बाद अतिरिक्त गेंदबाजी करता था। पता नहीं कि वो मुझे पहचानेगा या नहीं, लेकिन मैंने शुभमन को काफी गेंदबाजी की है।'
कोच के भरोसेमंद
35 साल के सिमरनजीत सिंह को यूएई के हेड कोच लालचंद राजपूत बहुत पसंद करते हैं। राजपूत ने कहा, 'टी20 इंटरनेशनल में हर बाएं हाथ का स्पिनर इतना जिगर नहीं रखता कि गेंद को हवा में लहराए और उसे निरंतर फ्लाइट कराने पर जोर दे। सिमरन जानता है कि फ्लाइट कराके कैसे विकेट निकालने हैं।'
रणजी के संभावितों में बनाई जगह
सिमरनजीत सिंह ने 12 टी20 इंटरनेशनल मैचों में छह से कम की इकोनॉमी दर से 15 विकेट झटके। 5 सितंबर को अफगानिस्तान के खिलाफ उन्होंने 24 रन देकर एक विकेट चटकाया, जिसमें 11 डॉट गेंदें शामिल थी।
सिमरनजीत ने याद किया, 'मैंने पंजाब में काफी जिला क्रिकेट खेला। 2017 में रणजी के संभावितों में जगह मिली। इसके अलावा मैंने किंग्स इलेवन पंजाब के लिए काफी नेट्स पर गेंदबाजी की। उनका सेशन अगर मोहाली में हुआ तो मैं नेट्स पर गेंदबाजी करता था।'
कोविड-19 के बाद बदली जिंदगी
सिमरनजीत सिंह को लगातार मौके नहीं मिल रहे थे, जिससे उन्हें एहसास हुआ कि भारत के लिए खेलने का सपना अधूरा रह सकता है। फिर कोविड-19 ने सिमरनजीत की जिंदगी बदल दी।
उन्होंने कहा, 'मुझे दुबई में अभ्यास करने का प्रस्ताव मिला। अप्रैल 2021 में मैं यहां 20 दिनों के लिए आया। फिर कोविड की दूसरी वेव शुरू हुई और भारत में एक बार फिर लॉकडाउन लग गया। मैं कई महीने भारत वापस नहीं लौट पाया और यहीं रुक गया।'
यूएई में मिली आजादी
यूएई टीम में क्वालीफाई करने के लिए सिमरनजीत सिंह को घरेलू क्रिकेट के तीन सीजन खेलना जरूरी था। उन्होंने ऐसा ही किया और फिर हेड कोच लालचंद राजपूत से संपर्क करके ट्रायल देने की गुजारिश की।
बाएं हाथ के स्पिनर ने कहा, '2021 से मैं दुबई में बस गया। मुझे जूनियर खिलाड़ियों को कोचिंग देने से अच्छी आमदनी होने लगी। मैं क्लब क्रिकेट खेल रहा था और जूनियर खिलाड़ियों को कोचिंग दे रहा था। इस तरह मैं अपना घर अच्छी तरह चला पा रहा था। मुझे यूएई टीम में मौका मिला और अमीरात क्रिकेट बोर्ड से केंद्रीय अनुबंध मिला। चीजें ठीक होने लगी।'
यूएई को बताया शानदार देश
सिमरनजीत सिंह सिख हैं और उन्होंने कहा कि यूएई में अपने धर्म का पालन करने की खुली अनुमति है। उन्होंने कहा, 'यह शानदार देश है। अगर मुझे कोई दिक्कत होती तो मैं यूएई का प्रतिनिधित्व नहीं करता। मेरे धर्म का सम्मान है। कोई मेरी दाढ़ी, मेरे कड़े पर सवाल नहीं करता। मैं क्यों किरपान रखता हूं, इस पर कोई सवाल नहीं करता।'
यह पूछने पर भारत के खिलाफ मुकाबले में परिवार वाले किस टीम का समर्थन करेंगे तो सिमरनजीत ने ठहाका लगाते हुए कहा, 'यह बता पाना मुश्किल है। सपना तो भारत के लिए खेलने का था, लेकिन अब मैं यूएई के लिए खेल रहा हूं। मेरे ख्याल से वो भी यूएई का समर्थन करेंगे।'
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