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"मैं कोई बनावटी बोल नहीं बोलता", Gavaskar के बयान पर R Ashwin का जबाव

R Ashwin on Sunil Gavaskar 2020 में गावस्कर ने अश्विन के साथ भेदभाव पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर कोई स्थापित बल्लेबाजों के साथ ऐसा नहीं होता है। अश्विन अगर एक मैच में परफॉर्म नहीं करेंगे तो उन्हें दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा। यह भारतीय क्रिकेट है। यहां अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग नियम हैं। अगर आपको मुझ पर विश्वास नहीं है तो रवि अश्विन से पूछे।

By Jagran NewsEdited By: Geetika SharmaPublished: Wed, 05 Jul 2023 10:16 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jul 2023 10:16 PM (IST)
R Ashwin reply to Sunil Gavaskar old comment on selection committee. Image Twitter

नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। भारत के सबसे बड़े मैच में से एक विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल 2023 में विश्व के नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को मुकाबले से बाहर करना का कोई फायदा नहीं हुआ।महान भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी और मिड-डे में अपने कॉलम में भी लिखा था कि वह अश्विन के साथ हुए व्यवहार से हैरान हैं। 

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गावस्कर ने दिया था बयान-

2020 में स्पोर्टस्टार के लिए एक कॉलम में सुनील गावस्कर ने बिना किसी से डरे हुए बड़ा बयान दिया था। गावस्कर ने लिखा था कि बहुत लंबे समय से अश्विन अपनी गेंदबाजी क्षमता के लिए नहीं, जिस पर कुछ मूर्ख लोगों को संदेह होगा, बल्कि साफ बात करने और बैठकों में सबके सामने अपनी बात रखना का नुकसान उठा रहे हैं, जहां ज्यादातर लोग सहमति न होने पर भी सिर्फ सिर हिलाते हैं। 

अश्विन से पूछे सच्चाई-

अगर अश्विन एक मैच में विकेट नहीं लेंगे तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता है जबकि स्थापित बल्लेबाजों के साथ ऐसा नहीं होता है। यह भारतीय क्रिकेट है। अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग नियम हैं। अगर आपको मुझ पर विश्वास नहीं है तो रवि अश्विन और टी. नटराजन से पूछे। 

अश्विन ने दिया बयान-

गावस्कर के इस बात का अब अश्विन ने करीब 3 साल बाद जवाब दिया है। स्पोर्टस्टार के साथ एक इंटरव्यू में अश्विन ने रहस्यमय तरीके से जवाब देते हुए कहा "यह एक सच्ची कहानी है और मैं कोई मनगढ़ंत बात नहीं करता। एक दिन मैं भारत-श्रीलंका का मैच देख रहा था और भारत की गेंदबाज़ी लड़खड़ा रही थी। मेरे पसंदीदा सचिन तेंदुलकर थे, और वह बल्ले से जो भी रन बना रहे थे।

हम गेंद से वो रन लुटा रहे थे। उस वक्त मैं सोचता था कि एक दिन मुझे गेंदबाज बनना है। क्या मैं वर्तमान में मौजूद गेंदबाजों से बेहतर नहीं हो सकता? यह सोचने का एक बहुत ही बचकाना तरीका है, लेकिन ऐसा ही है मैंने सोचा और इसीलिए मैंने ऑफ-स्पिन गेंदबाजी शुरू की। यहीं से इसकी शुरुआत हुई। 


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