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    श्रीसंत ने बताया किस टीम की तरफ से IPL में खेलने की थी तमन्ना और एम एस धौनी ने कैसे तोड़ दिया उनका दिल

    By Sanjay SavernEdited By:
    Updated: Thu, 10 Mar 2022 04:57 PM (IST)

    2011 वर्ल्ड कप में श्रीसंत को फाइनल में खेलने का मौका कैसे मिला इसके बारे में उन्होंने कहा कि प्रवीण कुमार इंजर्ड हो गए थे और मैं बेंगलुरु में था। मुझ ...और पढ़ें

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    भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज एस श्रीसंत (एपी फोटो)

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने 38 साल की उम्र में बुधवार को हर तरह की क्रिकेट से रिटायमेंट की घोषणा कर दी। श्रीसंत ने ट्विटर पर एक वीडियो के जरिए अपनी रिटायरमेंट की घोषणा की। अपनी रिटायरमेंट के बाद श्रीसंत ने कहा कि हर खिलाड़ी की एक उम्र होती है और वो इस दौरान कुछ कर पाता है। अब मेरी उम्र हो चुकी थी और ये सही वक्त था कि मैं क्रिकेट को अलविदा कह दूं जिससे कि युवा खिलाड़ियों को मौका मिल सके। 

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    श्रीसंत ने कहा कि मैं केरल के लिए इस साल रणजी ट्राफी जीतना चाहता था, लेकिन ये टीम लीग दौर से आगे नहीं बढ़ पाई। वहीं उन्होंने बताया कि मैं सिर्फ एक बार आइपीएल खेलना चाहता था और उसके बाद मैं नहीं खेलता। जब उनसे पूछा गया कि वो किस टीम की तरफ से आइपीएल में खेलना चाहते थे तो उन्होंने कहा कि वो सीएसके के लिए खेलना चाहते थे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्हें एम एस धौनी से काफी उम्मीद थी क्योंकि साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कई खिलाड़ी जैसे कि इरफान पठान को भी उन्होंने सीएसके के लिए खेलने का मौका दिया था। मुझे उम्मीद थी की सीएसके शायद मुझे खरीद लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 

    श्रीसंत से पूछा गया कि बैन के बाद आखिर आपके अंदर ऐसी बातें क्यों आ रही थी कि मुझे खेलना है, मुझे आइपीएल में खेलना है। आखिर आपको ये प्रेरणा कहां से मिल रही थी। इसका जवाब देते हुए श्रीसंत ने कहा कि मेरे अंदर इस खेल को लेकर काफी जुनून है और मुझे जहां से निकाला गया था मैं वहीं पर खत्म भी करना चाहता था। मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा था इसके अलावा मुझे मेरे दोनों बच्चे, मेरे माता-पिता और खुद से प्रेरणा मिलती थी। भारत के लिए खेलना मुश्किल था, लेकिन लीग में या फिर रणजी वगैरह में मैं खेल पाऊंगा  इसका मुझे विश्वास था। 

    2011 वर्ल्ड कप में श्रीसंत को फाइनल में खेलने का मौका कैसे मिला इसके बारे में उन्होंन कहा कि प्रवीण कुमार इंजर्ड हो गए थे और मैं बेंगलुरु में था। मुझे अचानक ही फिटनेस टेस्ट के लिए फोन आया और मुझे मौका मिल गया। मैंने इस वर्ल्ड कप का पहला और फाइनल मैच ही खेला था। मैंने भारत के लिए 2007 और 2011 दोनों वर्ल्ड कप फाइनल खेला और टीम की जीत का हिस्सा रहा। वहीं 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने जब पाकिस्तानी बल्लेबाज का कैच पकड़ा था इसके बारे में कहा कि ये संयोग ही था कि ऐसा हुआ और हम मैच जीत गए। श्रीसंत ने ये बातें खेल पत्रकार रवीश बिष्ट से बातचीत के दौरान कही।