'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर क्यों नहीं करते तंबाकू और शराब का प्रचार, किया बड़ा खुलासा
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने इस बात का खुलासा किया है कि वे अपने पिता की वजह से तंबाकू और शराब का प्रचार नहीं करते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है। इतना ही नहीं, वह दुनिया के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने 200 टेस्ट और 460 से ज्यादा वनडे इंटरनेशनल मैच खेलने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इसके अलावा वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले भी दुनिया के इकलौते खिलाड़ी हैं। मैदान पर ही नहीं, बल्कि मैदान के बाहर भी दुनिया उनकी मुरीद है।
एक गरीब परिवार में जन्मे सचिन तेंदुलकर ने मैदान पर मास्टर ब्लास्टर के रूप में अपनी छाप छोड़ी और फिर जमीनी स्तर से उठकर आसमान की ऊंचाइयां छुईं। भले ही सचिन तेंदुलकर आज बड़ी हस्ती हों, लेकिन वे अपने अतीत को नहीं भूले हैं, जहां उनको पैसा तो नहीं, लेकिन ऐसे संस्कार जरूर मिले हैं, जिसके लिए लोग तरसते हैं। यही कारण है कि सचिन तेंदुलकर ने कभी भी पैसों के लिए अपने उसूलों से समझौता नहीं किया है।
बैटिंग जीनियस सचिन तेंदुलकर ने युवाओं पर अपनी बल्लेबाजी ही नहीं, बल्कि संस्करों की छाप छोड़ने का काम किया है। पिछले सप्ताह आज तक से बात करते हुए सचिन तेंदुलकर ने इस राज से पर्दा उठाया है कि उन्होंने कभी भी शराब और तंबाकू के उत्पादों का प्रचार क्यों नहीं किया है। यहां तक कि क्रिकेट के भगवान ने कभी सोड़ा और पान मसाला का भी प्रचार नहीं किया है, क्योंकि उनके पिता जी ये नहीं चाहते थे कि वे ऐसा करें।
सचिन तेंदुलकर ने कहा है, "यह एक वादा था जो मैंने अपने पिता से किया था। उन्होंने मुझे बताया कि मैं एक रोल मॉडल हूं, और बहुत सारे लोग आप का अनुसरण करेंगे। यही कारण है कि मैंने कभी तंबाकू उत्पादों या अल्कोहल का एंडोर्समेंट नहीं किया। 1990 के दशक में मेरे बल्ले पर स्टिकर नहीं था, मेरे पास कोई अनुबंध नहीं था, लेकिन टीम का हर खिलाड़ी विशेष रूप से दो ब्रांडों - विल्स और फोर स्क्वायर का समर्थन कर रहा था।"
तेंदुलकर ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने पिता से किसी भी शराब या तंबाकू से संबंधित ब्रांडों का समर्थन नहीं करने का वादा किया था। इस बारे में सचिन ने कहा, "मैंने इन ब्रांडों का समर्थन न करके अपने पिता को दिए अपने वादे को नहीं तोड़ा। मेरे पास उनके बल्ले पर स्टिकर होने से उनके ब्रांड का समर्थन करने के लिए उन्हें कई प्रस्ताव मिले, लेकिन मैं वह सब नहीं चाहता था। मैं इन दो चीजों से दूर रहा और अपने पिता से किया वादा कभी नहीं तोड़ा।"
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