'अगर वो नहीं खेलता, तो हम सीरीज जीत सकते थे', R Ashwin ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लेकर किया बड़ा खुलासा
भारतीय टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बताया कि किस खिलाड़ी के कारण उनकी टीम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवा बैठी। बता दें कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। अश्विन ने बताया कि एक खिलाड़ी भारी पड़ गया वरना भारतीय टीम सीरीज जीत सकती थी। जानें अश्विन ने किसका नाम लिया और क्यों?
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड को हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में सबसे बड़ा फर्क बताया। अश्विन का मानना है कि अगर बोलैंड का टीम में चयन नहीं होता तो भारतीय टीम सीरीज अपने कब्जे में कर लेती।
याद दिला दें कि भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-3 की शिकस्त सहनी पड़ी थी। बोलैंड को पर्थ टेस्ट में प्लेइंग 11 में जगह नहीं मिली थी, जिसे भारत ने जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में 295 रन के विशाल अंतर से जीता था। हालांकि, एडिलेड टेस्ट में जोश हेजलवुड चोटिल हुए और स्कॉट बोलैंड को स्क्वाड में जगह मिली। ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड टेस्ट 10 विकेट से जीता था।
बोलैंड को ब्रिस्बेन टेस्ट में फिर बेंच पर बिठाया गया था, लेकिन इसके बाद उन्हें मेलबर्न और सिडनी में लगातार खिलाया गया। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर सीरीज के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम भाग्यशाली थी कि बोलैंड टीम में आए।
यह भी पढ़ें: 'अगर मैं डिजर्व नहीं करता तो...', R Ashwin ने अचानक संन्यास लेने का खोला राज; बताई पूरी सच्चाई
ऑस्ट्रेलिया भाग्यशाली रहा
सभी कह रहे हैं कि पैट कमिंस के लिए सीरीज शानदार रही, लेकिन वह बाएं हाथ के बैटर्स के खिलाफ संघर्ष करते दिखे। ऑस्ट्रेलिया भाग्यशाली रहा कि स्कॉट बोलैंड टीम में आए। अगर बोलैंड नहीं खेलते तो भारत सीरीज जीत सकता था। जोश हेजलवुड को दुख नहीं पहुंचाना चाहता हूं, वो शानदार गेंदबाज हैं। मगर कंगारू टीम अगर एक समान गेंदबाजी आक्रमण के साथ खेलती तो हम सीरीज जीत जाते। बोलैंड ने हमारे बाएं हाथ के बैटर्स के खिलाफ राउंड द विकेट से जिस तरह गेंदबाजी की, वो बड़ा पहलु रहा।
बोलैंड का शानदार प्रदर्शन
बोलैंड ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का समापन तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में किया जबकि उन्होंने पांच में से केवल तीन मैच खेले थे। बोलैंड ने आखिरी दो टेस्ट में 16 विकेट चटकाए, जिसकी मदद से ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज करके सीरीज अपने नाम की।
सीरीज जीत से ऑस्ट्रेलिया को फायदा
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने 2014/15 के बाद पहली बार भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मात दी। कंगारू टीम ने पिछली चार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद ट्रॉफी अपने कब्जे में की। सीरीज जीतने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह पक्की की। भारतीय टीम खिताबी मुकाबले में हैट्रिक बनाने का मौका चूक गई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।