जब सुनील गावस्कर को वाडेकर ने बाथरुम में किया था बंद, वजह है बेहद दिलचस्प
एक बार ओवल पर मैच के दौरान गावस्कर ने शतक लगाया, लेकिन उनकी पैंट फट गई।
नागपुर, कपीश दुबे, [जागरण स्पेशल]। भारतीय टीम की वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज जीत प्रशंसकों को याद है। मगर कम ही लोगों को पता है कि तत्कालीन भारतीय कप्तान अजित वाडेकर ने टीम को जीत दिलाने के लिए अंधविश्वास के चलते सुनील गावस्कर को बाथरूम में बंद कर दिया था। यह रहस्योद्घाटनखुद गावस्कर ने किया।
गावस्कर ने बताया 1970-71 में कैरेबियाई दौरे के शुरुआती टेस्ट में गैरी सोबर्स ने जयंती लाल का डाइव लगाकर खूबसूरत कैच लपका। अगले मैच में उनसे मेरे (गावस्कर) दो आसान कैच छूट गए। तब उन्होंने कहा ‘मैन कम विद लक’ यानि यह लड़का भाग्य लेकर आया है। अगले मैच में उन्होंने कहा कि इस लड़के के पास भाग्य है, मुझे इसे छूना है और वे मुझे छूकर बल्लेबाजी करने गए। इस मैच में उन्होंने शतक लगाया। इसके बाद उनका अंधविश्वास बढ़ गया और अगले मैच में फिर मुझे छूकर बल्लेबाजी करने गए। इस बार उन्होंने 178 रनों की नाबाद पारी खेली। उनके अंधविश्वास की खबर सभी को हो गई। आखिरी टेस्ट में कैच लपकते समय सोबर्स को चोट लगी और वे मैदान में नहीं उतरे। उसी दिन रात को उन्होंने अपने साथियों को बताया कि अगली सुबह बल्लेबाजी करने जाने से पहले मैं अजित और उनकी टीम को गुड मॉर्निग बोलने जाऊंगा।’
गावस्कर हंसते हुए आगे बताते हैं, ‘सोबर्स के आने की खबर हमारे कप्तान को भी लग गई। अगले दिन जब वे आने वाले थे तो अजित ने मुझे बाथरूम में बंद कर दिया। जब सोबर्स आए तो उनसे कहने लगे सुनील अभी बाथरूम में है और वे मुझे छू नहीं सके। हमें सीरीज जीतने के लिए यह टेस्ट ड्रॉ कराना जरूरी था। किस्मत से सोबर्स शून्य पर आउट हो गए तो वाडेकर मेरे पास आकर बोले, देखा उन्हें किस्मत का साथ नहीं मिलने दिया।’
फटी पैंट पहनकर उतरे सुनील
उन्होंने कहा कि इसी तरह एक बार ओवल पर मैच के दौरान मैंने शतक लगाया, लेकिन मेरी पैंट फट गई। अगले दिन वाडेकर ने कहा कि पैंट मत बदलना और मैं वही पहनकर मैदान में गया। तब फॉरवर्ड शार्ट लेग पर खड़ा था और इंग्लिश बल्लेबाज मुझे चिढ़ा रहे थे। तब के दौर में स्लेजिंग इसी तरह हल्के-फुल्के अंदाज में होती थी।
मेरी हिंदी समझ में आती है... : चर्चा में एक पत्रकार ने पूछा कि आप बहुत अच्छी मराठी बोलते हैं। इस पर स्टार बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने जवाब दिया मैं कमेंट्री हिंदी में करता हूं क्या वह समझ आती है। यह सुनकर सभी हंस दिए। फिर उन्होंने कहा कि मुंबईकर लोगों की हिंदी में मराठी मिली होती है। यदि मेरी हिंदी कमेंट्री पसंद है तो अच्छी बात है।
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