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    IPL पर फोकस कर रहे करुण नायर, मोहित शर्मा बोले- माही भाई से मिली सीख मेरे काम आ रही

    Updated: Mon, 17 Mar 2025 06:00 AM (IST)

    करुण नायर का हालिया प्रदर्शन किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन कर भारतीय टीम में जगह बनाने का मजबूत दावा पेश किया है। नायर ने न केवल रणजी ट्रॉफी में रनों की झड़ी लगाई बल्कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी अपने शानदार खेल से सभी को प्रभावित किया। उनके इसी प्रदर्शन के दम पर वह आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा बने।

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    घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगा चुके करुण। इमेज- बीसीसीआई, एक्‍स

     लोकेश शर्मा, जागरण नई दिल्ली: करुण नायर का हालिया प्रदर्शन किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन कर भारतीय टीम में जगह बनाने का मजबूत दावा पेश किया है। नायर ने न केवल रणजी ट्रॉफी में रनों की झड़ी लगाई, बल्कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी अपने शानदार खेल से सभी को प्रभावित किया। उनके इसी प्रदर्शन के दम पर वह आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की टीम का हिस्सा बनने में सफल रहे।

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    आईपीएल के बाद भारतीय टीम जून में इंग्लैंड के विरुद्ध पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने के लिए रवाना होगी। हालांकि, यह चर्चा का विषय है कि करुण नायर वीरेंद्र सहवाग के बाद टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने वाले भारत के दूसरे खिलाड़ी हैं, उन्हें चयनकर्ताओं द्वारा लगातार नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है। जब नायर से पूछा गया कि क्या वह जून में इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए खुद को टीम में देखते हैं, तो उन्होंने कुछ पल सोचने के बाद जवाब देते हुए कहा अभी मेरा पूरा ध्यान आईपीएल पर है। मैं फिलहाल टेस्ट क्रिकेट के बारे में नहीं सोच रहा हूं। हालांकि, मैं आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर टीम इंडिया में वापसी जरूर करना चाहता हूं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय टीम में चयन को लेकर अभी तक किसी अधिकारिक व्यक्ति से उनकी कोई बात नहीं हुई है।

    नायर ने हाल ही में घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने नौ मैचों में 779 रन बनाए, जिसमें पांच शतक और एक अर्धशतक शामिल रहा। उनका औसत 389.50 का रहा। इसके अलावा रणजी ट्रॉफी में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन जारी रखा। केरल के खिलाफ फाइनल के चौथे दिन नायर ने नाबाद 132 रनों की पारी खेली, जो टूर्नामेंट में उनका चौथा शतक था। पूरे रणजी सीजन में उन्होंने 860 रन बनाए, जिनका औसत 57.33 रहा। इस दौरान घरेलू क्रिकेट में उनके बल्ले से कुल नौ शतक आए।

    रणजी ट्रॉफी में अपने आखिरी शतक के बाद किए गए सेलेब्रेशन को लेकर भी सवाल उठे कि क्या वह चयन नहीं होने की झुंझलाहट थी। इस पर नायर ने कहा, ऐसा बिल्कुल नहीं है। टीम में चयन होना या नहीं होना खेल का हिस्सा है। वह सेलेब्रेशन इसलिए था क्योंकि मेरे टीम मेट्स को मुझसे हमेशा अधिक शतक की उम्मीद रहती है। मुझे लगता है कि इस सीजन में मैं और भी अधिक शतक लगा सकता था।

    नायर ने कहा, मैं काफी समय से क्रिकेट खेल रहा हूं। मैंने उतार-चढ़ाव देखे हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि आप गिरावट से कैसे उबरते हैं और सफलता को कैसे संभालते हैं। मैंने सीखा है कि कठिन परिस्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए। मुश्किल समय ने ही मुझे इस स्थिति तक पहुंचाया है और आगे भी मुझे प्रेरित करता रहेगा।

    नायर ने टीम के नए कप्तान अक्षर पटेल के बार में कहा, अक्षर लंबे समय से क्रिकेट खेल रहे हैं और उनकी नेतृत्व क्षमता बेहतरीन है। वह खेल के हर पहलू को अच्छी तरह समझते हैं। मैं उनके साथ खेलने और उनसे सीखने को लेकर उत्साहित हूं। हालांकि, मैं पक्का नहीं कह सकता हूं कि मुझे एकदश टीम में जगह मिलेंगी या नहीं। नायर ने कहा मुझे नहीं लगता कि केएल राहुल और अक्षर पटेल के बीच कप्तानी को लेकर किसी प्रकार का कोई विवाद होगा। दोनों ही खिलाड़ी भारत की सीनियर टीम का हिस्सा और चैंपियंस ट्राफी जीत कर आए है।

    केएल राहुल चाहेंगे तो मैं विकेटकीपिंग कर सकूंगा- अभिषेक पोरल

    अभिषेक पोरल ने कहा कि मैं दिल्ली कैपिटल्स के लिए विकेटकीपिंगि करने के लिए एक दम तैयार हूं। हालांकि, मेरे विकेटकीपिंग करना या नहीं करना सीनियर खिलाड़ी केएल राहुल के ऊपर है। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि किस पायदान पर मुझे बल्लेबाजी करनी है। मैं किसी भी पायदान पर टीम में खेल सकता है और टीम को खराब परिस्थिति से ऊबार सकता हूं।

    माही भाई से मिली सीख मेरे काम आ रही है- मोहित शर्मा

    दिल्ली कैपिटल्स में आने से गुजरात टाइटंस और आशीष नेहरा से मेरे संबंध कभी खराब नहीं होंगे। नेहरा मेरे बड़े भाई की तरह है। पहले मुझे सभी एक नेट बालर के तौर पर देखा करते थे। लेकिन, गुजरात की टीम में शामिल होने के बाद मेरे सर से यह बोझ उतर गया है। मैं अपने प्रदर्शन के बलबूते ही दिल्ली कैपिटल्स में आया हूं। यहीं नहीं मुझे सीएसके में रहकर माही भाई से भी बहुत कुछ सीखने को मिला था जो मुझे आज काम आ रहा है।

    रेड़ से सफेद गेंद में आना मेरे लिए मुश्किल होता है- ट्रिस्टन स्टब्स

    दक्षिण अफ्रीका के उभरते हुए सितारे ट्रिस्टन स्टब्स को रेड़ गेंद से सफेद गेंद प्रारूप में खेलने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एक गेंद से दूसरे गेंद में आना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण होता है। अब हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर चुके है। मुझे उम्मीद है कि में टेस्ट्र प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करूंगा। साथ ही इस बार मैं दिल्ली कैपिटल्स की बल्लेबाजी लाइनअप को अपनी बल्लेबाजी से मजबूत बनाऊंगा।