जब सचिन तेंदुलकर ने कप्तान से कहा था 'प्लीज एक मौका दे दीजिए', जमाए धमाकेदार 82 रन
सचिन तेंदुलकर ने बताया कि भारत के लिए ओपनिंग करने के लिए उनको मिन्नत करनी पड़ी और हाथ जोड़े साथ ये शर्त भी रखी कि अगर वह फेल हुए तो दोबारा नहीं इसके लिए कभी बात नहीं करेंगे।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के महान बल्लेबाज सचिन रमेश तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने विश्व क्रिकेट में बतौर ओपनर अपनी धाक जमाई लेकिन ओपनिंग करने के लिए उनको काफी मेहनत करनी पड़ी थी। सचिन ने बताया कि भारत के लिए ओपनिंग करने के लिए उनको मिन्नत करनी पड़ी और हाथ जोड़े, साथ ये शर्त भी रखी कि अगर वह फेल हुए तो दोबारा इसके लिए कभी बात नहीं करेंगे।
सचिन ने पहले मैच में ओपनिंग करने के बारे में बताया, "जब मैंने साल 1994 में भारत के लिए ओपनिंग करना शुरू किया तो हर टीम उस वक्त अपना विकेट बचा कर खेलने की रणनीति के साथ खेलती थी। मैंने कुछ नया ही करने की कोशिश की। मैंने सोचा की गेंदबाजों पर आक्रमण करूंगा और उनपर हावी होकर बल्लेबाजी करूंगा। लेकिन इसके लिए मुझे मिन्नतें करनी पड़ी थी, प्लीज मुझे एक मौका दीजिए, अगर मैं फेल हो गया तो फिर दोबारा आपके सामने नहीं आउंगा।"
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सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने बताया कि कैसे मिले एक मौके का फायदा उठाया था, "अपने उस पहले मुकाबले (न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड वनडे) में मैंने 49 गेंद पर 82 रन बनाए थे इस वजह से मुझे दोबारा पूछना नहीं पड़ा कि एक और मौका मिलेगा या नहीं। वो मुझसे ओपनिंग कराने को लेकर काफी उत्साहित थे। लेकिन मैं यहां क्या कहना चाहता हूं कि आप असफलता से कभी ना घबराएं।"
सचिन तेंदुलकर के नाम भले ही वनडे क्रिकेट में 49 शतक हों लेकिन उनको भी अपने पहले शतक तक पहुंचने में पांच साल का वक्त लग गया था। साल 1994 के सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए सचिन ने कोलंबो में वनडे करियर का पहला शतक बनाया था। बतौर ओपनर सचिन ने पहली पांच पारी में 82, 63, 40, 63 और 73 रन बनाए थे। सचिन के नाम 463 वनडे में कुल 18426 रन हैं। वनडे इतिहास में सचिन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।