भारत ने बचाया था पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का करियर, ICC में अड़े थे डालमिया
पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का करियर 2000 में ही खत्म हो गया था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने उनके करियर को खत्म होने से बचाया।
नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन तौकीर जिया ने इस बात का खुलासा किया है कि पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का करियर 2000 में ही खत्म हो गया था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने उनके करियर को खत्म होने से बचाया।
साल 1999 इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने पीसीबी से कहा था कि तेज गेंदबाज अख्तर का गेंदबाजी एक्शन जांच के घेरे में है। पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष डालमिया जिन्होंने साल 1997 से 2000 तक आईसीसी को अपनी सेवा दी उन्होंने मदद की।
जगमोहन डालमिया तब आईसीसी के अध्यक्ष थे और उनका काफी प्रभाव हुआ करता था। उन्होंने शोएब अख्तर की काफी मदद की थी जब उनका गेंदबाजी एक्शन का केस हुआ था। आईसीसी के सदस्य अख्तर के गेंदबाजी एक्शन को गलत करार दे रहे थे उस वक्त डालमिया सबसे खिलाफ होकर पाक गेंदबाज के साथ खड़े हुए।
मेरे और डालमिया के कदम उठाने की वजह से आईसीसी ने आखिरकार अख्तर को मेडिकल लॉ के तरह गेंदबाजी एक्शन को मंजूरी दे दिया और यह माना कि जन्म के वक्त के ही उनकी कोहनी थोड़ी ज्यादा निकली हुई है और इसके बाद उनको खेलने की इजाजत मिली।
जिया ने शक जताया कि शायद 2003 के विश्व कप में कुछ खिलाड़ियों ने जानबूझ कर खराब प्रदर्शन किया था। विश्व कप बाद वसीम अकरम, वकार यूनुस और सईद अनवर को टीम के बाहर कर दिया गया था।
जिस तरह से खिलाड़ियों ने विश्व कप में प्रदर्शन किया उससे मैं बहुत निराश था क्योंकि जो टीम चुनी गई थी विश्व कप के लिए वो उस समय की सबसे बेहतरीन थी। मैं सुन रहा था टीम के अंदर चल रही गुटबाजी और खिलाड़ियों के बीच की अनबन को। मुझे तो शक होता है कि आपसी अनबन की वजह से ही उनमें से कुछ ने तो जानबूझकर अपने स्तर से कम प्रदर्शन किया था।